फिल्म शबरी की कहानी अंडरवर्ल्ड से जुड़ी महिला पर आधारित है. हिंदी सिनेमा में लगातार कई फिल्में अंडरवर्ल्ड व गुनाहों के समूहों को केंद्र में रख कर बनाई जाती रही हैं.
हिंदी सिनेमा में 70वें दशक के बाद लगातार हिंदी फिल्मों के रूप में अंडरवर्ल्ड की कहानियां, जुर्म व मुजरिमों पर आधारित कहानियां दर्शायी जाती रही हैं. इस तरह की कहानियों में विशेष कर कई कहानियां वास्तविक घटनाओं पर भी आधारित रही हैं. इन फिल्मों को दर्शकों न केवल पसंद किया है, बल्कि अब भी वे इन कहानियों को लगातार परदे पर देखते रहना चाहते हैं. हिंदी फिल्मों की खासियत रही है कि उन्होंने इस तरह के विषयों को चुनने में जोखिम भी उठाया है, जबकि उन्हें लगातार धमकियां मिलती रही हैं. राम गोपालवर्मा की इस हफ्ते रिलीज हो रही फिल्म शबरी भी उनमें से एक हैं.
शबरी
बैंडिट क्वीन के बाद शबरी पहली ऐसी फिल्म है, जिसमें महिला अंडरवर्ल्ड की कहानी को दर्शाया गया है. किस तरह एक औरत हालातों से मजबूर होकर गलत रास्ता इख्तियार करता है. शबरी उसकी कहानी है. शबरी के रूप में महिला की बेबसी से उसके उग्र रूप धारण करने तक की कहानी को दर्शाया गया है. शबरी की कहानी भी मुंबई की पहली महिला डॉन के जीवन से जुड़ी सच्ची घटनाओं पर आधारित है.
ेबैंडिट क्वीन
हिंदी सिनेमा में एक माइलस्टोन मानी जानेवाली कहानी बैंडिंट क्वीन ने हिंदी सिनेमा के इतिहास में पहली बार किसी महिला डाकू की वास्तविक कहानी को परदे पर उतारा था. चंपारण की फुलनदेवी की मार्मिक कहानी का सजीव चित्रण शेखर कपूर ने इस फिल्म के माध्यम से दिया था. फिल्म को सफलता मिली और दर्शकों तक फुलन देवी की वास्तविक कहानी पहुंची. यह कहानी भी फुलनदेवी से जुड़ी सच्ची घटनाओं पर आधारित थी.
वन्स अपन अ टाइम इन मुंबई
हाल ही रिलीज हुई फिल्म वन्स अपन अ टाइम इन मुंबई भी मुंबई के अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मुस्तान मिर्जा पर आधारित थी. फिल्म को बेहतरीन सफलता मिली. इसकी खास वजह यह रही कि हाजी मस्तान एक अच्छा डॉन था. वह काम भले ही गलत तरीके से करे. लेकिन वह जरूरतमंदों की बहुत मदद करता था. यही वजह थी कि जब उसकी कहानी सिनेमाई परदे पर आयी तो दर्शकों ने उसे बेहद पसंद किया. ंनिदर्ेशक मिलन लुथरिया ने फिल्म को इस तरह से प्रस्तुत करने की कोशिश की कि वे वास्तविक रूप में प्रस्तुत हो सके. इसकी सफलता की वजह से ही फिल्म का सीक्वेल भी तैयार किया जा रहा है. जिसमें अक्षय कुमार मुख्य किरदार निभा रहे हैं.
सत्या
रामगोपाल वर्मा की कहानी सत्या भी अंडरवर्ल्ड पर आधारित थी. मुंबई के डांस बार से जुड़े जुर्म की कहानियों पर आधारित थी सत्या. मुंबई माफिया के कई नामों को इसी फिल्म के नाम से उजागर किया गया था. फिल्म में मनोज वाजपेयी, सौरभ शुक्ला ने मुख्य अभिनय किया था.
वास्तव
संजय दत्त की बेहतरीन फिल्मों में से एक वास्तव ने भी अंडरवर्ल्ड व गैंगस्टर की कहानी को परदे पर उतारा. संजय दत्त के बेहतरीन अभिनय की वजह से फिल्म को अपार सफलता मिली.
कंपनी
राम गोपाल वर्मा की फिल्म कंपनी भी ऐसी ही कहानी पर आधारित थी. विवेक ओबरॉय को इसी फिल्म से इंडस्ट्री में कदम रखने का मौका मिला. जल्द ही वह फिल्म जिला गाजियाबाद में भी कुछ ऐसे ही किरदार में नजर आनेवाले हैं.
डॉन2
शाहरुख खान की फिल्म डॉन 2 भी ऐसी ही कहानियों पर आधारित फिल्म है.
इन फिल्मों के लिए पसंदीदा कलाकार
निदर्ेशकों ने इस बात का हमेशा ख्याल रखा है कि जब भी वे इस तरह की कहानी कहते आये हैं, उन्होंने उन कलाकारों का ही चयन किया है, जो वाकई इस तरह के किरदार में फिट बैठें. इनमें उनके पसंदीदा कलाकार रहे हैं अजय देवगन, संजय दत्त, अमिताभ बच्चन व इमरान हाशमी .
राम गोपाल वर्मा
मुझे हमेशा ही वास्तविक कहानियों से आकर्षित किया है. मैं हमेशा से इस तरह की जिंदगी जी रहे लोगों के जीवन को नजदीक से जानने के लिए उत्साहित रहता हूं. सो, मैंने कई बार ऐसी कहानियां कहने की कोशिश की है.
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