फिल्म दम लगा के हईसा के निर्देशक शरत कटरिया से मुलाकात हुई. उन्होंने अपनी बातचीत में बताया कि उन्होंने फिल्म की मुख्य कलाकार भूमि के बारे में बताया कि वे फिल्म का हिस्सा कैसे बनी. वे फिल्म की कास्टिंग निर्देशक टीम में थीं और यशराज की प्रमुख कास्टिंग डायरेक्टर शानु शर्मा ने भूमि को लेने के लिए बहुत जिद्द की. उनका मानना था कि भूमि फिल्म के लिए बेस्ट थी. क्योंकि वे फिल्म की डिमांड को पूरा करती हैं. लेकिन निर्देशक ने स्पष्ट रूप से कहा कि भूमि मुंबई की हैं. फिल्म उत्तर भारत की पृष्ठभूमि पर है. सो, वह किरदार के लिए फिट नहीं बैठेंगी. लेकिन भूमि इस फिल्म में खुद को ढालने के लिए हर तरह से तैयार थीं. उन्होंने अभिनेत्री सीमा पावा के साथ वर्कशॉप किया और उत्तर भारत की पृष्ठभूमि को समझा. वे वहां गयीं. वहां के लोगों से बातें की. उत्तर भारत की महिलाओं को देखा और वहां के माहौल में ढलीं. उन्होंने इस फिल्म के लिए काफी मेहनत की. झाड़ू लगाना, पोछा लगवाना जैसे तमाम कार्य निर्देशक ने भूमि से कराया. जाहिर सी बात है एक मुंबई की लड़की के लिए यह सारी चीजें अलग मिजाज की थीं. लेकिन उन्होंने अपनी पहली फिल्म के लिए काफी मेहनत की. नतीजन फिल्म के ट्रेलर में वे दर्शकों का दिल जीत रही हैं. भूमि की तरह ही आलिया ने जब हाइवे फिल्म के लिए शूटिंग शुरू की, तो उन्होंने मुंबई से बाहर की दुनिया को एक अलग नजरिये से देखा. वे मानती हैं कि अगर इस फिल्म में मैंने काम नहीं किया होता तो शायद ही मुझे ऐसी जिंदगी जीने का मौका मिलता. दरअसल, कलाकार भी अपनी फिल्मों के साथ ऐसी फिल्में करते हुए एक अलग जिंदगी जीते हैं. और खुद को एक्सप्लोर करने की कोशिश करते हैं. खुद को समृद्ध करते हैं. आयुष्मान खुराना ने भी खुद को पंजाबी सोच से निकाल कर इस बार उत्तर प्रदेश की पृष्ठभूमि में ढालने की कोशिश की है.
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20150318
अभिनय के लिए दम लगाके हईसा
फिल्म दम लगा के हईसा के निर्देशक शरत कटरिया से मुलाकात हुई. उन्होंने अपनी बातचीत में बताया कि उन्होंने फिल्म की मुख्य कलाकार भूमि के बारे में बताया कि वे फिल्म का हिस्सा कैसे बनी. वे फिल्म की कास्टिंग निर्देशक टीम में थीं और यशराज की प्रमुख कास्टिंग डायरेक्टर शानु शर्मा ने भूमि को लेने के लिए बहुत जिद्द की. उनका मानना था कि भूमि फिल्म के लिए बेस्ट थी. क्योंकि वे फिल्म की डिमांड को पूरा करती हैं. लेकिन निर्देशक ने स्पष्ट रूप से कहा कि भूमि मुंबई की हैं. फिल्म उत्तर भारत की पृष्ठभूमि पर है. सो, वह किरदार के लिए फिट नहीं बैठेंगी. लेकिन भूमि इस फिल्म में खुद को ढालने के लिए हर तरह से तैयार थीं. उन्होंने अभिनेत्री सीमा पावा के साथ वर्कशॉप किया और उत्तर भारत की पृष्ठभूमि को समझा. वे वहां गयीं. वहां के लोगों से बातें की. उत्तर भारत की महिलाओं को देखा और वहां के माहौल में ढलीं. उन्होंने इस फिल्म के लिए काफी मेहनत की. झाड़ू लगाना, पोछा लगवाना जैसे तमाम कार्य निर्देशक ने भूमि से कराया. जाहिर सी बात है एक मुंबई की लड़की के लिए यह सारी चीजें अलग मिजाज की थीं. लेकिन उन्होंने अपनी पहली फिल्म के लिए काफी मेहनत की. नतीजन फिल्म के ट्रेलर में वे दर्शकों का दिल जीत रही हैं. भूमि की तरह ही आलिया ने जब हाइवे फिल्म के लिए शूटिंग शुरू की, तो उन्होंने मुंबई से बाहर की दुनिया को एक अलग नजरिये से देखा. वे मानती हैं कि अगर इस फिल्म में मैंने काम नहीं किया होता तो शायद ही मुझे ऐसी जिंदगी जीने का मौका मिलता. दरअसल, कलाकार भी अपनी फिल्मों के साथ ऐसी फिल्में करते हुए एक अलग जिंदगी जीते हैं. और खुद को एक्सप्लोर करने की कोशिश करते हैं. खुद को समृद्ध करते हैं. आयुष्मान खुराना ने भी खुद को पंजाबी सोच से निकाल कर इस बार उत्तर प्रदेश की पृष्ठभूमि में ढालने की कोशिश की है.
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