यशराज की फिल्म दम लगा के हईसा में नायक कुमार सानु का फैन है और वह हरदम कुमार सानू के गाने ही सुना करता है. यही वजह है कि इस फिल्म में एक बार फिर से कुमार सानु को लगभग दो गाने गाने का अवसर प्राप्त हुआ है. साथ ही वह फिल्म में छोटी सी भूमिका भी निभा रहे हैं. वरुण ग्रोवर ने फिल्म के गीत लिखे हैं. वरुण ग्रोवर ने इससे पहले गैंग्स आॅफ वासेपुर के लिए गाने लिखे थे. गैंग्स आॅफ वासेपुर भी धनबाद शहर के वासेपुर इलाके पर आधारित थी और वरुण ने फिल्म व शहर की समझ को ध्यान में रखते हुए गाने लिखे थे. इस बार भी दम लगा के हईसा, चूंकि उत्तर भारत पर आधारित है तो निर्देशक के साथ साथ वरुण ने भी इस बात को पूरी प्राथमिकता दी है. फिल्म का गीत सुंदर सुशील..., दर्द करारा, और तू ...तीनों गाने आपको फिल्म की पृष्ठभूमि की वास्तविक खुशबू देते हैं. दरअसल, वरुण जैसे गीतकार उन श्रेणी में आते हैं, जो निर्देशक की समझ और कहानी की जरूरत को समझते हुए उसे मिजाज के मुताबिक गाने गढ़ते हैं, जिसमें गाने यूं ही फिल्म की कहानी के बीच में ही अचानक गांव से स्वीटरजलैंड की सैर करके नहीं आते, बल्कि वे उसी जगह को अपने शब्दों के माध्यम से स्वीटरलैंड बनाने में विश्वास रखते हैं. इस फिल्म के हरेक गीत को ध्यान से सुने तो वे फिल्म से मेल खाते हैं और शायद इसलिए वे अपने से लगते हैं. जिस तरह उत्तर भारत में शादी के वक्त का माहौल होता हंै, लड़कियां तलाशी जाती है. गाने उसी के आधार पर लिखे गये हैं. इस फिल्म में कई अरसे बाद आॅडियो कैसेट नजर आयेंगे, जो कि किसी दौर में हर घर में एंटरटेनमेंट का खास जरिया होता था. यह दौर सीडी की दुनिया के धाक जमाने से पहले का है. जिस तरह सीडी ने कैसेट को हथियाया. कुमार सानु की जगह अन्य कलाकारों ने हथिया लिया. फिल्म ने उन यादों को फिर से जीवंत कर दिया हैय.
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20150318
वरुण के गीत
यशराज की फिल्म दम लगा के हईसा में नायक कुमार सानु का फैन है और वह हरदम कुमार सानू के गाने ही सुना करता है. यही वजह है कि इस फिल्म में एक बार फिर से कुमार सानु को लगभग दो गाने गाने का अवसर प्राप्त हुआ है. साथ ही वह फिल्म में छोटी सी भूमिका भी निभा रहे हैं. वरुण ग्रोवर ने फिल्म के गीत लिखे हैं. वरुण ग्रोवर ने इससे पहले गैंग्स आॅफ वासेपुर के लिए गाने लिखे थे. गैंग्स आॅफ वासेपुर भी धनबाद शहर के वासेपुर इलाके पर आधारित थी और वरुण ने फिल्म व शहर की समझ को ध्यान में रखते हुए गाने लिखे थे. इस बार भी दम लगा के हईसा, चूंकि उत्तर भारत पर आधारित है तो निर्देशक के साथ साथ वरुण ने भी इस बात को पूरी प्राथमिकता दी है. फिल्म का गीत सुंदर सुशील..., दर्द करारा, और तू ...तीनों गाने आपको फिल्म की पृष्ठभूमि की वास्तविक खुशबू देते हैं. दरअसल, वरुण जैसे गीतकार उन श्रेणी में आते हैं, जो निर्देशक की समझ और कहानी की जरूरत को समझते हुए उसे मिजाज के मुताबिक गाने गढ़ते हैं, जिसमें गाने यूं ही फिल्म की कहानी के बीच में ही अचानक गांव से स्वीटरजलैंड की सैर करके नहीं आते, बल्कि वे उसी जगह को अपने शब्दों के माध्यम से स्वीटरलैंड बनाने में विश्वास रखते हैं. इस फिल्म के हरेक गीत को ध्यान से सुने तो वे फिल्म से मेल खाते हैं और शायद इसलिए वे अपने से लगते हैं. जिस तरह उत्तर भारत में शादी के वक्त का माहौल होता हंै, लड़कियां तलाशी जाती है. गाने उसी के आधार पर लिखे गये हैं. इस फिल्म में कई अरसे बाद आॅडियो कैसेट नजर आयेंगे, जो कि किसी दौर में हर घर में एंटरटेनमेंट का खास जरिया होता था. यह दौर सीडी की दुनिया के धाक जमाने से पहले का है. जिस तरह सीडी ने कैसेट को हथियाया. कुमार सानु की जगह अन्य कलाकारों ने हथिया लिया. फिल्म ने उन यादों को फिर से जीवंत कर दिया हैय.
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