20110913

मैं करूं तो....



फिल्म डेली बेली के गीत भाग डीके बोस इन दिनों विवादों मे हैं. कई समीक्षकों की राय है कि गीत में अपशब्दों का प्रयोग किया गया है. इस पर क्या है फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कुछ दिग्गजों की राय जानने की कोशिश की अनुप्रिया अनंत ने...

हाल ही में खबर आयी है कि आमिर खान की फिल्म डेली बेली के गीत भाग डीके बोस की प्रेरणा आमिर खान की टीम को डॉली बिंद्रा से मिली. जब उन्होंने डॉली बिंद्रा को बिग बॉस में इस अपशब्द का इस्तेमाल करते देखा था. तो उन्हें यह आइडिया बेहद पसंद आया था. चूंकि फिल्म डेली बेली तीन बैचलर की कहानियों पर आधारित है, और टीम को यह गीत अपनी फिल्म से मेल खाता लगा. सो, उन्होंने अपनी फिल्म में इस गीत को शामिल कर लिया. लेकिन आमिर ने शायद ही इस बारे में सोचा होगा कि उनके इस गाने के प्रयोग से किस तरह हंगामा बड़प सकता है. आमिर खान की छवि पूरे देश में एक गंभीर और बुध्दिजीवी अभिनेता के रूप में की जाती है. ऐसे में जब उन्होंने इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल फिल्म के गीत के बोल में किया है तो लोगों को इस पर आपत्ति हो रही है. हालांकि टॉप गीतों की फेहरिस्त में इसे शीर्ष दर्जा हासिल तो हो रहा है. लेकिन इसके बावजूद बुध्दिजीवी वर्ग के लोगों का मानना है कि इस तरह के गीत नहीं बनने चाहिए, इससे हमारी जेनरेशन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. इस पर हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री के कई हस्तियों की अलग अलग राय है. कुछ हस्तियों का मानना है कि यह गाली नहीं है. इस तरह के गाने युवा दर्शकों में बेहद लोकप्रिय होते हैं. इसलिए इनका इस्तेमाल किया जाना अनुचित नहीं. जबकि कुछ फिल्मकार मानते हैं कि ऐसे शब्दों के इस्तेमाल से सिनेमा की संस्कृति पर बुरा असर पर रहा है.गौर करें तो अब तक कई फिल्में हैं, जिनमें अपशब्दों का इस्तेमाल किया जाता रहा है. पिछले कुछ दशकों से फिल्मों में उन सारे शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके प्रयोग से कभी पहले लोग हिचकते थे. इस क्रम में गौर करें तो

इश्किया

फिल्म इश्किया में कई अपशब्दों का प्रयोग किया गया है. विद्या बालन ने भी बोल्ड संवाद बोलने से गुरेज नहीं किया है.

दबंग

फिल्म दबंग के कुछ संवाद मैं इतने छेद करूंगा...को लेकर भी बहुत विवाद छिड़ा रहा. चूंकि इस संवाद में कुछ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया, जिसे सुन कर दर्शक हंसे जरूर लेकिन उन्हें शर्मिंदगी भी महसूस हुई.

साला है आम

रामगोपाल वर्मा की फिल्मों में साला शब्द का इस्तेमाल सबसे अधिक किया गया है. इसके अलावा फिल्म जाने तू या जाने के गीतों में साला शब्द का इस्तेमाल किया गया है. फिल्म रेडी के गीत कैरेक्टर ढीला में भी इस गीत का इस्तेमाल है.

नो वन..

फिल्म नो वन में भी रानी मुखर्जी ने लगातार गालियों का इस्तेमाल किया है अपने संवादों में.

ये साली जिंदगी में

फिल्म ये साली जिंदगी में भी अपशब्दों का जम कर इस्तेमाल किया गया है.

गंभीर फिल्मों की बात करें तो फिल्म लाल सलाम, बैंडिंट क्वीन जैसी फिल्मों में भी अपशब्दों का इस्तेमाल होता रहा है.

लेकिन डेली बेली के गीत डीके बोस पहला गीत है जिसमें खुल कर अपशब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है. गौरतलब है कि एक्सएलआरइ के युवाओं ने भी कभी अपने मनोरंजन के लिए अपशब्दों पर आधारित एक गीत बनाया था, जो आज भी यूटयूब पर बेहद लोकप्रिय है.

छोटा परदा भी नहीं पीछे

ऐसा नहीं कि अपशब्दों का इस्तेमाल केवल बड़े परदे पर ही होता आ रहा है. छोटे परदे पर भी इसका खुल कर प्रचार हो रहा है. सीरियल मन की आवाज प्रतिज्ञा में ठाकुर सज्जन सिंह सबसे अधिक अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं.

विशेषज्ञों की राय

महेश भट्ट, फिल्मकार

मैं नहीं मानता कि फिल्मों में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल गलत है. जरूरत पड़ने पर अगर इसका सही इस्तेमाल किया जाये तो यह गलत नहीं.

अमोल गुप्ते, फिल्मकार

मुझे नहीं लगता कि गीतों के माध्यम से ऐसी चीजों को लोकप्रियता देनी चाहिए. क्योंकि गीत हमारी जुबां पर जल्दी चढ़ते हैं.

अमिताभ भट्टाचार्य, गीतकार

मैं मानता हूं कि ऐसे शब्द हम युवा आम बोल चाल की भाषा में कॉलेज में भी बोला करते हैं. ऐसे में उसे सिनेमा में दिखाना क्यों गलत है. आखिर सिनेमा हमें सीधे तौर पर ही समाज से जोड़ रहा है.

प्रीतम, संगीतकार

मैं उन शब्दों के इस्तेमाल के पक्ष में हूं जो लोगों में लोकप्रिय हैं, फिर चाहे वह किसी भी रूप में हो.

साला कोई गाली नहींः सलमान खान

मैं साला शब्द को अपशब्द नहीं मानता. टाइ पहन कर एसी रूम में बैठा सीइओ भी हंसी मजाक के दौरान इस शब्द का इस्तेमाल करता है तो एक लोकल ट्रेन में चलनेवाला आदमी भी.

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