20140218

कॉमेडी रहेगी हमेशा पहली पसंद


अरशद वारसी की दो फिल्में मि. जो भी करवालो और डेढ़ इश्किया छोटे अंतराल में ही रिलीज हो रीह है. दोनों ही फिल्मों में अरशद महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं. 
अरशद, एक साथ आपकी दो दो फिल्में रिलीज हो रही हैं. तो बतौर अभिनेता आप इसे किस नजरिये से देखते हैं?
एक अभिनेता के लिए यह अच्छी बात है कि दर्शकों को एक के बाद एक उनके कई अवतार देखने को मिलेंगे. वे मुझे विभिन्न फिल्मों में देखेंगे तो तय कर पायेंगे कि मेरे किरदार किस तरह कई रूपों में नजर आ सकते हैं.
पहले मिस्टर जो भी करवा लो का नाम रॉकी मेरा नाम था?
हां, मगर मुझे लगा कि मेरा जो चरित्र है, वह कुछ अलग है. चरित्र की कार्यशैली के अनुसार नाम रखा जाये. तो दर्शक जल्दी इत्तेफाक कर लेता है. मिस्टर जो भी करवा लो मेरे पास रजिस्टर नाम था. तो मैंने यह नाम रख दिया. और यह फिल्म पूरी तरह से कॉमेडी फिल्म है. सो, यह मेल भी खा रहा है. इसके संवाद बेहद रोचक हैं. और मेरे शीषर्क से बिल्कुल मेल खाते हैं.
जो भी करवालो और डेढ़ इश्किया में आपका किस तरह का किरदार है और दोनों किरदार किस तरह से एक दूसरे से अलग हैं?
हां, मेरा किरदार गंभीर किस्म का जासूस है. वह दिल से काम करता है. पर उसके साथ सबकुछ उल्टा हो जाता है. कुछ भी सही नहीं होता. वह अपने पिता की तरह बहुत बड़ा और सफल जासूस बनना चाहता है. नेक दिल इनसान है. बदकिस्मती से उसका नाम भी मिस्टर जॉय भी करवा लो है. पर वह स्मार्ट नहीं है. जबकि वह अपने आपको स्मार्ट समझता जरूर है. ऊपरवाले ने उसकी शराफत पर तरस खा कर उसे उसके मकसद  में कामयाबी दिला देता है. वही फिल्म डेढ़ इश्किया में मेरा किरदार बब्बन का है और वह निहायत ही बदमाश किस्म का आदमी है, जो चालाक है और वह दुनिया को हमेशा शक की निगाह से ही देखता है.
पिछले कुछ सालों में आपने जिस तरह की फिल्में की हैं, अब लोग आपको हास्य अभिनेता से भी इतर मानने लगे हैं.
हां, खासतौर से जॉलीएलएलबी की वजह से लोगों का नजरिया मेरे प्रति बदला है. कॉमेडी हमेशा मेरा कंफर्ट जोन रहा है. लेकिन मैं अब उससे अलग भी काम कर रहा हूं और लोगों को मेरा काम पसंद आ रहा है. यह खास बात है. लेकिन मैं क्या करूं मैं जो फिल्में करता हूं उसमें कॉमेडी  न हो ऐसा होता ही नहीं है. मैं लंबे समय से जिस तरह की कॉमेडी वाली फिल्म करना चाह रहा था. पूरी तरह से लंबे समय से वह फिल्म मुझे मिली ही नहीं थी. मैं कॉमेडी के साथ साथ संजीदगी वाली फिल्में पसंद करता हूं और इसलिए डेढ़ इश्किया जैसी फिल्में चुनता हूं. मैं इश्किया या जॉलीएलएलबी, सहर जैसी फिल्में भी करता हूं. मैं कहना चाहूंगा कि आज के जमाने में अगर अंगूर जैसी फिल्म बनती तो वह मिस्टर जो भी करवा लो जैसी होती.
लेकिन अंगूर से अपनी फिल्म की तूलना करना अतिश्योक्ति नहीं हो गयी?
नहीं, मैं मानता हूं कि आज के दौर में साफ सुथरी हास्य फिल्म लिखना बहुत कठिन है. चश्मेबद्दूर, जाने भी दो यारो या ऋषिकेश मुखर्जी की जो फिल्में हुआ करती थी. उन्हें लिखना मुश्किल होता है. इस तरह की फिल्में नहीं लिखी जा रही हैं. पर इसमें लेखकों का कोई दोष नहीं है.  सारा दोष बिजनेस का है. कोई रिस्क लेना नहीं चाहता.  हम अंगूर से चले थे और ग्रैंड मस्ती तक आ पहुंचे.
नसीरुद्दीन शाह जैसे अभिनेता के साथ आपको दूसरी बार काम करने का मौका मिला है. कैसा अनुभव रहा?
बेहद अच्छा. उनके साथ काम करके काफी कुछ सीखने का मौका मिलता है. आज भी वे अपने किरदारों को कितनी संजीदगी और नयेपन के साथ निभाने की कोशिश करते हैं. साफ झलकता है कि वह अभिनय से कभी बोर नहीं हो सकते. लेकिन हमारे उम्र के कलाकार कुछ समय के बाद सिर्फ पैसे कमाने के लिए ही काम करते हैं. जबकि ये कलाकार काफी संजीदगी से और गंभीरता से काम करते हैं. मैं उन्हें परफेक् शनिष्ट कलाकार मानता हूं.
सोहा अली के साथ पहली बार मिस्टर जो भी करवा लो में आप पहली बार साथ काम कर रहे हैं और माधुरी, हुमा के साथ भी तो कैसा रहा तीनों अभिनेत्रियों के साथ काम करने का अनुभव?
बहुत अच्छे अनुभव रहे. तीनों ही अभिनेत्रियों की अपनी अपनी खासियत है. कुछ लोगों की परवरिश के इतने मायने होते हैं कि आप सोच भी नहीं सकते. यह बात तब समझ में आती है. जब सोहा अली जैसे लोगों से मिलते हैं. वह तमीजदार हैं. इज्जतदार हैं. छोटे बड़े का अदब करती हैं. अच्छी अदाकारा हैं. वही माधुरी काफी फोक्सड हैं. अपने डांस को लेकर खासतौर से. खुद को हर दिन उभारने की कोशिश करती हैं. सीखने की ललक खत्म नहीं हुई है. हुमा कुरैशी काफी बिंदास हैं और वह काफी फ्रेंडली मिजाज की हैं तो मजा आया उनके साथ काम करके.
चर्चा है कि आपने फिर से कोरियोग्राफी शुरू की है?
नहीं. मैंने जो भी करवा लो में निर्देशक की बस थोड़ी सी मदद की थी. दो गाने जस्मीन और दो गाने राजू ने किये हैं. हमारे पास कम समय था.दो दिन में गाना खत्म करना था. यदि मैं कोरियोग्राफी भी करता तो चार दिन लग जाते. क्योंकि मेरी कोरियोग्राफी का तरीका बिल्कुल अलग है.
अपने को स्टार जावेद जाफरी की आप हमेशा तारीफ करते नजर आते हैं?
जी हां, जावेद अच्छे कलाकार के साथ अच्छे दोस्त भी हैं. मिस्टर जो भी करवा लो में उन्होंने 12 अलग अलग लुक अपनाया है और जो जावेद ने किया है. वह सिर्फ जावेद ही कर सकते हैं. दूसरा कोई कलाकार नहीं निभा सकता. यह बात मैं दूसरे कलाकारों का सम्मान करते हुए कह रहा हूं. उनकी कॉमेडी, मिमिक्री की टाइमिंग बहुत जबरदस्त है. उनका सेंस आॅफ ह्मुमर जैसा है. इंडस्ट्री में काफी कम लोगों का है. 

No comments:

Post a Comment