20110207

mumbai se bahar niklate tv serials


जमुनिया

छतीसगढ़ी

छतीसगढ़ के रायपुर से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कवाध्र्दा पैलेस को अब आप हर रोज अपने टीवी सेट पर देख सकेंगे. मुंबई में शूटिंग व सेट की सारी सुविधाएं होने के बावजूद एनडीटीवी के नये शो जमुनिया का सेट कवाध्र्दा में लगाया गया है. गांव का रियल टच देने के लिए इस जगह का चुनाव किया गया है. इन दिनों कई प्रोडक्शन हाउस फिल्मों की तरह सीरियल्स को भी वास्तविक लुक देने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके लिए वे लोकेशन हंटिंग व रिसर्च के लिए अलग टीम तैयार कर रहे हैं. इस नये ट्रेंड पर एक रिपोर्ट

छतीसगढ़ में खूबसूरत लोकेशन की भरमार ः यश पठनायक

शो के प्रोडयूसर यश पटनायक व अजित अंधारे ने शूटिंग के लिए इसे ही क्यों चुना. इस बारे में उनका कहना है कि इससे पहले छतीसगढ़ जैसे खूबसूरत जगह पर कभी शूटिंग नहीं हुई ती. हम दर्शकों को गांव का रियल टच देना चाहते हैं. बस इसी ख्याल से. यश बताते हैं कि हमारी टीम को यहां मुंबई की सारी चकाचौंध से दूर रहना पड़ रहा है. बावजूद इसके वे लगातार पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं. चूंकि जमुनिया एक गांव की लड़की का किरदार है, इसलिए भी यह सेट महत्वपूर्ण था. हमने कोशिश की है कि हम अपनी स्क्रिप्ट में या विजुलाइजेशन में यहां की खूबसूरती दिखा पाने में सफल हों. हमने कवाध्र्दा पैलेस के ओनर से इसे रेंट पर लिया है.

क्या है कहानी ः जमुनिया एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो अपने मां-बाप की मौत के बाद अपने लालची मामा के साथ रहती हैं. दोनों मामा-मामी मिल कर उसका इस्तेमाल करते हैं और पैसे की लालच में ऐसी जगह उसकी शादी कर देते हैं, जिस घर को श्राप मिला है कि वहां कोई भी महिला जिंदा नहीं बचती. जमुनिया में औरत के एक और संघर्षशील जीवन का चित्रण है.

वास्तविक गांव देख कर खुश हूंः भावना खतरी

मैं पुणे की रहनेवाली हूं. कभी मौका नहीं मिला था कि गांव में रह कर काम करूं. जमुनिया का किरदार निभाने के बहाने हमें गांव को नजदीक से देखने का मौका मिल रहा है. इसलिए मैं बहुत खुश हूं. मेरे कॉस्टयूम में भी ग्रामीण लड़की के कपड़े दिखाने की कोशिश की गयी है.

एकस्ट्रा स्ट्रोक ः

लोकेशन शूटिंग के लिए फिट बैठ रहे हैं छतीसगढ़ -बिहार के इलाके

जैसा कि हम सभी देख रहे हैं आजकल सीरियल में दर्शकों को रियल टच देने के लिएह कहानी के विषय के मुताबिक ही वहीं के एक्चुअल लोकेशन को दर्शाने की होड़ चल रही है. मुंबई की बजाय अन्य स्थानों पर भी जाकर शूटिंग की जा रही है. जीटीवी की दो सहेलियां, झांसी की रानी की शूटिंग एकचुअल लोकेशन पर की जा रही है. इसी क्रम में छतीसगढ़ व बिहार जैसे राज्यों के इलाकें भी चर्चा में आ गये हैं. आनेवाले समय में बिहार की पृष्ठभूमि पर आधारित कई सीरियल्स की शूटिंग बिहार के रीयल गांव में करने की तैयारी है.

गांव की गलियों में शूटिंग

इससे पहले छतीसगढ़ में मुंशी प्रेमचंद्र के उपन्यास पर आधारित सदगति को फिल्म का रूप दिया था सत्यजीत रे ने.

फिल्म नदिया के पार की पूरी शूटिंग जौनपुर के एक गांव में की गयी थी.

फिल्म दीवार की शूटिंग झारखंड के झरिया में की गयी थी

प्रकाश झा की फिल्म दामुल की शूटिंग बिहार के एक गांव में की गयी थी.

दिल्ली 6 का गाना ससुराल गेंदा फूल दरअसल छतीसगढ़ी लोकगीत का ही एक रूप है. अगर आपने गौर किया होगा तो उसमें एक पंक्ति में रायपुर की चर्चा भी है ( पूरे रायपुर से अलग पिया जी की शान, ससुराल गेंदा फूल)

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