20110207

फ्लोप का टैग लगते देर नहीं लगती ः साक्षी


कहानी घर घर की में लगातार आठ सालों तक पार्वती भाभी का किरदार निभाने के बाद निभाने के बाद जब साक्षी ने एक्टिंग पर कुछ दिनों के लिए विराम लगाया तो उनकी गिनती फ्लॉप स्टार्स में होने लगी. कुछ दिनों पहले एक मुलाकात में उन्होंने शो व अपने किरदार के बारे में बातचीत करने की बजाय कुछ पुरानी यादें तरोताजा की.फिलवक्त सोनी के क्राइम पेट्रोल में बतौर एंकर व दो सहेलियां में मां की भूमिका में नजर आ रही हैं.

यूं बनी मैं पार्वती भाभी

बालाजी के ही एक सीरियल करम की शूटिंग के दौरान मैं पारंपरिक साड़ी व गहनों में शूट में व्यस्त थी. उस दिन एकता भी सेट पर मौजूद थी. एकता अपने अस्टिटेंट के साथ इधर-उधर घूम रही थी, अचानक वह मुझे देखते ही रुकी और कहा मिल गयी पार्वती. मुझे कुछ समझ में नहीं आया, कुछ दिनों के बाद कहानी घर घर की बनी और पार्वती भाभी के रूप में मैं यानी साक्षी टेलीविजन की सबसे सशक्त भाभी बन गयी.

एक्टिंग हो या एंकरिंग स्क्रिप्ट स्पष्ट हो

मुझे लगता है कि अगर आप अच्छे एक्टर हैं तो आप अच्छी एंकरिंग भी कर सकते हैं. मैं लगातार दोनों साथ-साथ करती आयी हूं. मैंने भंवर, रोहित रॉय प्रोडक्शन के लिए एंकरिंग की है. स्टार प्लस के धार्मिक शो गुरुकुल के लिए एंकरिंग की. उसी वक्त मैं साथ-साथ राजधानी, एक्स जोन, जस्सी जैसी कोई नहीं में एक्टिंग भी कर रही थी. मुझे लगता है कि किसी भी स्क्रिप्ट का स्पष्ट होना बेहद जरूरी है. अगर वह स्पष्ट है और शो का कंसेप्ट व विजन क्लीयर है तो मुझे नहीं लगता कि एक्टर को किसी भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

सिविल सर्विस की तैयारी भी की थी

दरअसल, सिविल सर्विस में रुचि होने की वजह से ही मेरा करेंट अफेयर्स व क्राइम, व गंभीर मुद्दों में दिलचस्पी रही है. शायद यही वजह है कि मैं क्राइम पेट्रोल व भंवर जैसे सीरियल करने में सहज महसूस करती हैं. मैं बस एक बार ही सिविल सर्विस की परीक्षा दी. पर मेरा चयन नहीं हुआ. मुझे लगा कि शायद यह मेरा करियर नहीं. मेरे दोस्त ने बताया कि दूरदर्शन में अलबेला सुर मिला के लिए ऑडिशन हो रहा है. मैं गयी और मुझे मौका मिल गया. कुछ इस तरह शुरुआत हो गयी. इसके बाद मैंने दूरदर्शन के ही कई सीरियल में काम किया. मैंने दिल्ली से ही कंप्यूटर में ग्रेजुएशन किया और इसका फायदा मुझे भी होता है. मैं डिजिटल वर्ल्ड से जुड़ी चीजें आसानी से समझ पाती हूं.

सोशल वर्क अच्छा लगता है

जब मैं दिल्ली में थी तब भी सोशल वर्क में मेरी रुचि रहती थी. सो मैं वहां के कई एनजीओ के साथ जुड़ गयी थी. यहां भी जुड़ी रही.

टेलीविजन इंडस्ट्री की सबसे अच्छी बात ः

नयी व टैलेंटेड प्रतिभा को मौका मिलता है और आमदनी का जरिया भी. कितने लोगों को अवसर व रोजगार मिलता है यहां. एक सीरियल मेकिंग के प्रोडक्शन में कितने लोग जुड़े होते हैं.

टेलीविजन इंडस्ट्री की सबसे बुरी बात ः

जब आप हिट होते हैं तो आसमां पर बिठाते हैं नहीं तो बातें बनाते हैं. यहां हर दिन स्टार बनते हैं. मैं लगातार आठ सालों तक कहानी की भाभी बनीं इसके बाद जब मैंने ब्रेक लिया तो सबने कहा कि अब मुझे काम नहीं मिल रहा और मैं फ्लॉप हो चुकी हूं. फ्लॉप का टैग तुरंत चिपका देती है ये इंडस्ट्री.

मेरे पसंदीदा को-स्टार्स

अली असगर ः अली का बचपना भरा अंदाज मुझे बेहद पसंद है. कहानी घर घर की हमने बहुत मस्ती की थी. भाभी-देवर का वह रिश्ता आज भी कायम है.

स्मृति ईरानी ः स्मृति ईरानी के बारे में लोगों को कई बार कहते सुना है कि वह रुड हैं.दरअसल, वह प्रोफेशनल हैं. बातें बनाने में यकीन नहीं करती. काम से मतलब रखती हैं. पर हमदोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं. हम आज भी वक्त मिलने पर जरूर मिलते हैं और फोन पर हमारी बातें होती रहती हैं.

अनूप सोनी ः बेहद संजीदा कलाकार, बिल्कुल अपने किरदार में ढल जाते हैं. बालिका वधू के भैरव से बिल्कुल अलग है क्राइम पेट्रोल का किरदार. पर जब भी वह सेट पर होते हैं और कोई उनसे भैरव के किरदार पर चर्चा करने लगते हैं तो साफ-साफ कहते हैं कि प्लीज अभी क्राइम पेट्रोल पर फोकस करें.

एकता कपूरः मुझे इंडस्ट्री में पार्वती भाभी के रूप में स्थापित करनेवाली एकता ही है. उस दिन अचानक से मिले उस ब्रेक ने मेरी दुनिया बदल दी.

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