आमिर खान ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उन्हें एआइबी रोस्ट जैसे शोज से परेशानी है. उनका मानना है कि उनके फिल्म फर्टनिटी के सदस्यों को ऐसे शोज का हिस्सा नहीं बनना चाहिए, हालांकि आमिर ने यह भी कहा है कि वह उन्हें रोकने टोकने वाले कोई नहीं. लेकिन उनका मानना है कि किसी को एंटरटेन करने का मतलब हरगिज गालियां देना नहीं है. स्वतंत्रता का अधिकार हर किसी को निस्संदेह मिलना चाहिए. लेकिन उसका गलत प्रयोग नहीं होना चाहिए, उन्होंने स्वीकारा कि उन्होंने भी फिल्में बनाई हैं, डेल्ही बेली जिसमें कुछ ऐसे शब्द थे.लेकिन उन्होंने किसी को व्यक्तिगत तौर पर गालियां नहीं दी थीं और उन्होंने ए सर्टिफिकेट ही डिमांड की थी. आमिर का मानना है कि अगर किसी को आप हंसाना चाहते हैं, तो बिना उनका मजाक उड़ाये आपको हंसाना चाहिए. व्यंग्य के अपने तौर तरीके हैं. और वे होते भी रहने चाहिए. लेकिन एआइबी एक हिंसात्मक शो है. आमिर ने वाकई इस बात को बखूबी रखा है कि हिंसा का मतलब केवल शारीरिक नहीं होता. आमिर खान ने कुछ महीनों पहले ही सत्यमेव जयते पर कुछ अभिनेत्रियों को अपने शो पर बुलाया था, जिनमें कंगना, दीपिका और परिणीति चोपड़ा शामिल थीं. तीनों ही अभिनेत्री इस शो का हिस्सा इसलिए थीं, क्योंकि किसी न किसी रूप में उन्हें कुछ बातों का सामना करना पड़ा था. लेकिन इनमें से केवल कंगना ही अपनी बातों पर अमल कर पा रही हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा था कि न तो वैसी फिल्मों का हिस्सा बनेगी, जिससे बच्चों पर बुरा असर हो और न ही वे आयटम सांग ही करेंगी. आमिर ने भी कहा था कि वे अपने फिल्मी दुनिया के लोगों से इस पर गंभीरता से बात करेंगे. मगर यह भी कलाकारों की सोच को ही दर्शाता है कि एक तरफ सत्यमेव जयते है और दूसरी तरफ एआइबी जैसे शोज़ और जिसका हिस्सा बन कर सेलिब्रिटी बेह खुश हैं
My Blog List
20150318
आमिर का जवाब
आमिर खान ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उन्हें एआइबी रोस्ट जैसे शोज से परेशानी है. उनका मानना है कि उनके फिल्म फर्टनिटी के सदस्यों को ऐसे शोज का हिस्सा नहीं बनना चाहिए, हालांकि आमिर ने यह भी कहा है कि वह उन्हें रोकने टोकने वाले कोई नहीं. लेकिन उनका मानना है कि किसी को एंटरटेन करने का मतलब हरगिज गालियां देना नहीं है. स्वतंत्रता का अधिकार हर किसी को निस्संदेह मिलना चाहिए. लेकिन उसका गलत प्रयोग नहीं होना चाहिए, उन्होंने स्वीकारा कि उन्होंने भी फिल्में बनाई हैं, डेल्ही बेली जिसमें कुछ ऐसे शब्द थे.लेकिन उन्होंने किसी को व्यक्तिगत तौर पर गालियां नहीं दी थीं और उन्होंने ए सर्टिफिकेट ही डिमांड की थी. आमिर का मानना है कि अगर किसी को आप हंसाना चाहते हैं, तो बिना उनका मजाक उड़ाये आपको हंसाना चाहिए. व्यंग्य के अपने तौर तरीके हैं. और वे होते भी रहने चाहिए. लेकिन एआइबी एक हिंसात्मक शो है. आमिर ने वाकई इस बात को बखूबी रखा है कि हिंसा का मतलब केवल शारीरिक नहीं होता. आमिर खान ने कुछ महीनों पहले ही सत्यमेव जयते पर कुछ अभिनेत्रियों को अपने शो पर बुलाया था, जिनमें कंगना, दीपिका और परिणीति चोपड़ा शामिल थीं. तीनों ही अभिनेत्री इस शो का हिस्सा इसलिए थीं, क्योंकि किसी न किसी रूप में उन्हें कुछ बातों का सामना करना पड़ा था. लेकिन इनमें से केवल कंगना ही अपनी बातों पर अमल कर पा रही हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा था कि न तो वैसी फिल्मों का हिस्सा बनेगी, जिससे बच्चों पर बुरा असर हो और न ही वे आयटम सांग ही करेंगी. आमिर ने भी कहा था कि वे अपने फिल्मी दुनिया के लोगों से इस पर गंभीरता से बात करेंगे. मगर यह भी कलाकारों की सोच को ही दर्शाता है कि एक तरफ सत्यमेव जयते है और दूसरी तरफ एआइबी जैसे शोज़ और जिसका हिस्सा बन कर सेलिब्रिटी बेह खुश हैं
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment