अपनी फिल्मों में रिश्तों की जटिलता को हमेशा नये अंदाज में पेश करने वाले निर्माता महेश भट्ट इस बार लीव इन रिलेशनशिप में रह रहे दो लोगों की मनोस्थिति को फिल्म मर्डर टू के जरिये बयां करने जा रहे हैं. मर्डर टू की कहानी आज से सात साल पहले रिलीज हुई मर्डर से जुड़ी हुई नहीं लेकिन महेश मानते हैं कि इस फिल्म में भी अपराध, डर और थ्रिलर का वहीं स्वरूप है. जो मर्डर के पहले पार्ट में था और यही वजह है कि इस फिल्म को हम मर्डर के सीक्वल के तौर पर पेश कर रहे हैं. इस बात को कहने के साथ ही वह यह स्वीकारना भी नहीं भूलते कि सीक्वल फिल्मों से दर्शक आसानी से जुड़ जाते हैं .
कहानी कई मुद्दों को छूती हैः यह फिल्म साथ में कई मुद्दों पर प्रकाश डालती है, फिर चाहे वह निठारी कांड हो, मानव तस्करी हो या टीनएजर वैश्यावृति. सभी पर यह फिल्म एक साथ प्रहार करती है साथ- साथ एक लवस्टोरी भी चलती है. यह फिल्म लीव इन रिलेशनशिप में रह रहे लोगों की परेशानी भी बताती है. यह फिल्म दिखाती है कि शादी की परेशानियों से डरकर लीव इन रिलेशनशिप में रहने वाले ज्यादा परेशान है.
इमरान मल्लिका को नहीं पसंद करताः मर्डर के पहले पार्ट में ही इमरान और मल्लिका की आपस में जमती नहीं थी. दोनों की सोच और काम करने का तरीका बिल्कुल अलग था. यह सच है लेकिन सिर्फ इस वजह से मैं इस फिल्म से मल्लिका को नहीं लूंगा. ऐसी खबरें जो आ रही हैं. वो गलत है आपको लगता है कि इंडस्ट्री में इतना लंबा समय गुजारने के बाद मैं ऐसा करूंगा. दरअसल फिल्म की कहानी में मल्लिका की जरूरत नहीं थी इसलिए हमने इस फिल्म में मल्लिका को नहीं कास्ट किया.
बिपाशा को अप्रोच किया थाः इस फिल्म में एक सीन है. मोहित का मानना था कि वह सीन एक तरह का डर मन में पैदा करता है. उसी डर को कम करने के लिए बैकग्राऊंड में एक गाने को डालने की हमें जरूरत महसूस हुई, उसी गाने पर परफार्म करने के लिए हमने बिपाशा को अप्रोच किया था लेकिन बात नहीं बनी. जिसके बाद याना गुप्ता उस गीत पर फिल्म में परफार्म करती नजर आएंगी.
टेलीविजन पर अलग वर्जन होगाः एडल्ट फिल्मों की परेशानी ही यही होती है कि सिनेमाघर में हम उन्हें ए सर्टिफिकेट के साथ दिखा सकते हैं लेकिन टेलीविजन पर हमें इसमे काट -छांट की जरूरत पड़ती है इसलिए टेलीविजन पर जब इस फिल्म का प्रसारण किया जायेगा तो काट -छांट के साथ यह फिल्म लोगों के सामने आएगी. वैसे अब सैटेलाइट राइट भी फिल्म आमदनी का मुख्य जरिया है इसलिए ऐसी थोड़ी बहुत परेशानी तो उठानी ही पड़ती है.
सेक्स शर्म की बात नहींः सेक्स एक जरूरत है लेकिन हमने इसे शर्म के तौर पर हमेशा प्रस्तुत किया है. मुझे इसी बात से नफरत है. यही वजह है कि मैंने अपनी फिल्मों में हमेशा ऐसे सीन रखे हैं. मुझे इनमे कोई खराबी नजर नहीं आती है. फिल्मों में हमारी हीरोईनें हमेशा सहमी सहमी ही नजर क्यों आये ? जब सबकुछ बदल रहा है तो हीरोइनें क्यों नहीं. वैसे मेरी प्रोडक्शन कंपनी विशेष फिल्म्स पर हमेशा ही सेक्सी दृश्य परोसने का इल्जाम लगाया है. लोग हमेशा मर्डर या राज की ही बात करते हैं. वे सारांश, अर्थ या फिर हम है राही प्यार के को क्यों भूल जाते हैं.
जैकलीन प्रोफेशनल हैः जैकलीन बहुत ही प्रोफेशनल और मेहनती लड़की है इस फिल्म में उसने बेहतरीन अभिनय किया है. हमें एक नये चेहरे की तलाश थी. कुछ लोगों ने मुझे उसका नाम सुझाया. उस वक्त उसकी फिल्म अलाद्दीन रिलीज हुई थी जो बाक्सआफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी थी. हमने उससे कांटेक्ट किया. वह हमारे आफिस आयी और थोड़ी बहुत बातचीत के बाद हमने उसे फिल्म के लिए साइन कर लिया. हमे एक नये चेहरे की जरूरत थी. जहां तक फिल्म प्रमोशन से उसकी दूरी की बात है तो यह सब हमारे प्रोडक्शन हाउस की गलती है. मेरी बहन और मेरा भाई ने यह सब कंफ्यूजन क्रिएट किया है. वही विशेष फिल्म्मस का काम देखते हैं. फिल्म की रिलीज कब होगी और उस वक्त जैकलीन को यहां मौजूद रहना होगा. यह सब बात पहले उन्होंने तय ही नहीं की थी इसलिए जैकलीन की कोई गलती नहीं है. फिलहाल वह हाउसफुल टू की शूटिंग में व्यस्त है. इंडिया से बाहर उस फिल्म की शूटिंग चल रही है.
स्टार्स की बैसाखी नहीं चाहिएः पिछले दस साल से विशेष फिल्म्स की दुकान चल रही है. वो भी बिना किसी स्टार्स के. अपने प्रोडक्शन हाउस की शुरुआत में ही मैंने यह बात तय कर ली थी कि मुझे स्टार्स की बैसाखी नहीं चाहिए क्योंकि बैसाखी सोने की हो या हीरे की होती तो बैसाखी ही है. कांपते हुए कदम हो लेकिन वो मेरे अपने हो. किसी स्टार्स की जी हूजूरी मैं नहीं कर सकता इसलिए मेरी कहानी और मेरा संगीत ही मेरे लिए स्टार है. मैं इन्हीं दो बातों पर एक निर्माता के तौर पर सबसे ज्यादा ध्यान देता हूं.
जिंदगी को समझना जरूरीः मेरी फिल्म की कहानी सबसे ज्यादा मेरे लिए मायने रखती है. मैं खुद भी बतौर राइटर अब तक सक्रिय हूं. मर्डर टू की कहानीकार शगुफ्ता अच्छा काम कर रही हैं. उन्होंने एक अच्छी कहानी लिखी है. इस फिल्म के एक दो सीन ने तो मुझे भी बेहद प्रभावित किया. सीन देखने से यह बात साफ नजर आ जाएगी कि उन्होंने न सिर्फ जिंदगी को जिया है बल्कि समझा भी है. उन्होंने अपनी जिंदगी में भी बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं. वे बार तक में काम कर चुकी है. मुझे लगता है कि किसी भी कहानीकार के लिए जिंदगी को समझना बेहद जरूरी है. सुजाता जैसी फिल्म बिमल राय इसलिए बना पाये थे क्योंकि वे बस कंडक्टर भी रह चुके थे. गांधीजी के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में भाग भी लिया था और दलितों का प्रतिनिधित्व तक किया था. उन्होंने जिंदगी को पूरी तरह से समझा था. यही वजह थी कि उन्होंने इतनी बेजोड़ फिल्में बनायी. मैं चाहता हूं कि शगुफ्ता एक दिन फिल्मों का भी निदर्ेशन करें.
दूसरो को मौका देना चाहिएः इंडस्ट्री में इतना लंबा समय गुजारने के बाद मैं यही चाहता हूं कि मेरा बैनर विशेष फिल्म्मस कितनी सफल फिल्में बना पाया है सिर्फ इसलिए न जाना जाये बल्कि इसलिए भी अपनी एक अलग पहचान रखे कि इसने लोगों को उनकी मंजिल तक पहुचंने में मदद की है.यही वजह है कि मैंने फिल्म बनाना छोड़ दिया है. मैंने पचास से ज्यादा फिल्में बनायी है. मैं फिल्म विधा से जुड़े हर मामले में फिर चाहे वह अभिनय, राइटिंग हो या डायरेक्शन नये लोगों को मौका देना चाहता हूं. अक्सर यह बातें भी सुनने में आती है कि मेरे प्रोडक्शन हाउस ने कंगना, बिपाशा, मल्लिका जैसे कई सितारों को मौका दिया लेकिन वह आज हमारी फिल्मों का हिस्सा बनने से कतराते हैं लेकिन मुझे इसमे कोई परेशानी नहीं है क्योंकि यह बालीवुड है. यहां आगे बढना ही सक्सेस है. विशेष फिल्म्स किसी की मंजिल बने. मैं नहीं चाहता. बस चाहता हूं कि सभी को मंजिल तक पहुंचाने का जरिया बने. मैं यह भी कहना चाहूंगा कि कंगना, मल्लिका, बिपाशा सभी अपने टैलेंट के बलबूते इतना आगे गये हैं. उनमें टैलेंट था तभी वे विशेष फिल्म्स का भी हिस्सा बने. विशेष फिल्म्स ने उनके लिए कोई कमाल नहीं किया.
आने वाली फिल्मः इस फिल्म के बाद मैं फिलहाल जिस्म टू की स्क्रिप्टिंग में व्यस्त हूं. उस फिल्म के बारे में मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं बता सकूंगा क्योंकि उस फिल्म का निदर्ेशन मेरी बेटी पूजा भट्ट कर रही हैं.
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