बच्चों की टोली व उनके बीच होनेवाली मस्ती की कहानियों को दर्शाता रहा है बॉलीवुड.
इस हफ्ते सलमान खान प्रोडक्शन की पहली फिल्म चिल्लर पार्टी रिलीज हुई है. फिल्म की कहानी बच्चों की एक ऐसी टोली पर आधारित है, जो मस्ती करना जानते हैं और अपने तरीके से जिंदगी जीने में विश्वास करते हैं. वे जानते हैं कि अपने तरीके से भी कैसे जिंदगी को जीना चाहिए. यही वजह है कि सलमान खान ने इस फिल्म को प्रोमोट किया है. चूंकि उनका भी मानना है कि बच्चों का बचपन जिंदगी के सबसे हसीन पलों में से एक होते हैं और उसे यूं ही बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए. यूं तो बॉलीवुड में लगातार कई ऐसी फिल्में बनती रही हैं, लेकिन अधिकतर फिल्मों में बच्चों की किसी बीमारी पर फोकस किया गया है. ऐसी कम ही फिल्में हैं, जिनमें बच्चों की टोली को मस्ती करते दिखाया गया है या फिर पूरी फिल्म में कैमरा हर बच्चों पर घुमाया गया है. ऐसी फिल्में की कहानियों में बच्चों से संबंधित कई मुद्दों को दर्शाया जाता रहा है. गौर करें तो शुरुआती दौर की फिल्मों में अनाथ बच्चों की टोलियों की कहानी भी दिखाई जाती रही है. कुछ ऐसी ही फिल्मों पर एक नजर
ब्रह्मचारी
वर्ष 1968 में शम्मी कपूर और राजश्री द्वारा अभिनीत फिल्म ब्रह्मचारी की कहानी बेहतरीन तरीके से दर्शायी गयी है. फिल्म में बच्चों की देख रेख करनेवाला एक व्यक्ति किसी तरह एक अनाथ आश्रम तैयार करता है और बच्चों का ख्याल रखता है.
मिस्टर इंडिया
फिल्म मिस्टर इंडिया में अनिल कपूर भी एक अनाथ आश्रम की देखभाल कर रहे होते हैं. सभी बच्चों की जिम्मेदारी उन पर होती है. इसी फिल्म में काजोल व करिश्मा कपूर ने बाल कलाकार की भूमिका निभाई है. बच्चों की टोली मिल कर खूब मस्ती करती है. बच्चों पर फिल्माये गये कई गीत आज भी लोकप्रिय गीतों में से एक हैं. जिनमें खिलौना मेरे बच्चों का लोकप्रिय गीतों में से एक है.
लाइफ हो तो ऐसी
कुछ वर्षों पहले रिलीज हुई फिल्म लाइफ हो तो ऐसी भी बच्चों की टोली पर आधारित कहानी थी. फिल्म में शाहिद कपूर और आशिया टाकिया ने मुख्य भूमिका निभाई थी.
परिचय
जीतेंद्र व जया भादुड़ी द्वारा अभिनीत इस फिल्म के गीत सारे के सारे गामा को लेकर गाते चले बेहद लोकप्रिय गीतों में से एक है. फिल्म की पूरी कहानी बच्चों की टोली के इर्द-गिर्द घूमती है. फिल्म में कई बच्चे हैं, जिनका ख्याल पहले उनकी दीदी रखती है. फिर जीतेंद्र के आने के बाद बच्चों को जीतेंद्र से अधिक लगाव हो जाता है.
राजू चाचा
अजय देवगन की फिल्म राजू चाचा में बच्चे पहले अभिनेता के साथ रहने को तैयार नहीं होते. धीरे धीरे वह उन्हें पसंद करने लगते हैं. इस फिल्म में भी ज्यादा से ज्यादा बच्चे नजर आये हैं.
कोई मिल गया
फिल्म कोई मिल गया की कहानी यूं तो रोहित के इर्द-गिर्द घूमती है. लेकिन फिल्म में रोहित की दोस्तों की टोली मिल कर जादू की मदद करते हैं. वे सभी मिल कर जादू के खान पान का ध्यान रखते हैं और उसकी जान बचाने की भी कोशिश करते ै हैं.
पाठशाला
पाठशाला की कहानी भी हॉस्टल में रह रहे बच्चों के इर्द-गिर्द घूमती है. जहां वे अपनी परेशानी किसी को नहीं कह पाते. फिर एक टीचर आता है, जो उनकी परेशानियों को समझता है और उन्हें उस दबाव से निकालने की कोशिश करता है.
चिल्लर पार्टी
चिल्लर पार्टी की कहानी बच्चों की टोली पर आधारित है. फिल्म में यह दर्शाने की कोशिश की गयी है कि बच्चे शांत रहे तो ठीक, उन्हें तंग करने की कोशिश न करें. वरना वे ठान लें तो वे कुछ भी कर सकते हैं. फिल्म में बचपन के रापचिक अंदाज को दर्शाने की कोशिश की गयी है.
सलमान खान, अभिनेता
सबका बचपन खास होता है. मेरा भी था. आपका भी होगा. तो आपके आनेवाले बच्चों के बचपन को रोने धोने की बजाय मजेदार बनाएं और चिल्लर पार्टी के साथ मस्ती करने का उन्हें मौका दें
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