स्टार प्लस पर प्रसारित हो रहे धारावाहिक तू मेरा हीरो की बहू पंक्षी वर्तमान दौर की लड़की है, जो अपने पति का सपना पूरा करना चाहती है. वह यह जान चुकी है कि उसके पति टिटू में वह गुण है कि वह लोगों को हंसा सकता है. लेकिन टिटू के पिता को यह मंजूर नहीं, क्योंकि उन्होंने किसी दौर में खुद मुंबई में किस्मत आजमायी थी और वे सफल न हो सके. तो अपने बेटे को भी उस खाई में नहीं ढकेलना चाहते.वह बेटे को रोकने के लिए अब एक ढोंगी को चढ़ावा देने से भी गुरेज नहीं कर रहे. लेकिन पंक्षी अंधविश्वास को जड़ मिटाने का निर्णय लेती है और ढोंगी का सच भी सामने लाने की ठानती है. शशि सुमीत मित्तल के इस धारावाहिक में पंक्षी के किरदार को जिस रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है. यह टीवी सीरियल की बहुओं से कोसो दूर और बेहतरीन है. पंक्षी बहू के रूप में किचन पॉलिटिक्स की साजिशों का हिस्सा नहीं बन रही, बल्कि वह विकासशील सोच के साथ आगे बढ़ रही है. अंधविश्वास को मिटाने का जो ट्रैक शशि सुमीत मित्तल ने फिलवक्त तय किया है. यह ओह माइ गॉड फिल्म का टेली वर्जन है और बेहतरीन सोच है. वरना, अन्य धारावाहिक लगातार डायन, नागिन, काला जादू की कहानियां दर्शा रहे, जिससे न चाहते हुए भी अंधविश्वास का पलरा भारी हो रहा. ऐसे में इस सोच से पंक्षी बहू को दर्शाया जा रहा है तो यह इस बात का सूचक है कि दरअसल, फिलवक्त पंक्षी की जरूरत हर चैनल के धारावाहिकों को है, जो अंधविश्वास के ट्रैक लगातार अपने शोज में दिखाते रहते. तू मेरा हीरो के किरदार शो के सास, बहू व ससुर अन्य धारावाहिकों से अलग हैं और लोक कथाओं से जैसे हमें कई प्रेरणाएं मिलती रही हैं. इस धारावाहिक के ट्रैक से भी मिल रही है. वर्तमान दौर में एक शुद्ध और बेहतरीन धारावाहिकों में से एक है यह शो, जो छलावे व दिखावे से दूर है.
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