20110913

बस मस्ती करने निकल पड़े हम...

हिंदी सिनेमा के साथ साथ हॉलीवुड में भी लगातार बनती रहीं हैं रोड टि्रप पर फिल्में. इस हफ्ते रिलीज हुई फिल्म जिंदगी न मिलेगी दोबारा भी उन हिंदी फिल्मों से एक है, जिसकी कहानी तीन दोस्तों की है. तीनों मस्ती करते हैं और एक खास टि्रप पर निकलते हैं. खासतौर से रोड टि्रप पर.

हिंदी सिनेमा में रोड टि्रप पर आधारित फिल्मों का कंस्पेट मुख्यतः विदेशों से ही आया. चूंकि कई विदेशी फिल्में ऐसी रहीं, जो रोड टि्रप पर आधारित हैं और उन्हें दर्शकों ने बेहद पसंद भी किया है. इसकी खास वजह यह है कि रोड टि्रप के माध्यम से निदर्ेशक अपने कलाकारों को जब सैर करवाता है, तो सैर पर होनेवाली चीजें लोगों को उत्साहित कर देते हैं.

हॉलीवुड रोड टि्रप

अब तक लगभग 580 फिल्में हॉलीवुड में रोड टि्रप पर बनी हैं. जिनमें सैम पेकीनक की फिल्म कनवे आयी थी. फिल्म में दो दोस्तों की मस्ती दिखाई गयी है. वर्ष 1934 में फ्रैंक कैप्रा की फिल्म इट्स हैपेंड वन नाइट भी नायक व नायिका के रोड पर मिलने की कहानी है. इसी फिल्म को आधार मानकर कभी राजकपूर व नरगिस ने चोरी चोरी नामक फिल्म में काम किया था. आगे चलकर इस फिल्म से प्रेरणा लेकर फिल्म दिल है कि मानता नहीं का निर्माण किया गया था. वर्ष 1991 में थेलमा व लुइस ने भी नायक नायिका की मुलाकात सड़क पर होती है. अब तक की खास फिल्मों में मोटरसाइकिल डायरिज नामक फिल्म का नाम उल्लेख करना आवश्यक है. चूंकि इस फिल्म में नायक ने पूरी दुनिया की सैर मोटरसाइकिल से की है. फिल्म वैनिशिंग प्वाइंट व स्मोकी एंड बैंडिट भी सड़क की मजेदार टि्रप पर आधारित कहानियों में से एक है. वषङ 1979 में आयी मैड मैक्स ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया. डेठथ प्रूव, प्लान, ओटोमोबाइल्स भी ऐसी फिल्मों में से एक हैं.

हिंदी सिनेमा का रोड टि्रप

हिंदी सिनेमा में शुरुआती दौर से ही निदर्ेशक रोड टि्रप से प्रभावित रहे हैं. खासतौर से नायक-नायिका की एक रोमांचक प्रेम कहानियां कई बार सड़क के सफर व किसी भी तरह के सफर पर फिल्माई गयी है. विदेशों की फिल्में इस तरह की फिल्मों के लिए हमेशा प्रेरणा रही है.

राजकपूर का रोड टि्रप

किसी जमाने में राजकपूर की कई फिल्मों की नायिका व उनकी नायक से प्रेम कहानी की शुरुआत अचानक रास्ते में ही सड़क पर शुरू होती थी. फिल्म चोरी-चोरी में नायक-नायिका की मुलाकात यूं ही सड़क पर हो जाती है. कुछ इसी तरह फिल्म तीसरी कसम की कहानी है. जिसमें राजकूपर के किरदार हीरामन की मुलाकात हीरा बाई यानी वहीदा से रास्ते में होती है. फिर बैलगाड़ी की यात्रा सड़क द्वारा तय की जाती है. फिल्म में अधिकतर दृश्य सफर पर ही फिल्माये गये हैं.

दिल है कि मानता नहीं

कुछ इसी तरह भट्ट कैंप की फिल्म दिल है कि मानता नहीं में आमिर व पूजा भट्ट लड़ते झगड़ते मिल जाते हैं और फिर दोनों की प्यार की कहानी शुरू होती है.

जब वी मेट

फिल्म जब वी मेट में भी अधिकतर दृश्य करीना व शाहिद के सड़क के टि्रप पर आधारित हैं.

अनजाना अनजानी

पिछले साल रिलीज हुई फिल्म अनजाना अनजानी की पूरी कहानी नायक नायिका के सड़क पर हो रही उनकी मस्ती के इर्द-गिर्द घूमती रहती है. फिल्म के नायक नायिका घर से भाग जाते हैं और मस्ती करते हैं. बेफिक्र और बिंदास होकर.

दिल चाहता है

फिल्म दिल चाहता है में तीनों दोस्त एक कार के माध्यम से घूम घूम कर अपने अंदाज में जिंदगी जीते हैं. इसी दौरान तीनों की जिंदगी में अलग अलग तरीके से प्यार की एंट्री होती है.

जिंदगी मिलेगी न दोबारा

इस हफ्ते रिलीज हो रही फिल्म जिंदगी मिलेगी न दोबारा में भी दर्शक रितिक, फरहान व अभय को रोड टि्रप की मस्ती का आनंद लेते देखंगे. फिल्म में तीनों दोस्त जिंदगी की सारी मस्ती कर लेना चाहते हैं. इसके लिए वे हर तरीके के रोमांच का आनंद लेते हैं

दौड़

उर्मिला व संजय दत्त को भी फिल्म दौड़ में एक दूसरे का साथ मिला है. दोनों रास्ते में ही मिलते हैं. फिर इनकी प्रेम कहानी आगे बढ़ती है. फिर दोनों रोमांचक तरीके से एक दूसरे का साथ निभाते हैं.

इसके अलावा हाल ही में रिलीज हुई फिल्म चलो दिल्ली में कई दृश्य सड़क के सफर पर आधारित है. अभय देओल अभिनीत फिल्म रोड मूवी की पूरी कहानी सड़क पर केंद्रित है.

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