20140217

यशराज के स्तंभ

हाल ही में उदय चोपड़ा से बातचीत हुई. उन्होंने फिल्म धूम 3 के बारे में बताया कि कैसे धूम का ख्याल आदित्य के मन में आया था. आदित्य ने यूं ही बैठे बैठे पूछा कि इन दिनों क्या चल रहा है, सबने कहा एक् शन. तो आदित्य ने तय किया कि एक् शन फिल्म ही बनायेंगे. आदित्य चोपड़ा यश चोपड़ा के बेटे हैं और यशराज को बॉलीवुड का सबसे प्रतिष्ठित प्रोडक् शन हाउस बनाने में आदित्य की अहम भूमिका रही. उदय ने बताया कि उन्हें आदित्य ने एक बड़े भाई की तरह और एक प्रोडक् शन हाउस के सफल संचालक की तरह समझाया कि किस तरह उदय की सीमाएं अभिनय में सीमित हैं. और फिर उदय ने तय किया कि वह अब अभिनय में और भाग्य न आजमा कर फिल्म निर्माण में ही जुड़ जायेंगे. फिलवक्त वे लॉस एंजिल्स में निर्माण कार्य में जुड़े हुए हैं. दरअसल, आदित्य चोपड़ा ही यशराज की वास्तविक स्तंभ हैं. उन्होंने जिस कुशलता और दक्षता से यशराज को पहचान दिलायी है. शायद ही इतना सफल कार्य किसी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े सदस्यों के बेटे ने किया होगा. दरअसल, आदित्य ने कभी वह गलती नहीं दोहरायी जो हिंदी सिनेमा के तमाम निर्माता और निर्देशक करते आते हैं और करते रहेंगे. वे जानते हैं कि उनके भाई उदय अगर अभिनय में उत्तम नहीं कर सकते तो उन्होंने उन्हें यह उकसाने की बजाय कि वह इसी में आगे बढ़ें और बजाय इसके कि यशराज बार बार उदय चोपड़ा पर दावं खेलने के उन्होंने उन्हें सही राय दी. वासु भगनानी जैसे निर्माता जो अपने बच्चे की हर जिद्द को पूरा कर रहे हैं और लगातार घाटे का सौदा सह रहे हैं. तौरानी और तमाम वे निर्माता निर्देशक जो जबरन अपने बच्चों को अभिनय क्षेत्र में ढकेल रहे हैं. उन्हें आदित्य चोपड़ा से सीख लेनी चाहिए कि किस तरह सच्चाई को स्वीकार कर ही आगे बढ़ने में सही भलाई है. कम से कम इस इंडस्ट्री की तो यही डिमांड है.

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