शमिताभ अमिताभ
अमिताभ बच्चन se हाल ही में मुलाकात हुई। उनकी नयी फिल्म शमिताभ के सिलसिले में। वे इस फिल्म को लेकर बेहद उत्साहित हैं। आम तौर पर वह अपनी फिल्मों में बारे में कभी अधिक प्रशंसा करते नजर नहीं आते। लेकिन इस बार उन्होंने दावा किया है कि फिल्म का जो प्लाट है। इस प्लाट पर अबतक कोई हिंदी फिल्म नहीं बानी है। निस्संदेह बात अमिताभ ने कही है तो कहीं न कहीं इसमें हकीकत भी हो। अमिताभ ने इसी बातचीत के दौरान कहा कि हम कभी भी उस चीज की फ़िक्र नहीं करते , जो हमारे पास है। लेकिन जब हम उसे खोते हैं तो हमें एहसास होता है कि उस चीज की जिंदगी में क्या एहमियत है। उन्होंने दोहराया कि शमिताभ इसी सोच के इर्द गिर्द बनी कहानी है। अमिताभ ने बताया कि किसी दौर में उन्होंने अपने हाथों का आधा हिस्सा खो दिया था। उस वक़्त उन्हें किसी और का सहारा लेना पड़ता था। उस वक़्त उन्होंने महसूस किया था कि हाथ की क्या एहमियत है। उसी दिन उन्होंने यह भी बताया कि वह हेपेटाइटिस बी से भी ग्रसित हैं। फिल्म कूली के दौरान जब उन्हें चोट आई थी और वह अस्पताल में थे उस वक़्त उन्हें जो रक्त चढ़ाया गया था। उसमे से किसी व्यक्ति का रक्त संक्रमित था। सो, अमिताभ इन दिनों लोगों को इस बीमारी से बचने के लिए जागरूक कर रहे हैं। उन्हें ख़ुशी है कि पोलियो मुक्त भारत बनाने में उनका छोटा ही सही मगर योगदान तो है। दरअसल , अमिताभ शायद शमितभ में अपने किरदार को भलीभांति इसलिए निभा पा रहे चूँकि वे खुद को सम्पूर्ण होकर भी सम्पूर्ण नहीं मानते। उन्हें कई बीमारियां हैं और वे हर दिन इससे जूझते हैं। लेकिन उनके चेहरे की चमक और तेज दर्शाता हैं कि वह सकारात्मक तरीके से जी रहे हैं और खुश हैं। वह वास्तविक जिंदगी में भी शमितभ ही हैं। और खुद अपने दोहरी जिंदगी से लड़ रहे और आगे बढ़ रहे। एक तो सुपरस्टार वाली जिंदगी और दूसरी एक ७२ वर्ष के बुजुर्ग , कई बीमारियों से जूझते हुए।
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