शाहिद कपूर विशाल भारद्वाज की फिल्म हैदर में बिल्कुल अलग लुक में नजर आ रहे हैं. वे इस फिल्म को लेकर बेहद उत्साहित हैं. इसकी खास वजह यह है कि पिछले लंबे दौर से उनकी फिल्में बॉक्स आॅफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पा रहीं. हालांकि आर राजकुमार ने उन्हें थोड़ी राहत दी है. लेकिन इसके बावजूद शाहिद को एक अदद फिल्म की जरूरत है, जिसमें वे खुद को पूरी तरह साबित कर पायें. इससे पहले शाहिद ने विशाल के साथ फिल्म कमीने में काम किया था. फिल्म में उनकी दोहरी भूमिका ही थी और निस्संदेह उस फिल्म में शाहिद कपूर ने खुद को साबित किया था. उन्होंने जितनी बेहतरीन अदाकारी उस फिल्म में की थी. उस फिल्म के बाद वे उस तेवर और अंदाज में नजर नहीं आये. शाहिद बेहतरीन अभिनेता हैं. लेकिन उन्हें मांझने वाले निर्देशक कम मिल रहे. शाहिद जानते हैं कि विशाल उन्हें बखूबी मांझ सकते हैं और तराश सकते हैं. तभी वे उनकी शरण में गये हैं. शाहिद के लुक को देख कर इस बात का अनुमान लगाया जा सकता है कि वे फिल्म को लेकर कितने गंभीर हैं और वे कितनी मेहनत कर रहे हैं. इस बात से शाहिद ही वाकिफ हैं कि उन्हें न चाह कर भी अगर इंडस्ट्री में टिके रहना है तो उन्हें आर राजकुमार जैसी फिल्मों के साथ साथ हैदर जैसी फिल्मों की जरूरत होगी ही. निश्चित तौर पर उनके जेहन में यह बात है कि कहीं इंडस्ट्री उन्हें दरकिनार न कर दें और यही वजह है कि वे हैदर जैसी फिल्में भी कर रहे हैं. दरअसल, किसी अभिनेता को लगातार असफलता का स्वाद चखना पड़ता है. वह सजग हो जाता है और फिर असफलता के बाद वह ज्यादा मेहनत करने लगता है. हो सकता है कि इस कोशिश में शाहिद वाकई इस बार पूरी तरह से कामयाब हो जायें. कम से कम उनके लुक से उनकी मेहनत साफ झलक रही है.
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20140218
सफलता का स्वाद
शाहिद कपूर विशाल भारद्वाज की फिल्म हैदर में बिल्कुल अलग लुक में नजर आ रहे हैं. वे इस फिल्म को लेकर बेहद उत्साहित हैं. इसकी खास वजह यह है कि पिछले लंबे दौर से उनकी फिल्में बॉक्स आॅफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पा रहीं. हालांकि आर राजकुमार ने उन्हें थोड़ी राहत दी है. लेकिन इसके बावजूद शाहिद को एक अदद फिल्म की जरूरत है, जिसमें वे खुद को पूरी तरह साबित कर पायें. इससे पहले शाहिद ने विशाल के साथ फिल्म कमीने में काम किया था. फिल्म में उनकी दोहरी भूमिका ही थी और निस्संदेह उस फिल्म में शाहिद कपूर ने खुद को साबित किया था. उन्होंने जितनी बेहतरीन अदाकारी उस फिल्म में की थी. उस फिल्म के बाद वे उस तेवर और अंदाज में नजर नहीं आये. शाहिद बेहतरीन अभिनेता हैं. लेकिन उन्हें मांझने वाले निर्देशक कम मिल रहे. शाहिद जानते हैं कि विशाल उन्हें बखूबी मांझ सकते हैं और तराश सकते हैं. तभी वे उनकी शरण में गये हैं. शाहिद के लुक को देख कर इस बात का अनुमान लगाया जा सकता है कि वे फिल्म को लेकर कितने गंभीर हैं और वे कितनी मेहनत कर रहे हैं. इस बात से शाहिद ही वाकिफ हैं कि उन्हें न चाह कर भी अगर इंडस्ट्री में टिके रहना है तो उन्हें आर राजकुमार जैसी फिल्मों के साथ साथ हैदर जैसी फिल्मों की जरूरत होगी ही. निश्चित तौर पर उनके जेहन में यह बात है कि कहीं इंडस्ट्री उन्हें दरकिनार न कर दें और यही वजह है कि वे हैदर जैसी फिल्में भी कर रहे हैं. दरअसल, किसी अभिनेता को लगातार असफलता का स्वाद चखना पड़ता है. वह सजग हो जाता है और फिर असफलता के बाद वह ज्यादा मेहनत करने लगता है. हो सकता है कि इस कोशिश में शाहिद वाकई इस बार पूरी तरह से कामयाब हो जायें. कम से कम उनके लुक से उनकी मेहनत साफ झलक रही है.
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