20110207

केतकी दवे ः आ रारा से मने पसंद नथी


आ रा रा के बाद अब स्टार प्लस के नये सीरियल बहनें में चार बहनों की बुआ के रूप में केतकी दवे मन पसंद नथी कहती नजर आयेंगी.
क्योंकि में सबिता चाची का किरदार निभाने के बाद केतकी दवे रियलिटी शो नच बलिये व बिग बॉस में नजर आयीं. लंबे अंतराल के बाद वे बहनें से नीमा फुई के रूप में वापसी कर रही हैं. पेश है बातचीत के अंश
हर बार बुआ को नेगेटिव ही क्यों
ऐसा नहीं है. पर प्रायः ऐसा होता है कि बुआ मिर्च मसाला लगा कर बातों को परोसती है,जिससे उसकी छवि नेगेटिव हो जाती है. हालांकि वह घर का बुरा नहीं सोचती. उसकी नजर में वह बच्चों के भले के लिए सबकुछ करती है. हालांकि मुझे खुशी है कि इस बार आप नीमा फुई को पूरी तरह से नेगेटिव किरदार में नहीं देखेंगे.
रियलिटी में बुआ के रूप में
मैं अपने भतीजे-भतीजियों के साथ बिल्कुल फ्रेंड की तरह पेश आती हूं.
क्योंकि में आरा रा बहनें में...
बहनें में मेरा तकिया कलाम होगा मने पसंद नथी( मतलब ये मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है)
बहनें में सबसे प्यारी भतीजी
पूर्वा शास्त्री परिवार की सबसे प्यारी बेटी है.
एक घर में बुआ की भूमिका
एक घर में उसकी बुआ का किरदार अहम इसलिए होता है क्योंकि वे उस घर की पुरानी पुरंपरा को नये जेनरेशन से जोड़ने में सेतु का काम करती हैं. चूंकि वह घर की बेटी है इसलिए कि घर की संस्कृति, रस्मो रिवाज क्या होगा. इसलिए हर घरेलू कहानी दिखाते वक्त बुआ का किरदार भी गढ़ा जाता है.
एमबीए मतलब मुझे बहुत आता
क्योंकि सास भी कभी बहू थी में जब मिंहिर अमेरिका से वापस आता है तो बड़े प्यार से उनकी सबिता चाची कहती है कि ऐ मिहिर तू अमेरिका जाकर एमबीए पढ़ कर आया, मैं तो यहां बैठी-बैठी एमबीए की पढ़ाई पूरी कर ली. कैसे. तब सबिता चाची हंसते हुए मुस्कुरा कर कहती है कि अ रारा इता भी नहीं समझते. एमबीए मतलब मुझे बहुत आता( एमबीए)
सबिता चाची
क्योंकि का वह पहला एपिसोड और सबिता चाची की अलग डायलॉग डिलीवरी. भारतीय दर्शक फैन हो गये थे उनके. केतकी दवे को आज भी दर्शक आर रा सबिता चाची के नाम से ही पहचानते हैं. केतकी अपनी इस पहचान का पूरा सम्मान करती हैं. उनका मानना है कि टीवी आर्टिस्ट की पहचान हमेशा उसके किरदार के नाम से ही होती है. मुझे खुशी है कि दर्शक मुझे आज भी शो से याद रखते हैं.
थियेटर का अहम रोल
मैं अपनी जिंदगी में थियेटर को बहुत महत्व देती हूं, क्योंकि मुझे लगता है टेलीविजन या एक्टिंग इंडस्ट्री में भी जितने भी अच्छे आर्टिस्ट हैं, सभी थियेटर आर्टिस्ट हैं तो निश्चित तौर पर थियेटर एक्टिंग को और इंप्रूव करने में मदद करता है. इससे फेशियल एक्सप्रेरशन और कैमरे फेस करने में सहुलियत होती है. मुझे जब भी टीवी से फुरसत मिलती है मैं थियेटर करती हूं. मेरी तो शुरुआत ही गुजराती थियेटर से हुई है.
बिग बॉस, नच बलिये से फिल्मों तक
बिग बॉस का हिस्सा बनना मेरी गलती थी. मुझे लगता है कि मेरे चाहनेवालों को मेरा ऐसा शो करना पसंद नहीं आया होगा. नच बलिये का एक्सपीरियंस शानदार था. हालांकि मैं नाचना नहीं जानती थी और मुझे इसमें इंटरेस्ट भी कम था. पर नच बलिये के बाद मुझे लगा कि मैं भी डांस कर सकती हूं. अब मैं खाली वक्त मिलने पर डांस की प्रैक्टिस करती हूं.

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