आमतौर पर जया बच्चन सार्वजनिक समारोहों में गंभीर नजर आती हैं, मीडिया से उनकी अनबन की खबरें आती रहती हैं. लेकिन हम शायद यह भूल जाते हैं कि जया बच्चन भी आम इंसान ही हैं. उनके मन में भी भावनाएं हैं. संवेदनाएं हैं. बहरहाल, इस वर्ष फिल्मफेयर में उनका अनोखा स्वरूप नजर आया. वे मंच पर कामिनी कौशल को फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित करने आयी थीं. उन्होंने अपने भाषण में जिक्र किया कि कामिनी कौशल उस दौर में फिल्मों में आयी थीं, जब लड़कियों के लिए फिल्मों की दुनिया में आना कठिन था. दोनों अभिनेत्रियां भावुक थीं. खासतौर से तब दोनों अभिनेत्रियों की आंखें छलक गयीं, जब कामिनी जी ने कहा कि धीरे धीरे वे अकेली होती जा रही हैं, चूंकि एक एक करके उनके दौर के सभी संगी साथी कलाकार उनसे बिछुर रहे. प्रथम रो में बैठीं रेखा भी भावुक हो उठीं. कामिनी जी ने इसी दौरान बताया कि उन्हें अपनी जिंदगी में पपेट शो का निर्माण अहम उपलब्धि लगती है. चूंकि इस शो के लिए वह खुद से पपेट तैयार करती थीं. और सभी को खुद ही आवाज िदया करती थीं. 10 किरदारों के लिए 10 आवाजें. और इसके साथ ही उन्होंने कहा इप्पी जो उनके किरदार कहते नजर आते थे. कामिनी जी ने नयी अभिनेत्रियों व युवाओं को ढेर सारा प्यार दिया. साथ ही उन्होंने मीठे स्वर में कहा कि उन्हें कभी कभी ईर्ष्या भी होती है कि वह इस दौर में फिल्मों में क्यों नहीं. चूंकि इस दौर में अधिक स्वतंत्रता है. हम कामिनी कौशल को हमेशा उनकी मोहक और मीठी आवाज करेंगे. आज भी उनकी बातों में शिकायत का लहजा नजर नहीं आता. वे आज भी सिनेमा को किसी भी रूप में कंट्रीब्यूट करने के लिए तैयार रहती हैं. वे मानती हैं कि सिनेमा ने ही उन्हें सबकुछ दिया और बदले में सिनेमा के लिए वह जो भी कर पायेंगी. उनका सौभाग्य होगा. इस जज्बे को सलाम.
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20150318
कामिनी कौशल को फिल्मफेयर
आमतौर पर जया बच्चन सार्वजनिक समारोहों में गंभीर नजर आती हैं, मीडिया से उनकी अनबन की खबरें आती रहती हैं. लेकिन हम शायद यह भूल जाते हैं कि जया बच्चन भी आम इंसान ही हैं. उनके मन में भी भावनाएं हैं. संवेदनाएं हैं. बहरहाल, इस वर्ष फिल्मफेयर में उनका अनोखा स्वरूप नजर आया. वे मंच पर कामिनी कौशल को फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित करने आयी थीं. उन्होंने अपने भाषण में जिक्र किया कि कामिनी कौशल उस दौर में फिल्मों में आयी थीं, जब लड़कियों के लिए फिल्मों की दुनिया में आना कठिन था. दोनों अभिनेत्रियां भावुक थीं. खासतौर से तब दोनों अभिनेत्रियों की आंखें छलक गयीं, जब कामिनी जी ने कहा कि धीरे धीरे वे अकेली होती जा रही हैं, चूंकि एक एक करके उनके दौर के सभी संगी साथी कलाकार उनसे बिछुर रहे. प्रथम रो में बैठीं रेखा भी भावुक हो उठीं. कामिनी जी ने इसी दौरान बताया कि उन्हें अपनी जिंदगी में पपेट शो का निर्माण अहम उपलब्धि लगती है. चूंकि इस शो के लिए वह खुद से पपेट तैयार करती थीं. और सभी को खुद ही आवाज िदया करती थीं. 10 किरदारों के लिए 10 आवाजें. और इसके साथ ही उन्होंने कहा इप्पी जो उनके किरदार कहते नजर आते थे. कामिनी जी ने नयी अभिनेत्रियों व युवाओं को ढेर सारा प्यार दिया. साथ ही उन्होंने मीठे स्वर में कहा कि उन्हें कभी कभी ईर्ष्या भी होती है कि वह इस दौर में फिल्मों में क्यों नहीं. चूंकि इस दौर में अधिक स्वतंत्रता है. हम कामिनी कौशल को हमेशा उनकी मोहक और मीठी आवाज करेंगे. आज भी उनकी बातों में शिकायत का लहजा नजर नहीं आता. वे आज भी सिनेमा को किसी भी रूप में कंट्रीब्यूट करने के लिए तैयार रहती हैं. वे मानती हैं कि सिनेमा ने ही उन्हें सबकुछ दिया और बदले में सिनेमा के लिए वह जो भी कर पायेंगी. उनका सौभाग्य होगा. इस जज्बे को सलाम.
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