फिल्म बॉबी जासूस को देखने के बाद सेंट्रल रेलवे अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि वे बॉबी जासूस जैसे किसी जासूस को हायर करेंगे। ताकि वह रेलवे स्टेशन पर हो रहे अवैध काम पर निगरानी रख सकें। और उन्होंने इसके लिए विद्या बालन की जमकर तारीफ़ भी की गई है। किसी फिल्म का सकरात्मक प्रभाव है\, हालाँकि इस फिल्म ने खास कमाई नहीं की है। लेकिन इसके असर को नकारा नहीं सकता। दरअसल किसी फिल्म का यह भी सामाजिक दायित्व है कि आप सिर्फ फिल्म से मनोरंजन की ही उम्मीद न रखें। इस रूप में भी अगर कोई फिल्म प्रभावित करती है तो ये फिल्म की कामयाबी है। आमिर खान के शो सत्यमेव जयते के बाद कई सार्थक कदम उठाये गए हैं। हॉलीडे फिल्म लोगों को यह सन्देश मिला कि एक आर्मी ऑफिसर किस तरह छुट्टी पर रहते हुए भी काम पर पर तैनात रहता है। फिल्म सिंघम पुलिस की ताकत और सोच को दर्शाती है। जेड प्लस जैसी फिल्में हकीकत दर्शाती हैं। लेकिन अफ़सोस यह है कि २०१४ में बॉलीवुड में मसाला फिल्में ही हिट हुई। जबकि पिछले साल कई विषयपरक फिल्मों को प्रोत्साहन मिला। यह आनेवाले समय के लिए खतरे का ऐलान है ,. चूँकि ऐसी फिल्मों को बढ़वा नहीं मिलेगा तो ऐसी फिल्मों का निर्माण कम होगा। और बुरी फिल्मों की संख्यां बढ़ेगी। अफसोस है कि इस साल एक्शन जैक्शन जैसी बुरी फिल्मों keee achchi kamai hui hai. humskals jaisi filmein bhi nuksaan mei nahi rehti . lekin choti filmon ke saath anyay ho jata hai. isme shatir ki tarah distributer bhi kaam karte hain. we bade producer se saat gath rakhte hain aur choti filmon ko thetre hi nahi milte. ek sarahniy baat yahi hai ki marathi cinema ne apni jagah kayam kar li hai. is saal lai bhari jaisi masala filmon ko saflata mili to eilizabeth ekdasi jaisi wishypark filmein bhi pivche nhai rahi
. 2015 se umeedein hain ki sarthak filmon ko badhawa m,ile
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