कौन बनेगा करोड़पति के पर्याय बन चुके अमिताभ बच्चन इन दिनों जब केबीसी के पांचवें संस्करण की एंकरिंग करते नजर आ रहे हैं. वे पहले की अपेक्षा और ज्यादा ऊर्जावान और चुस्त नजर आ रहे हैं.
पंच कोटि महामनी कौन बनेगा करोड़पति को पांचवें करोड़पति की संज्ञा देने की बजाय पंच कोटि महा महिम कह कर कौन बनेगा करोड़पति की शुरुआत करनेवाले अमिताभ बच्चन एक बार फिर से अपने चुस्त अंदाज में दर्शकों के सामने है. शो की मिली सर्वाधिक टीआरपी भी इस बात का प्रतीक है कि अब भी दर्शक बिग बी और केबीसी से बोर नहीं हुए हैं. इसकी वजह शायद बिग बी का अलग अंदाज व आम लोगों के बीच उनकी ही तरह खुद को प्रस्तुत करने का तरीका है.
केबीसी को सर्वाधिक टीआरपी मिली है. यह इस बात का सबूत है कि दर्शक आपको बेहद पसंद कर रहे हैं.
दरअसल, मैं मानता हूं कि यह शो की खासियत है. शो आम लोगों के बीच की कहानी है. मैं तो स्वयं कहता हूं कि मैंने करोड़पति में आकर हिंदुस्तान को महसूस किया है. मुझे बेहद खुशी होती है जब मैं देखता हूं कि यहां लोग कितने सपने लेकर आते हैं, और जिन्हें पूरा करने के लिए उन्हें उन पैसों की जरूरत होती है. कोई घर बनाना चाहता है तो कई लोन चुकाना चाहता है. मुझे ऐसे लोगों से मिल कर प्रेरणा मिलती है. कितने लोगों के सपने सच कर रहा है केबीसी. खुशी होती है. अब देखिए, पिछले बार झारखंड की rahat taslim जीत गयीं, उनके कितने सपने पूरे हुए होंगे. मैं केबीसी से जुड़े हर उन शख्स को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इसे सफल बनाने में साथ दिया. खासतौर से शो के स्क्रिप्ट राइटर का.
मैंने पहले कहीं पढ़ा था, लोगों ने आपसे कहा था कि यह शो न करें?
हां कई लोगों ने कहा था. वर्ष 2000 की बात है. कई लोगों ने मुझसे कहा था कि मैं गलती कर रहा हूं और मेरे जीवन की यह शायद सबसे बड़ी गलती होगी. मेरे परिवारवाले भी खुश नहीं थे. लेकिन मुझे शो का फॉरमैट पसंद आया था. चूंकि इस शो से मेरा ज्ञान भी बढ़ता है.
आपको कभी हॉट सीट पर बैठने की इच्छा हुई?
नहीं, कभी नहीं. चूंकि मेरा सामान्य ज्ञान उतना अच्छा नहीं. हां, मेरे परिवार में सबसे अधिक बुध्दिमान श्वेता है. मैं कभी कभी उससे घर पर कुछ प्रश्न पूछ लेता हूं.
तो उन्हें कभी निमंत्रण नहीं दिया.
नहीं फिलहाल उनके बेटे बेटियां ही उन्हें हमेशा हॉट सीट पर बिठाये रखते हैं. व्यस्त हैं. हम परेशान नहीं कर सकते. लड़की का पिता जो ठहरा, उनके परिवार में अधिक दखल नहीं देता.
केबीसी प्रथम से लेकर अब तक आपका पसंदीदा संवाद
इस बार मुझे शो का प्रस्तुतिकरण बेहद पसंद आ रहा है. जब मैं पंच कोटि महामni कहता हूं तो लगता है जैसे सामने कोई वाकई महान विशालकाय व्यक्ति हों. तो इज्जत और बढ़ जाती है. वैसे कंप्यूटरजी लॉक किया जाये मेरा हमेशा पसंदीदा संवाद रहा है.
फिल्में, प्रोमोशन, इंटरव्यूज और केबीसी की लगातार शूटिंग. लगातार काम करने के बावजूद आप एनजर्ेटिक रहते हैं?
हां, मैं इसके लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. अपने शरीर को. अपने स्वास्थ्य का. जो लगातार मेरा साथ दे रही हैं. इस 69 के बुङ्ढे का भी साथ. अनुशासित रहता हूं. इसलिए शायद आज भी सारे काम कर लेता हूं. वक्त की वजह से किसी को शिकायत का मौका नहीं देता.
जल्द ही आप दादा बननेवाले हैं.
बेहद उत्साहित हूं. नयी जिम्मेदारी होगी. उम्मीद करता हूं कि उसे भी पूरा कर पाऊंगा.
केबीसी के दौरान आपको अपने कई प्रशंसकों से मिलने का मौका मिलता है. वह कोई एक बात जो आज भी आपके दिल को बेहद छू गयी हो.
हां, जब एक प्रशंसक ने मुझे मेरे पिताजी की वह कविता पढ़ कर सुनाई थी, जो पिताजी ने उस वक्त लिखा था, जब मैंने अपने तनाव के दौर में उनसे एक सवाल पूछा था कि आखिर आपने मुझे जन्म ही क्यों दिया था. वे उस दिन कमरे में गये और उन्होंने एक कविता लिखी. कविता कुछ इस प्रकार थी... कि मेरे पिताजी ने मुझे मुझसे पूछ कर जन्म नहीं दिया. उनके पिताजी ने उन्हें उनसे पूछ के जन्म नहीं दिया. तुम ऐसा करना अपने बच्चों को उनसे पूछ कर जन्म देना...यह कविता मेरे लिए इसलिए भी खास है. चूंकि अब तक कोई भी मुझसे मिलता है तो पिताजी की मधुशाला की ही बातें करता था. लेकिन पहली बार किसी ने इस कविता के बारे में जिक्र किया था. मेरे लिए महज यह कविता नहीं थी. बल्कि एक सबक भी था. इसलिए वह मेरे लिए बेहद अजीज एपिसोड रहा.
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