साक्षी के लिए अब पार्वती भाभी की परिभाषा बदल चुकी है. चूंकि उनके नये शो बड़े अच्छे लगते हैं.. की प्रिया अब उनकी नयी पहचान है. बेहतरीन अभिनेत्री तो वे हैं ही, इस सीरियल के माध्यम से एक बार फिर वह लोकप्रिय हो गयी हैं.
कहानी घर घर की में भाभी का किरदार निभाने के बाद लोगों को लगा कि साक्षी अब केवल भाभी के रूप में ही नजर आयेंगी. लेकिन प्रिया के किरदार से उन्होंने दर्शकों के बीच अपनी एक खास जगह बना ली है. फिलवक्त इस शो को दर्शकों से भरपूर प्यार मिल रहा है.
साक्षी, आपको सबसे पहले बधाई कि आपको आपके नये शो बड़े अच्छे...से दर्शकों ने फिर से पसंद कर लिया है. अब प्रिया के रूप से साक्षी खुद को कहां देखती हैं.
जहां से पार्वती भाभी का किरदार खत्म होता है. वहां से प्रिया का किरदार शुरू होता है. मसलन जब लोगों ने मुझे पार्वती भाभी के रूप में स्वीकारा तो उस वक्त मुझे इस बात का डर था कि यह शो करते वक्त पता नहीं लोग मुझे इस रूप में स्वीकारेंगे या नहीं. लेकिन हुआ बिल्कुल विपरीत. लोगों के लगातार प्यार से प्रिया का किरदार निखर रहा है.
मतलब पार्वती अब पूरी तरह प्रिया बन गयी है.
देखिए, दरअसल सच्चाई यह है कि मैं खुद वास्तविक जिंदगी में भी खुशमिजाज अपने परिवार को बेहद प्यार करनेवाली भावुक लड़की हूं तो यही वजह है कि प्रिया का किरदार बेहद करीब है मेरे लिए. पार्वती के रूप में मुझे परिवार की मान मर्यादा का ख्याल रखना पड़ता था. जबकि यहां तो अपनी ही चलती है.
साक्षी वास्तविक जिंदगी में भी आपकी शादी नहीं हुई है और इस शो में भी कहानी कुछ ऐसी ही है कि प्रायः 30 के पहले शादी हो ही जाती है. लेकिन आपकी नहीं हो पायी. तो क्या आप शो से खुद को बहुत जोड़ पाती हैं. व्यक्तिगत तौर पर.
बिल्कुल. लेकिन प्रिया की तरह ही मैं वास्तविक जिंदगी में बिंदास हूं. परिवार से प्यार मिलता रहा है हमेशा. मैं मानती हूं शादी जब हाथ में लिखी होगी.हो ही जायेगी.
लेकिन आपकी उम्र की लड़कियां प्रायः शादीशुदा हो जाती हैं. क्या आप मानती हैं कि शादी की वजह से आपके करियर में कोई ठहराव आ जायेगा. कहीं यह वजह तो नहीं.
नहीं. बिल्कुल नहीं. ऐसा नहीं कि करियर की वजह से मैं शादी नहीं करना चाहती. लेकिन सही मेल तो मिले. सबकुछ उस पर ही निर्भर करता है.
राम कपूर के साथ आपकी केमेस्ट्री कैसी है. शो में आप जितनी चुलबुली और रुमानी नजर आती हैं. वाकई आप वैसी ही हैं?
हां, मैं वैसी ही हूं. मेरे पास जब इस शो का प्रस्ताव आया था. मुझे लगा था मैं नहीं कर पाऊंगी, तो मैंने एकता को मना भी कर दिया था. लेकिन एकता ने मुझे मना ही लिया. और राम कपूर के बारे में इतना ही कहूंगी कि उन्हें काफी सालों से जानती हूं और उनके हंसमुख स्वभाव की. तो जब मौका मिला तो सोचा साथ में थोड़ा रोमांस हो ही जाये.( हंसते हुए) वैसे गौतमी मुझसे जल जरूर जाती होंगी हाहाहा
आप जल्द ही फिल्म मोहल्ला अस्सी में नजर आनेवाली हैं.
हां, यह मेरे लिए एक बड़ा मौका है. मैं खुश हूं कि चंद्रप्रकाश जी ने मुझे यह मौका दिया. मैं इस फिल्म में सनी देओल के साथ काम कर रही हूं.
चंद्रप्रकाश जी से बातचीत होने के दौरान उन्होंने बताया था कि साक्षी को मैंने पार्वती के रूप में ध्यान में रख कर इस किरदार का निर्माण किया था. चूंकि साक्षी में वह बनारसी भोलापन है. आप इस बात से कितनी सहमति रखती हैं.
देखिए हर निदर्ेशक की अपनी सोच होती है. हां, यह जरूर है कि मैं पली बढ़ी दिल्ली में हूं. लेकिन अपने किरदार को आवश्यकतानुसार ढाल लेती हूं. तो बनारसी भोलेपन के किरदार में खुद को ढाल ही लिया.मन से भोली तो हूं ही. ( हंसते हुए)
साक्षी, क्या वास्तविक जिंदगी में भी कभी आप उन लड़कियों से मिली हैं.क्या आपको लगता है कि 30 तक लड़कियों को शादी कर ही लेनी चाहिए.
शादी की उम्र क्या होनी चाहिए यह मेडिकल कारणों में आधारित होना चाहिए न कि उम्र पर. मुझे नहीं लगता कि वे लड़कियां खुश नहीं रह पातीं. जिनकी 30 होने तक शादी न हुई हो. मैं अपनी ही कितनी दोस्तों को जानती हूं. दूसरी बात मैं मानती हूं कि लड़कियों का आत्मनिर्भर होना मुद्दा होना चाहिए समाज में. यह नहीं कि शर्मा जी की बेटी की तो अब तक शादी ही नहीं हुई और उन लड़कियों में बैठ कर खामिया निकाली जाये.
वास्तविक जिंदगी में राम कपूर जैसा पति चाहिए.
हां बिल्कुल, बस उनकी तरह मोटा नहीं. हाहाहा. चूंकि मैंने खुद इस परेशानी को झेला है. मैं खुद कितनी मोटी हो गयी थी. वजन घटाने के बाद अब खुद को दुरुस्त महसूस करती हूं. तो बस मेरी यह शर्त तो है.
No comments:
Post a Comment