फर्स्ट क्रश की होली खेलेन ेकी इच्छा रखनेवाले मजनू का क्या होता है हाल. सुनिए उनकी ही जुबानी.
भंग का रंग चढ़ा कर, हम पहुंचे खेलन होली
वहां खड़ी एक बाला तब हमसे कुछ यूं बोली
भंग चढ़ा कर आये हो, रंग न साथ ले लाये हो
न कपड़े पहने होली, बोलो तुम हो किस टोली के
घूम रहा था सिर फिर भी, हमने घूंघट के पट खोले
बात जरा-सी पहले खांसी, फिर हम कुछ यों बोलें
तुमने भांग चढ़ा हुआ देखा, दिल में भरा देखा
दिल में भरा ये रंग न देखा
तुम से होली खेल ना पाते, अगर साथ में टोली लाते
बात हमारी शायद उस, गोरी के मन को भा गयी
भर पिचकारी, रंग लगाने, करीब हमारे वो आ गयी
मिला इशारा जब गोरी का, हम थोड़े से शेर हुए
उस तक रंग पहुंच जो पाता, उससे पहले ढ़ेर हुए
हॉस्टल की कुड़ियां वेरी -वेरी स्मार्ट
नये जमाने का प्यार है.
हाय क्या बुखार है.
पर दोनों के बीच गर्ल्स हॉस्टल और ब्वॉयज होस्टल की दीवार है.
फिर भी दिल बेकरार है.
होली खेलने के लिए टोली भी तैयार है
पिचकारी- गुलाल का सज गया बाजार हैं.
बेचारे पंजाबी यंग लड़के यंग गन की तरह जा पहुंचे गर्ल्स हॉस्टल में होली खेलने. पर कई दीवारों ने उन्हें खेलने का मौका नहीं दिया. दो उनके दिलों से यहीं गुहार निकाली
हॉस्टल की कुड़ियां वेरी-वेरी स्मार्ट
हाय मेरी तौबा-तौबा
डंडा दिखादियां, थप्पड़ दिखा दियां
सैंडल दिखा दियां वेरी-वेरी हॉट
हाय मेरी तौबा-तौबा
हॉस्टल की कुड़ियां वेरी-वेरी स्मार्ट
हाय मेरी तौबा-तौबा
होली पर रक्षाबंधन याद आयेगा
देवर की मंशा की भाभी को प्यार के रंग में रंग डालूं. उस देवर की फरियाद को ही ध्यान में रख कर उन्हें एक्सपर्ट्स कुछ दे रहे हैं सलाह ताकि होली के दिन कहीं उसकी छोटी सी गलती उसे रक्षाबंधन की याद न दिला दे.
अगर तू बउरा जायेगा
तो देता हूं गारंटी होली पर तूझे रक्षाबंधन याद आयेगा.
भोले बाबा की भंग हो या हो हलाहल विष
होली पर अगर भाभी दे तो बेहिचक पत्थर पर घिस
अगर यह भंग हुई तो पीकर मंजनू भौंरा संग मंडरायेगा
अगर कहीं विष हुआ मजनूं की पदवी पा जायेगा
पर एक बात का रखना ध्यान भाभी को गलती से न कर लेना किस
नहीं तो पड़ेंगे थप्पर बीस-बीस
सर पर बेहिसाब पड़ेंगे औ अपना मुंह भी नुचवायेगा
और बीवी जानेगी तब होली पर रक्षाबंधन याद आयेगा.
होली हो तो ससुराल की
ताली बजाओ भाईजी
होली तो ससुराल की, बाकी सब बेनूर
सरहज मिश्री की डली, साला पिंड खजूर
ससुरजी ऐंच कताने
साली के अंदाज फोन पे लगे लुभाने
होली तो ससुराल में ही मनाओ
जीवन में इक बार, स्वर्ग का सुख पाओ.
होली तो ससुराल की, बाकी सब बेनूर
न्योता पा हम पहुंच गये मन में संग लगूर
मन में संग लंगूर, लख साली की उमरिया
मन में उठे विचार, चले ले नयी बंदरिया
नये नये कानून हैं आये
दो होली में झोंक सोच जो ऐसी आये.
होली तो ससुराल की, बाकी सब बेनूर
देवर रस के देवता, जेठ नशे में चूर
जेठ नशे में चूर जेठानी ठुमक बंदरिया
ननदी उमर छुपाये कहे मोरी बाली उमरिया
सास हमारी पहरेदारिन
ससुर देव के दूत जे उनकी पनिहारिन
सुन प्रिय मन तो बावरा, कुछ सोचे कछु गाये
इक-दूजे के रंग में हम-तुम अब रंग जायें
हम-तुम अब रंग जायें. फाग में साथ रहेंगे
प्रीत रंग में भीग अबीरी फाग कहेंगे
होली घर में मनाओ
महंगे हैं त्योहार इधर-उधर न जाओ.
ससुराल कैकट्स का फूल
ससुराल गेंदा फूल
अरे क्या तब से रट लगाई हुई है
ससुराल गेंदा फूल ससुराल गेंदा फूल
जरा उनसे पूछो, जिनका अपना घर बीवी के मायकेवालों से भरा रहता है. और वो भी तब जब नयी-नयी शादी हुई है.
अरे क्या तब से रट लगाई हुई है
ससुराल गेंदा फूल ससुराल गेंदा फूल
मुझे लगता है वह कैेंकट्स का फूल
सोना चैन से गया हूं भूल.
मुंह में उसके दांत नहीं है
पेट में उसके आंत नहीं है
फिर भी दिन भर उसका मुंह चलता रहता
चेहरा जबकि गया है झूल
ससुराल कैकट्स का फूल.
सास मेरी है आफत की पुड़िया
होंठों पर रेवलॉन की लिपस्टिक लगाये
चेहरे पर शहनाज के क्रीम लगाये
बिल उसका फिर मुझे थमाये
लगती है जैसे ओल्ड फैशनेबल टूल
ससुराल कैकट्स का फूल.
साली जी मेरी नखरे दिखाये
हर पल मुझ पर हुक्म चलाये
मुझसे सैंडल अपने क्लीन कराये
समझे खुद को करीना की तरह कूल-कूल
ससुराल कैकट्स का फूल
साले की बात कहूं क्या
खुद को समझता है घर का मालिक
जी करता है कि पोत दूं मुंह में उसके कालिक
हर दिन मुझको बनाये अप्रैल फूल
ससुराल कैकट्स फूल
अब आप ही मुझे बतायें
मुझे कोई उपाय सुझाएं
नयी-नयी हुई है शादी
होली खेलने की नहीं है आजादी
ये कैसा हा ससुराली रूल
अब सोचता हूंं कि शादी है
जीवन की सबसे बड़ी भूल
ससुराल कैकट्स का फूल
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