20110207

फिल्म चंदू का झारखंड के नक्सलवाद से कोई लेना-देना नहीं ः महेश भट्ट

झारखंड के नक्सलवाद पर फिल्म बनाने की बात निराधारः महेश भट्ट

जेएनयू के स्टूडेंट यूनियन लीडर चंद्रशेखर प्रसाद के आंदोलन व संघर्ष होगी फिल्म

चंद्रशेखर प्रसाद के संघर्ष से नक्सलवाद मुद्दे का कोई लेना देना नहीं.

बोकारो के इमरान जायिद निभायेंगे लीड किरदार. बोकारो से पहली बार किसी प्रतिभा को मिला है लीड किरदार निभाने का मौका

मेरी आनेवाली फिल्म चंदू जेएनयू के स्टूडेंट यूनियन लीडर चंद्रशेखर प्रसाद पर आधारित है. इस फिल्म का झारखंड के नक्सलवाद से कोई लेना-देना नहीं. नक्सलवाद मेरी फिल्म का मुद्दा है ही नहीं. फिल्म का पूरा फोकस चंद्रशेखर प्रसाद के बलिदानों व उसके संघर्ष पर ही आधारित है. ग्लैमराइज फिल्मों की बजाय महत्वपूर्ण विषयों पर गंभीर फिल्में बनाने के लिए मशहूर फिल्मकार महेश भट्ट ने एक अखबार में प्रकाशित खबर कि झारखंड के नक्सलवाद पर बनेगी महेश भट्ट की फिल्म को निराधार कहा . उन्होंने इस बात से साफतौर पर इस बात से इनकार किया. उन्होंने अपनी फिल्म चंदू के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि हां, मैं चंद्रशेखर प्रसाद के किरदार पर आधारित फिल्म बनाने जा रहा हूं, जिसने वाकई यूनियन लीडर के रूप में बहुत कुर्बानियां दी. फिल्म का विषय चुनने का श्रेय इमरान जायिद को जाता है. महेश भट्ट ने यह भी कहा कि उनकी कोशिश है कि फिल्म की शूटिंग वास्तविक हो. वे उन सभी स्थानों की शूटिंग करेंगे, जहां चंद्रशेखर ताल्लुक रखते थे. खासतौर से सीवान, जहां उनकी हत्या हुई थी. फिल्म में रियलिटी दिखाई जा येगी. इमरान फिल्म में लीड किरदार निभाने जा रहे हैं. दिल्ली के टेकवन कम्युनिकेशन के निदेशक इमरान के लिए अभिनय का यह पहला मौका है. दरअसल, इमरान चंद्रशेखर प्रसाद के जीवन पर शोध कर रहे थे. महेश भट्ट से जुड़े रहने की वजह से उनसे हमेशा उनके विषय में चर्चा होती रहती थी.महेश भट्ट विषय से प्रभावित हुए और उन्होंने तय किया कि वे इस पर फिल्म बनायेंगे. उन्होंने इमरान से बात की. फिल्म पर रिसर्च करना शुरू किया और निर्णय ले लिया कि फिल्म का नाम चंदू होगा. इस संदर्भ में इमरान बताते हैं कि वे कई वर्षों पहले बोकारो से दिल्ली आ गये थे. बोकारो स्टील सिटी के लिए यह गर्व की बात है कि पहली बार इस छोटे से शहर का युवा रुपहले परदे पर मुख्य किरदार निभाता नजर आयेगा. हालांकि इमरान को फिल्मों में एक्टिंग का कोई शौक नहीं था. लेकिन महेश भट्ट की बात को ठुकरा नहीं सकते थे. दूसरी वजह यह भी रही थी चंद्रशेखर जैसे नायकों पर फिल्में कम बनती है. लोगों तक उनके बलिदान व संघर्ष की बात नहीं पहुंच पाती. इमरान मानते हैं कि ऐसी कहानियों को फिल्मों के माध्यम से ही आम लोगों तक पहुंचाई जा सकती है. इमरान बताते हैं कि शोध के दौरान ही उन्हें चंद्रशेखर प्रसाद की उनकी मां को लिखे गये पत्र प्राप्त हुए, जिनसे उन्हें चंदू के स्वभाव को समझने में बेहद आसानी हुई. इसके अलावा जेएनयू में उनसे जुड़े लोगों से वे लगातार संपर्क में हैं. इस वर्ष अक्तूबर में फिल्म का निर्माण शुरू होगा.

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