अनुराग कश्यप ने स्वीकारा है कि सोनी टीवी पर प्रसारित धारावाहिक युद्ध कामयाब नहीं रहा. इसकी वजह यह थी कि अमिताभ बच्चन महानायक हैं और उन्हें साधारण व्यक्ति के रूप में देख कर दर्शक चकित थे. इसके साथ ही अनुराग कश्यप ने माना है कि टेलीविजन पर विज्ञापन बहुत ज्यादा आते हैं और युद्ध जिस तरह का शो था. उसमें विज्ञापन की वजह से लोगों का लींक टूटा और धारावाहिक कमजोर साबित हुआ. टेलीविजन जगत में अपनी असफलता पर पहली बार किसी ने इस तरह की बात कही है. निस्संदेह अनुराग कश्यप सार्थक निर्देशक हैं और उन्होंने एक सटीक पहलू रखा है. चूंकि वर्तमान में किसी धारावाहिक के प्रसारण से पहले ही उनके विज्ञापन का प्रबंध कर लिया जाता है. अमेरिका या विदेशी धारावाहिकों में इस तरह की प्रथा नहीं है. लेकिन टेलीविजन जगत अब भी आर्थिक रूप से इतना मजबूत नहीं हुआ है कि वह बिना किसी विज्ञापन के प्रसारित हो सके. जाहिर सी बात है युद्ध को भी कई विज्ञापन मिले होंगे और बड़े ब्रांड्स जुड़े होंगे. चूंकि शो से अमिताभ बच्चन का नाम जुड़ा हुआ था. लेकिन दर्शकों की मानसिकता को समझना भी मुश्किल है. वही अभिनेता आॅरो के रूप में भी बड़े परदे पर दर्शकों को लुभाता है. कौन बनेगा करोड़पति की शान अमिताभ ही हैं. वहां भी वे आम व्यक्ति की तरह ही लोगों से बातें करते हैं. लेकिन वहां वे कामयाब हैं. विदेशी धारावाहिकों के तर्ज पर ही बनी 24 भी खास कमाल नहीं दिखा पाई थी. जबकि इस शो से भी बॉलीवुड के बड़े हस्ती का नाम जुड़ा हुआ था. अनुराग का मानना है कि अमेरिकी टीवी सीरिज ट्रू डिटेक्टीव भी अगर विज्ञापन के साथ प्रस्तुत हो तो वह सामान्य नजर आयेगा. बहरहाल भारत में विज्ञापन के बिना कोई निर्माण कल्पना मात्र ही है. चंूकि मनोरंजन से विज्ञापन व मार्केट की दुनिया का अपना युद्ध है.
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20150130
युद्ध की विफलता
अनुराग कश्यप ने स्वीकारा है कि सोनी टीवी पर प्रसारित धारावाहिक युद्ध कामयाब नहीं रहा. इसकी वजह यह थी कि अमिताभ बच्चन महानायक हैं और उन्हें साधारण व्यक्ति के रूप में देख कर दर्शक चकित थे. इसके साथ ही अनुराग कश्यप ने माना है कि टेलीविजन पर विज्ञापन बहुत ज्यादा आते हैं और युद्ध जिस तरह का शो था. उसमें विज्ञापन की वजह से लोगों का लींक टूटा और धारावाहिक कमजोर साबित हुआ. टेलीविजन जगत में अपनी असफलता पर पहली बार किसी ने इस तरह की बात कही है. निस्संदेह अनुराग कश्यप सार्थक निर्देशक हैं और उन्होंने एक सटीक पहलू रखा है. चूंकि वर्तमान में किसी धारावाहिक के प्रसारण से पहले ही उनके विज्ञापन का प्रबंध कर लिया जाता है. अमेरिका या विदेशी धारावाहिकों में इस तरह की प्रथा नहीं है. लेकिन टेलीविजन जगत अब भी आर्थिक रूप से इतना मजबूत नहीं हुआ है कि वह बिना किसी विज्ञापन के प्रसारित हो सके. जाहिर सी बात है युद्ध को भी कई विज्ञापन मिले होंगे और बड़े ब्रांड्स जुड़े होंगे. चूंकि शो से अमिताभ बच्चन का नाम जुड़ा हुआ था. लेकिन दर्शकों की मानसिकता को समझना भी मुश्किल है. वही अभिनेता आॅरो के रूप में भी बड़े परदे पर दर्शकों को लुभाता है. कौन बनेगा करोड़पति की शान अमिताभ ही हैं. वहां भी वे आम व्यक्ति की तरह ही लोगों से बातें करते हैं. लेकिन वहां वे कामयाब हैं. विदेशी धारावाहिकों के तर्ज पर ही बनी 24 भी खास कमाल नहीं दिखा पाई थी. जबकि इस शो से भी बॉलीवुड के बड़े हस्ती का नाम जुड़ा हुआ था. अनुराग का मानना है कि अमेरिकी टीवी सीरिज ट्रू डिटेक्टीव भी अगर विज्ञापन के साथ प्रस्तुत हो तो वह सामान्य नजर आयेगा. बहरहाल भारत में विज्ञापन के बिना कोई निर्माण कल्पना मात्र ही है. चंूकि मनोरंजन से विज्ञापन व मार्केट की दुनिया का अपना युद्ध है.
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