20110913

इसकी टोपी उसके सर

फिल्म रोबोट के म्यूजिक लांच के मौके पर रजनीकांत ने कहा था कि उनसे पहले रोबोट कमल हसन और शाहरुख खान को ऑफर हुई थी. तकरीबन पिछले दस सालों से इस फिल्म की योजना बन रही थी. इस दौरान कई नाम फिल्म से जुड़े लेकिन अंत में फिल्म मुझे ही मिली, क्योंकि दाने -दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम. रजनीकांत की यह बात सिर्फ फिल्म पर ही नहीं बल्कि हिंदी सिनेमा के गीत संगीत पर भी पूरी तरह से लागू होती है. हिंदी सिनेमा में कई ऐसे सुपरहिट गीत -संगीत हैं, जो बने किसी दूसरी फिल्म और स्टार्स के लिए थे लेकिन उन्होंने किसी और फिल्म में अपना जादू चलाया. सिनेमा एक कला है. एक सृजनशीलता की प्रक्रिया है. इसलिए जरूरी नहीं कि जिस वक्त जिस कला की परिकल्पना की गयी हो. उसका इस्तेमाल उसी वक्त हो जाये. ऐसे कई क्रियेशन होते हैं. जिनका निर्माण उस वक्त हो जाता है. लेकिन उसका सही इस्तेमाल कभी और होता है. और खासतौर से सिनेमा के संदर्भ में यह बात पूरी तरह लागू होती है. चूंकि यहां जितने भी कलाकारों हैं, उन्होंने हमेशा ही क्रियेशन की क्रिया जारी रखी है लेकिन ऐसा कई बार हुआ है कि उनके गीतों का या किसी दृश्यों का उपयोग जिस वक्त जिस किरदार के लिए तैयार किया गया हो. उसे उस वक्त न लेकर अगली किसी फिल्म में उसका इस्तेमाल किया गया हो.

कैरेक्टर ढीला गीतः हालिया रिलीज फिल्म रेडी का गीत कैरेक्टर ढीला है, इन दिनों सभी की जुबान पर चढ़ा हुआ है. पार्टी हो या डिस्कोथेक सभी जगह इसी का असर नजर आ रहा है. सभी का कहना है कि यह गीत सलमान पर पूरी तरह से फिट बैठता है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि यह गीत संगीतकार प्रीतम ने अक्षय कुमार के लिए लिखा था. फिल्म थी खट्टा मीठा, लेकिन अक्षय कुमार और निदर्ेशक प्रियदर्शन को यह गीत पसंद नहीं आया. उन्होंने प्रीतम को दूसरा गीत बनाने को कहा. जिसके बाद प्रीतम ने फिल्म के लिए नानाची टांग गीत बनाया. फिल्म रेडी का म्यूजिक देते हुए जब प्रीतम ने यह गीत अनीस बज्मी को सुनाया तो उन्हें यह भा गया. उन्होंने सलमान खान को बताया. सलमान खान भी इस गाने के मुरीद बन गये और इस तरह अक्षय के लिए लिखा गीत सलमान खान पर न सिर्फ फिट बैठ गया बल्कि सुपरहिट भी हो गया. गौरतलब है कि बैंकॉक के डिस्कोथेक में इस गाने की शूटिंग हुई थी लेकिन मुंबई वापस आने के बाद जब सलमान ने फिल्म देखी तो उन्हें लगा कि गाना जितना लार्जर दैन लाइफ है. उस हिसाब से इसका फिल्मांकन नहीं हुआ है. उन्होंने गीत को दोबारा पूरी तरह से रीशूट करवाया.

जय होः संगीतकार एआर रहमान और गीतकार गुलजार को अंतरराष्टि्रय सम्मान ऑस्कर देने वाला यह गीत सुभाष घई की फिल्म युवराज के लिए लिखा गया था. इस फिल्म में सलमान खान, जायेद खान और अनिल कपूर की अहम भूमिका थी. रहमान ने यह गीत जायेद के किरदार के लिए लिखा था लेकिन जब सुभाष घई ने यह गीत सुना तो उन्हें लगा कि कैरेक्टर और सिचुएशन के हिसाब से यह गीत फिट नहीं है और उन्होंने यह गीत मिसफिट करार दे दिया. फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर के लिए संगीत तैयार करते हुए रहमान ने सुभाष घई द्वारा मिसफिट करार दिये गये इसी गीत का इस्तेमाल किया और निदर्ेशक डैनी बॉयल को यह गीत बेहद पसंद आया.आमतौर पर किसी फिल्म के लिए संगीत तैयार करने में रहमान कई महीनों का समय लेते हैं, लेकिन ऑस्कर प्राप्त अपनी फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर का संगीत उन्होंने महज 20 दिनों में पूरा कर दिया था. इस गाने से जुड़ी एक रोचक बात यह भी है कि इस गाने को कोरियोग्राफर भारतीय मूल के लांजिस फर्नाडिस ने किया था, लेकिन फिल्म में क्रेडिट उन्हें नहीं दिया गया था. उन्होंन जब इस बात की शिकायत डैनी से की तो डैनी ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी, लेकिन उन्होंने अपनी इस भूल का जिक्र आस्कर के मंच पर कर लाजिंस को भी बेहतरीन ढंग से इस फिल्म से जोड़ दिया.

दम दम मस्त हैः यशराज बैनर की पिछले साल सुपरहिट रही फिल्म बैंड बाजा बारात का गीत दम दम मस्त है कैसी है ये जस्त है शाहरुख खान स्टारर फिल्म रब ने बना दी जोड़ी के लिए लिखा गया था, लेकिन निदर्ेशक आदित्य चोपड़ा को यह गीत कुछ खास पसंद नहीं आया और उन्होंने फिल्म में इसका इस्तेमाल नहीं किया. फिल्म बैंड बाजा बारात के लिए संगीत बनाते हुए संगीतकार सलीम-सुलेमान ने महसूस किया कि उनके द्वारा बनाया गया रब ने बना दी जोड़ी के लिए दम दम मस्त मस्त है गीत इस फिल्म और सिचुएशन के लिए परफेक्ट है. बैंड बाजा बारात के निदर्ेशक मनीष शर्मा ने आदित्य से बात की. जिसके बाद यह गीत बैंड बाजा बारात से जुड़ गया. सूफी रॉक मूड़ लिए यह गीत बीते साल के हिट गीतों में से एक रहा था.

खइके पान बनारस वालाः सन 1978 में फिल्म डान का यह सुपरहिट गीत दरअसल 1973 में देव आनंद अभिनीत फिल्म बनारसी बाबू के लिए लिखा गया था लेकिन यह गीत अभिनेता देव आनंद को पसंद नहीं आया और यह गीत डिब्बाबंद हो गया. पांच सालों तक डिब्बाबंद रहे इस गीत की फिल्म डॉन से जुड़ने की घटना काफी दिलचस्प है. फिल्म की पूरी शूटिंग होने के बाद इस गाने को फिल्म में डाला गया. हुआ यूं कि जब फिल्म बन गयी तब सलीम जावेद ने मनोज कुमार को फिल्म दिखायी. फिल्म देखने के बाद मनोज कुमार ने कहा कि इंटरवल के बाद कहानी कुछ ज्यादा ड्रामाटिक हो गयी है. दर्शकों को रिलैक्स करने के लिए बीच में एक गीत होना ही चाहिए. सलीम जावेद को यह बात सही लगी. उन्होंने संगीतकार कल्याण जी आनंद और गीतकार अंजान को परेशानी बतायी. इतने कम वक्त में गाना तैयार करना उनके लिए मुश्किल था. उन्होंने कहा कि उनके पास एक गीत तैयार है. अगर वह चाहे तो इस फिल्म में उसे डाल सकते हैं. सलीम जावेद सहित फिल्म से जुड़े सभी लोगों को वह गीत पसंद आ गया और इस तरह बनारसी बाबू के लिए 5 साल पहले लिखा गीत खइके पान बनारस वाला डॉन में फिट बैठ गया. इस गाने के इस फिल्म से जुड़ने का वाकया जितना दिलचस्प है उससे कम फिल्म में इस गाने का पिक्चराइजेशन भी नहीं है. गाने की मांग के अनुसार अमिताभ बच्चन ने शूटिंग के वक्त असल में पान खाया ताकि उनके होंठों पर पान की लाली का ही रंग दिखे. इसके लिए उन्होंने एक दो नहीं पूरे 25 पान खाये. पान के चूने की वजह से उनके हाेंठ तक कट गये थे. ऑनस्क्रीन गीत में रंग जमाने के लिए अमिताभ बच्चन ने पान खाया तो आफस्क्रीन प्लेबैक सिगिंग में न्याय करने के लिए किशोर कुमार ने भी इस गीत को गाते हुए जमकर पान खाया. जब इस गीत की रिकॉर्डिंग हुई थी, उस वक्त स्टूडियों में पॉलीथिन की चादरें बिछा दी गयी थी ताकि किशोर यह गाना बिना किसी रुकावट के गा सकें. पूरा रिकॉर्डिंग स्टूडियों पान की पीक से भर गया था.

ओढ़नी ओढ़ के नाचूंः तेरे नाम का यह गीत उस वर्ष ही नहीं बल्कि आज भी संगीत प्रेमियाें का पसंदीदा गीत है, लेकिन इस गीत को निर्माता निदर्ेशक सुनील दर्शन ने पसंद नहीं किया था. तेरे नाम फिल्म के इस गीत के साथ- साथ कई गीतों की धुनें पहले हिमेश रेशमिया ने सुनील दर्शन को प्रियंका चोपड़ा, बिपाशा बसु और बॉबी देओल स्टारर बरसात के लिए सुनाई थी लेकिन सुनील को हिमेश रेशमिया की ये धुनें पसंद नहीं आयी थी, जिसके बाद हिमेश ने सलमान खान से बात की और अपने म्यूजिक सेंस के लिए इंडस्ट्री में मशहूर सलमान खान ने फौरन उन्हें अपनी फिल्म तेरे नाम का हिस्सा बना लिया और इस जुगलबंदी ने संगीत को हिट गीत -संगीत से सजी फिल्म तेरे नाम की सौगात दी.

सूरज हुआ मधमः फिल्म कभी खुशी कभी गम का यह रोमांटिक गीत आज एक दशक बाद भी कानों को ही नहीं दिल को भी अजीब-सा सुकून देता है, लेकिन यह रोमांटिक गीत संगीतकार संदेश शांडिल्य ने संजय लीला भंसाली की फिल्म हम दिल दे चुके सनम के लिए लिखा था. लेकिन संजय को संदेश के इस गीत के बजाय इस्माइल दरबार का चंाद छुपा बादल में कुछ ज्यादा ही भा गया था. जिस वजह से यह गीत हम दिल दे चुके सनम का हिस्सा न बन सका. गौरतलब है कि जब संदेश शांडिल्य ने यह गीत निदर्ेशक करन जौहर को सुनाया तो वे खुशी से उछल पड़े थे. उन्होंने कहा कि यह गीत इसी फिल्म में इस्तेमाल होगा. करन ने इस रोमांटिक गीत को मिस्र की खूबसूरत फिजा में फिल्माया था.

प्यार दो प्यार लोः फिल्म जाबांज का यह गीत आज भी श्रोताओं की नहीं बल्कि संगीतकारों की भी पहली पसंद है. अगर ऐसा नहीं होता तो डेढ़ दशक पुराना यह गीत हालिया रिलीज फिल्म थैंकयू में फिर से इस्तेमाल न होता था. गौरतलब है कि जाबांज(1986) में फिल्माया गया यह गीत 1982 की फिल्म कच्चे हीरे के लिए था, लेकिन यह फिल्म कभी भी शूटिंग फ्लोर तक नहीं पहुंच पायी, लेकिन यह गीत फिरोज खान के जेहन में हमेशा रहा.यही वजह है कि जब उन्होंने जाबांज फिल्म का निर्माण किया तो उन्होंने इस सुपरहिट गीत को आखिरकार अपनी फिल्म में शामिल कर लिया.

दीदी तेरा देवर दीवानाः हम आपके हैं कौन के सुपरहिट गीत दीदी तेरा दीवाना की ये धुनें सबसे पहले संगीतकार राम लक्षमण ने साहब फेम निदर्ेशक अनिल गांगुली की फिल्म के लिए लिखे थे लेकिन अनिल गांगुली ने इस धुन को रिजेक्ट कर दिया. कई सालों बाद जब यह धुनें सूरज बड़जात्या ने सुनी तो इन्हें यह धुन लुभा गयी. जिसके बाद यह धुनें हम आपके हैं कौन का हिस्सा बन गयी और उस धुन पर बना गीत दीदी तेरा देवर दीवाना सभी को दीवाना कर गया.

मोहब्बत है मिर्चीः राखी सांवत पर फिल्माया गया यह आयटम गीत तुषार और ईशा देओल की फिल्म क्या दिल ने कहा के लिएसंगीतकार हिमेश रेशमिया ने संगीतबध्द किया था लेकिन फिल्म के निदर्ेशक संजय छैल की यह गीत पसंद नहीं आया जिसके बाद हिमेश ने इस आयटम गीत को फिल्म चुरा लिया है तुमने में इस्तेमाल किया और जमकर सुर्खियां बटोरी.

बाक्स में ः शोमैन राजकपूर अक्सर किसी और फिल्म के लिए बनाये गये गीत, संगीत और दृश्य को अपनी किसी और फिल्म में इस्तेमाल करते थे. फिल्म आह के बैकग्राऊंड म्यूजिक पर ही उन्होंने मेरा नाम जोकर का गीत जाने कहां गये वो दिन को संगीतबध्द किया. सिर्फ यही नहीं श्री 420 के लिए लिखे गये कई सींस का पिक्चराईजेशन उन्होंने मेरा नाम जोकर में किया था.

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