20150318

नाना का व्यक्तित्व


नाना पाटेकर ने लगातार तीन सालों से मीडिया से बातचीत नहीं की है. लेकिन इस बार वे मीडिया से बातें कर रहे. अपनी नयी फिल्म अब तक छप्पन 2 के लिए. लेकिन अन्य कलाकारों की तरह उनके फिल्मी प्रोमोशन का अंदाज अलग है. वे बहुत शोर शराबे या दिखावे में विश्वास नहीं करते. मेरी नाना पाटेकर से यह पहली मुलाकात थी. नाना के साथ उनके बेटे मल्हार भी थे. मल्हार से उस दिन नाना के बारे में लंबी बातचीत हुई. उन्होंने बताया कि अब भी नाना साहेब( वे अपने पिता को साहेब कह कर ही पुकारते हैं) को थाली में जूठन देख कर दर्द होता है. उन्हें उन लोगों से कोफ्त होती है, जो भोजन बर्बाद करते हैं. नाना मानते हैं कि उन्होंने किसी दौर में बमुश्किल एक वक्त की रोटी जुटाई थी. और आज भी वे इस बात को भूले नहीं हैं. वर्तमान दौर में वे एकमात्र ऐसे लोकप्रिय स्टार हैं, जिन्हें ग्लैमर से कोई मतलब नहीं. लेकिन फिर भी वे लोकप्रिय हैं. मल्हार ने बताया कि एक बार उन्हें नाना के साथ कहीं पहुंचना था. मल्हार को पहुंचने में थोड़ी देर हो गयी. नाना मल्हार पर इस बात को लेकर बहुत भड़के. उन्होंने मल्हार को चेतावनी दी कि अगर अगली बार से उन्होंने यह गलती दोहरायी तो वे अपना सरनेम वापस ले लेंगे. नाना जिद्दी हैं. वे स्पष्ट शब्दों में कहते हैं कि वे फिल्मों की स्क्रिप्ट में काफी दखलअंदाजी करते हैं और वे निर्देशकों के कलाकार नहीं हैं. लेकिन यह हठ उनका अभिनय के प्रति जुनून है. शायद ही कोई कलाकार वर्तमान में इतनी हिम्मत जुटा सकता है कि उनकी जिंदगी पर मेकिंग बनाने वाले मेकर्स को उन्होंने साफतौर पर कह दिया है कि वे उनके घर में सीसीटीवी लगा दें. ताकि जो भी नजर आये. वह हकीकत नजर आये. ऐसे दौर में जहां बिग बॉस जैसे शोज में जहां सेहसर लगे होते हैं. तब भी लोग बनावटी होते हैं. नाना की ऐसी सोच उन्हें एक निडर कलाकार बनाती है.

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