20140218

मुझे हर तरह का लाइफस्टाइल पसंद है :तोरल रासपुत्रा

बालिका वधू में आनंदी की भूमिका निभा रहीं तोरल रासपुत्रा को शुरुआती दौर में इस बात पर संदेह था कि उन्हें लोग आनंदी के रूप में स्वीकारेंगे या नहीं. लेकिन उन्हें सफलता मिल चुकी है और वे बेहद खुश हैं.
तोरल, शुरुआती दौर में आपको काफी नकारात् म क प्रतिक्रियाएं मिली थीं. उस वक्त में और अब वक्त में कितना फर्क महसूस करती हैं आप?
यह सच है कि मुझे शुरुआती दौर में लोगों का प्यार नहीं मिला था. मेर ेमन में भी डर था कि पता नहीं लोगों को मुझ पर विश्वास होगा या नहीं. चूंकि जब भी आप किसी एक्ट्रेस के रिप्लेसमेंट बनते हैं. आपको क्रिटिसिज्म झेलनी पड़ती है और वह मैंने भी झेली. लेकिन धीरे धीरे लोगों ने मुझे स्वीकार लिया.
आप आनंदी के किरदार से कितनी करीब हैं. वास्तविक जिंदगी में?
काफी करीब हूं. आनंदी को भी अपने कल्चर से काफी प्यार है और मुझे भी. मैं भी काफी डाउन टू अर्थ हूं. आनंदी भी. मुझसे आप मिल कर खुद जान जायेंगे कि मुझमें कोई सेलिब्रिटी टैंटरम नहीं हैं. आप सेट पर भी पूछ सकते हैं. हां, बस एक अंतर है हम दोनों के किरदार में आनंंदी बहुत जल्दी लोगों को माफ कर देती है. मैं नहीं करती. मैं अपने गुस्से को शांत नहीं कर पाती.  मैं आनंदी से बस यही एक चीज लेना चाहती हूं.
क्या आप आनंदी की तरह ट्रेडिशनल कपड़े पहनना पसंद करती हैं या मॉर्डन?
मुझे हर तरह का लाइफस्टाइल पसंद है. मुझे अच्छा लगता है यह सब. मुझे लगता है कि मैं एक अलग ही जिंदगी जी रही हूं. इस बहाने. खासतौर से ज्वेलरी. लेकिन हर वक्त ये पहनना कठिन  है.
 आपकी लगातार तुलना प्रत्युषा से होती रही तो आखिर आपने उस वक्त की परिस्थिति का सामना कैसे किया?
मुश्किल था. लेकिन मेरे परिवार ने मेरा साथ हमेश दिया. एक एक्टर के लिए वह वक्त काफी कठोर था. लेकिन मेरे परिवार ने हमेशा समझाया कि मैं धैर्य रखूं और खुद से जो हो सकता है करूं. यह सच है कि प्रत्यूषा ने जिस तरह शो में जगह बना रखी थी किसी और को उसे रिप्लेस करना मुश्किल था और मुझे इससे दिक्कत नहीं होती कि लोग मुझे नयी आनंदी कहते हैं. लोग खरी खोटी भी सुनाते थे. मॉल में भी कई बार जाती तो लोग कुछ कहते थे. लेकिन अब वह वक्त बीत चुका है. और अब मैंने अपनी जगह बना ली है.
बालिका वधू आज भी लोकप्रिय धारावाहिक है. आपकी नजर में वह क्या वजह है जो लोग इससे आज भी जुड़े हुए हैं?
मुझे लगता है कि बालिका वधू इमोशन भी दिखाता है लेकिन सोशल इश्यूज को भूलता नहीं है. वह अपनी सोच से भटका नहीं है. शो में हमेशा कुछ न कुछ सोशल चीजें दिखाई जाती हैं. फिर परिवार की बांडिंग. मां, बेटी, दादी, पिता बहन, पत् नी हर तरह के रिश्तों को अच्छे से डील करता है यह शो. इसलिए मुझे लगता है कि लोग इसे बेहद पसंद करते हैं और अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं.
अभी जो वर्तमान ट्रैक चल रहा. आप उससे कितनी संतुष्ट हैं?
बालिका वधू की लेखक की टीम सबसे स्ट्रांग टीम मानी जाती है. छोटे परदे की और वे कुछ अचानक से ट्रैक नहीं डालते. वे इसकी तैयारी और योजना पहले से बना कर रखते हैं. याद हो तो गौरी वही लड़की थी जिससे जगिया की बचपन में शादी हुई थी. फिर बड़े होने पर जगिया और गौरी टकराते हैं और कहानी आगे बढ़ती है. तो मैं मानती हूं कि कहानी में कोई भटकाव नहीं है. जो भी ट्रैक दिखाये जा रहे हैं. वह सोच समझ कर दिखाये जा रहे हैं.
गंगा का किरदार निभा रहीं सरगुन ने हाल ही में व्याह रचाया. उनके बारे में क्या कहना चाहेंगी?
बेहतरीन अभिनेत्री हैं सरगुन और उन्हें बहुत बहुत बधाई देना चाहूंगी.
बालिका वधू के अलावा कोई और शो?
बिल्कुल नहीं. फिलहाल पूरी तरह इस पर ही ध्यान दे रही हूं

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