छोटे परदे के किसी धारावाहिक में जब कोई अभिनेत्री शो का चेहरा बन जाती हैं, जो वही उस शो की पहचान हो जाती हैं. फिर उनकी पिछली जिंदगी और उनके संघर्ष को कोई याद नहीं रखता. लेकिन अगर कुछ पन्ने पलट कर देखें तो ऐसे कई कलाकार हैं, जिन्होंने इस इंडस्ट्री में काफी संघर्ष किया है और वे लंबे समय से मेहनत करते आ रही हैं, लेकिन उन्हें पहचान कई सालों की मेहनत के बाद मिली है. आमतौर पर इन अभिनेत्रियों से जुड़ी गॉसिप व उनके ग्लैमर की ही खबरें आती हैं. उनके संघर्ष की नहीं. कई अभिनेत्रियां ऐसी भी हैं जो लंबे अरसे से से टेलीविजन में सक्रिय तो हैं, लेकिन उन्हें वह पहचान नहीं मिली, जिसकी वह हकदार हैं. टेलीविजन की दुनिया में भी अपनी राह बनाना इतना आसान नहीं.
द्रष्टि धामी
अक्सर द्रष्टि धामी के बारे में यह खबरें आती हैं कि वे मीडिया के प्रति रुखा व्यवहार रखती हैं. वे काफी मूडी हैं. वे मीडिया से कम बातें करना पसंद करती हैं. दरअसल, इसकी वजह यह भी है कि द्रष्टि धामी ने संघर्ष का एक लंबा दौर देखा है. उन्होंने इंडस्ट्री में कई साल दिये हैं. उन्होंने कई वीडियो एल्बम में काम किया है. जिस दौर में वीडियो एल्बम का दौर था. उस दौर में द्रष्टि ने कई लोकप्रिय एल्बम में काम किया. बकौल द्रष्टि मैं जिस परिवार से आती हूं. वह बहुत कंर्जरवेटिव फैमिली थी. मुझे वीडियो एल्बम में काम करने के लिए लगभग 10 लोगों से इजाजत लेनी पड़ी थी. आज भी जरूरत पड़ने पर मेरे कंजिन सपोर्ट करते हैं. लेकिन घर के बड़े बुजुर्गों को मेरे इस क्षेत्र में आने से परेशानी थी. वे फिल्मों में अपना करियर बनाना चाहती थीं. लेकिन उन्हें वैसी सफलता नहीं मिली, जिसकी उन्हें उम्मीद थी. बाद में उन्होंने कई सहयोगी भूमिकाएं निभायी, जिनमें दिल मिल गये शो प्रमुख था. लंबी मेहनत के बाद द्रष्टि को गीत हुई सबसे पराई से लोकप्रियता मिली. बाद में कलर्स शो के लोकप्रिय धारावाहिक मधुबाला से भी काफी लोकप्रियता मिली.
परिधि शर्मा
जीटीवी पर प्रसारित हो रहे धारावाहिक जोधा अकबर की जोधा ने भी अपने अभिनय करियर में लंबी पारी खेली है. उनका भी सफर आसान न रहा. उन्होंने शुरुआती दौर में कई विज्ञापन में काम किया. बाद में उन्हें सहयोगी किरदार निभाने का मौका मिला. उन्होंने तेरे मेरे सपने में छोटी सी भूमिका निभा कर शुरुआत की. बाद में उन्हें रुक जाना नहीं में किरदार मिला. लेकिन असली पहचान उन्हें धारावाहिक जोधा अकबर से ही मिली. परिधि छोटे परदे की उन सशक्त महिलाओं में से एक हैं, जो जरूरत पड़ने पर अपनी आवाज उठाती हैं. हाल ही में उन्होंने अपने शो के निर्देशक द्वारा किये जा रहे बुरे बर्ताव पर आवाज उठाई थी.
ेसादिया सिद्दिकी
टेलीविजन की दुनिया में अब भी सादिया सिद्दिकी सक्रिय हैं. वे टेलीविजन की वरिष्ठ कलाकारों में से एक हैं. लेकिन आज भी वे प्रभावशाली हैं. उन्होंने शुरुआत शाहरुख खान की फिल्म कभी हां, कभी ना से की थी. वर्ष 1993 में. बाद में उन्होंने कई फिल्मों में काम किया. ब्योमकेश बक् शी की रजनी, बनेगी अपनी बात की प्रियंका को कैसे भूला सा सकता है. एक दौर में जब स्टार बेस्टसेलर्स काफी लोकप्रिय थे. साधिया उसकी जान हुआ करती थीं. उन्होंने एक लंबी पारी खेली है. और वे लगातार अपनी मेहनत से जगह बना पाने में कामयाब हुई हैं. लेकिन अब तक उन्हें किसी धारावाहिक में लीड किरदार निभाने का पूरी तरह मौका नहीं मिला है. जबकि वे छोटे किरदारों में भी विश्वसनीय लगती हैं. धारावाहिक ससुराल गेंदा फूल का राधा का किरदार काफी लोकप्रिय हुआ. इन दिनों वे सतरंगी ससुराल में नजर आ रही हैं. न चाह कर भी वे अपनी उम्र से अधिक के कई किरदार निभा रही हैं. चूंकि यहां छोटे परदे पर ऐसी अभिनेत्रियों के लिए दमदार किरदार लिखे ही नहीं जाते.
ेसाक्षी तंवर
साक्षी तंवर आज टेलीविजन की दुनिया का एक बड़ा नाम हैं, लेकिन उन्होंने भी यह सफर आसानी से तय नहीं किया, वे लंबे समय से टेलीविजन की दुनिया में सक्रिय रही हैं. उन्होंने कई ऐसे किरदार भी निभाये हैं, जो कभी केंद्रीय भूमिकाएं नहीं रहीं. सोनीटीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक कुटुंब अगर आपको याद हो तो उसमें साक्षी ने एक मरी हुई चाची का किरदार निभाया था. साक्षी ने 1990 में अपने करियर की शुरुआत की. उस वक्त वे एंकर थीं. बाद में काफी मशक्कत के बाद उन्हें दस्तूर नामक शो में काम करने का मौका मिला. संघर्ष जारी रहा. लंबे अरसे के बाद उन्हें जब बालाजी का शो कहानी घर घर की मिला. फिर उनका करियर संभल गया, इसके बाद उन्हें बड़े अच्छे लगते हैं से काफी लोकप्रियता मिली. इन दिनों साक्षी कोड रेड की होस्टिंग कर रही हैं. साक्षी इसके अलावा कई सामाजिक कार्यों से भी जुड़ी हैं और शॉर्ट फिल्में भी बनाती हैं.
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