सलमान खान ने तय किया है कि वह वास्तविक जिंदगी में भी बजरंगी भाईजान की भूमिका निभायेंगे. उन्होंने पाकिस्तानी में खोई लड़की गीता को भारत वापिस लाने के लिए उन संस्थाओं से हाथ मिला रहे हैं, जो गीता को भारत पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं. सलमान खान के पिता सलीम खान ने उन्हें फिल्म के दौरान यह सलाह दी थी कि वे फिल्म में अंतिम क्रेडिट में आज की पार्टी मेरी तरफ से गीत बिल्कुल शामिल न करें. इससे फिल्म का प्रभाव कम हो सकता है और सलीम खान की यह सलाह सही भी साबित हुई. बजरंगी देख कर दर्शक नम आंखों से थियेटर से निकलते हैं. और यही वजह है कि बजरंगी दिल में घर कर जाते हैं. सलमान ने अपने करियर के इस मुकाम पर एक बेहतरीन निर्णय लिया और वे कामयाब भी हुए. उनकी फिल्में कामयाब तो होती रही हैं. लेकिन पहली बार किसी फिल्म को समीक्षकों से भी हरी झंडी मिली. निस्संदेह खुद सलमान ने भी यह महसूस किया होगा. सलमान पिछले कुछ दिनों में लगातार मीडिया से मिले हैं. और उनका रवैया मीडिया के प्रति बदला है. ऐसा नहीं है कि वे फिल्मों के लिए कोई बनावटी अवतार अपना रहे हैं. लेकिन हकीकत यह है कि वे बदले हैं और उनके सकारात्मक रूप को दर्शकों का दोगुना प्यार मिल रहा है. हाल ही में असीन से भी मुलाकात हुई.जब उनसे किसी ने यह जानना चाहा कि वह समाज सेवा से बहुत अधिक जुड़ी हुई हंै तो असीन ने कहा कि वे इसके बारे में अधिक बातें नहीं करतीं.उन्हें अच्छा नहीं लगता. करके जताना उन्हें पसंद नहीं है. उसी पत्रकार ने जानकारी दी कि असीन ने एक जरूरतमंद को घर भी तोहफे के रूप में दिया है. असीन और सलमान ने फिल्म रेडी में साथ काम किया है. हालांकि दोनों में कोई समानता नहीं. लेकिन सलमान की तरह ही असीन को भी मीडिया में गुणगान पसंद नहीं और उनका व्यवहार लुभाता है.
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