एआर रहमान के बेटे ने अपने पिता से आकर स्टूडियो में कहा कि पापा आप बहुत काम करते हैं. कम से कम आपको दिन में सात घंटे की नींद लेनी ही चाहिए. एआर रहमान दिन रात एक कर काम करने वालों में से हैं. सभी जानते हैं कि जब वह काम की लगन में होते हैं. तो उनमें अलग धुन होती है. वे किसी बात की सूध नहीं रखते. उन्हें इससे पहले कई बार उनकी पत् नी ने भी ये कहने की कोशिश की कि वे काम के साथ आराम भी करें. लेकिन उन्होंने कभी उनकी बात नहीं मानी. लेकिन अब उन्हें पहली बार इस बात का एहसास हो रहा है कि उन्हें आराम भी करना चाहिए. शाहरुख खान की बेटी सुहाना उन्हें कई बार इस बात के लिए टोक चुकी हैं कि उन्हें धू्रमपान छोड़ देना चाहिए. और शाहरुख ने कई बार यह कोशिश भी की. हालांकि वे पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाये. लेकिन उन्होंने कोशिशें जारी रखीं. कुछ इसी तरह अक्षय कुमार को भी स्मोकिंग छोड़ने में उनके बेटे आरव ने ही मदद की. दरअसल, जो काम आपके माता पिता नहीं कर पाते. वे बच्चे कर जाते हैं. उनकी मासूमियत एक शब्द में भी सबक सीखा जाती है. टिष्ट्वंकल खन्ना और रिंकी खन्ना की वजह से ही राजेश खन्ना ने एक दौर में शराब को हाथ लगाना छोड़ दिया था. आमिर खान अपने बेटे आजाद के सामने कभी कोई नशा नहीं करते. स्पष्ट है कि बच्चे भी कई बार अपने बड़ों की आदतों को सुधारने में बड़ी भूमिका निभाते हैं. फिर चाहे वह नशा काम का हो या फिर किसी अन्य चीज का. चूंकि कई बार काम का धून भी इंसान को अंदर से खोखला बना देता है. वह दिन दुनिया को भूल कर बस अपनी जिंदगी में भी मग्न रहता है और ऐसे में अगर उन्हें राहत की सांस मिले तो उससे बड़ी संजीवनी उस व्यक्ति के लिए क्या होगी. कहीं राहत काम से तो कहीं सेहत को राहत. बच्चे कहीं न कहीं बड़े काम कर जाते हैं.
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20140218
बच्चे से मिली सबक
एआर रहमान के बेटे ने अपने पिता से आकर स्टूडियो में कहा कि पापा आप बहुत काम करते हैं. कम से कम आपको दिन में सात घंटे की नींद लेनी ही चाहिए. एआर रहमान दिन रात एक कर काम करने वालों में से हैं. सभी जानते हैं कि जब वह काम की लगन में होते हैं. तो उनमें अलग धुन होती है. वे किसी बात की सूध नहीं रखते. उन्हें इससे पहले कई बार उनकी पत् नी ने भी ये कहने की कोशिश की कि वे काम के साथ आराम भी करें. लेकिन उन्होंने कभी उनकी बात नहीं मानी. लेकिन अब उन्हें पहली बार इस बात का एहसास हो रहा है कि उन्हें आराम भी करना चाहिए. शाहरुख खान की बेटी सुहाना उन्हें कई बार इस बात के लिए टोक चुकी हैं कि उन्हें धू्रमपान छोड़ देना चाहिए. और शाहरुख ने कई बार यह कोशिश भी की. हालांकि वे पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाये. लेकिन उन्होंने कोशिशें जारी रखीं. कुछ इसी तरह अक्षय कुमार को भी स्मोकिंग छोड़ने में उनके बेटे आरव ने ही मदद की. दरअसल, जो काम आपके माता पिता नहीं कर पाते. वे बच्चे कर जाते हैं. उनकी मासूमियत एक शब्द में भी सबक सीखा जाती है. टिष्ट्वंकल खन्ना और रिंकी खन्ना की वजह से ही राजेश खन्ना ने एक दौर में शराब को हाथ लगाना छोड़ दिया था. आमिर खान अपने बेटे आजाद के सामने कभी कोई नशा नहीं करते. स्पष्ट है कि बच्चे भी कई बार अपने बड़ों की आदतों को सुधारने में बड़ी भूमिका निभाते हैं. फिर चाहे वह नशा काम का हो या फिर किसी अन्य चीज का. चूंकि कई बार काम का धून भी इंसान को अंदर से खोखला बना देता है. वह दिन दुनिया को भूल कर बस अपनी जिंदगी में भी मग्न रहता है और ऐसे में अगर उन्हें राहत की सांस मिले तो उससे बड़ी संजीवनी उस व्यक्ति के लिए क्या होगी. कहीं राहत काम से तो कहीं सेहत को राहत. बच्चे कहीं न कहीं बड़े काम कर जाते हैं.
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