अमिताभ बच्चन ने फिल्म पीकू के सेट पर दीपिका के साथ एक अलग ही रिश्ता स्थापित कर लिया है. दीपिका ने इससे पहले भी अमिताभ के साथ फिल्म आरक्षण में साथ काम किया था. उस फिल्म में भी दीपिका अमिताभ की बेटी के किरदार में थीं. पीकू में भी वे अमिताभ की बेटी का ही किरदार निभा रही हैं और यही वजह है कि अमिताभ को वह आॅफ स्क्रीन भी इन दिनों बाबा कह कर ही बुलाती हैं, अमिताभ ने भी दीपिका को प्यार का नाम दीपिकू दिया है और दीपिका इस बात से बेहद खुश हैं कि उन्हें अमिताभ बच्चन से इस तरह स्रेह मिल रहा है. हिंदी सिनेमा में इन दिनों कम ही रिश्ते ऐसे हैं, जो फिल्म की मेकिंग, व रिलीज के बाद जिंदा रह पायें. किसी दौर में एक फिल्म के निर्माण में फिल्म के कलाकार व तकनीशियन इस कदर रमे होते थे कि फिल्म खत्म होने के बाद उनकी आंखों में आंसू होते थे. फिल्म हम आपके हैं कौन की शूटिंग के अंतिम दिन फिल्म का गीत मुझसे जुदा होकर सुनाया गया था और सभी की आंखें नम थी. लेकिन आज कट के साथ ही सितारे दूसरी दुनिया में या अपने दूसरे घर वैनिटी वैन में चले जाते हैं. जबकि पहले सेट पर किस्से इसलिए होते थे. चूंकि स्टार्स शूटिंग के बाद भी आपस में बातें करते थे. अब भी टीवी की दुनिया में बहुत हद तक यह माहौल कायम है, जैसे धारावाहिक वीरा में भाई बहन का किरदार निभा रहे दोनों कलाकार वास्तविक जिंदगी में भी एक दूसरे के भाई बहन बन गये हैं. किसी दौर में राजकपूर साहब के प्रेम व स्रेह का ही यह प्रमाण था कि उन्होंने नवाब बानो को निम्मी नाम दे दिया और सिने जगत ने निम्मी को उसी रूप में स्वीकारा बिना किसी शक और शिकायत के साथ. यह रिश्ते के अटूट होने का ही प्रमाण है. दरअसल, रिश्तों को पनपने के लिए सिर्फ अपनत्व की जरूरत है. उसे किसी मुहर की जरूरत नहीं पड़ती.
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20150318
सेट पर निखरते रिश्ते
अमिताभ बच्चन ने फिल्म पीकू के सेट पर दीपिका के साथ एक अलग ही रिश्ता स्थापित कर लिया है. दीपिका ने इससे पहले भी अमिताभ के साथ फिल्म आरक्षण में साथ काम किया था. उस फिल्म में भी दीपिका अमिताभ की बेटी के किरदार में थीं. पीकू में भी वे अमिताभ की बेटी का ही किरदार निभा रही हैं और यही वजह है कि अमिताभ को वह आॅफ स्क्रीन भी इन दिनों बाबा कह कर ही बुलाती हैं, अमिताभ ने भी दीपिका को प्यार का नाम दीपिकू दिया है और दीपिका इस बात से बेहद खुश हैं कि उन्हें अमिताभ बच्चन से इस तरह स्रेह मिल रहा है. हिंदी सिनेमा में इन दिनों कम ही रिश्ते ऐसे हैं, जो फिल्म की मेकिंग, व रिलीज के बाद जिंदा रह पायें. किसी दौर में एक फिल्म के निर्माण में फिल्म के कलाकार व तकनीशियन इस कदर रमे होते थे कि फिल्म खत्म होने के बाद उनकी आंखों में आंसू होते थे. फिल्म हम आपके हैं कौन की शूटिंग के अंतिम दिन फिल्म का गीत मुझसे जुदा होकर सुनाया गया था और सभी की आंखें नम थी. लेकिन आज कट के साथ ही सितारे दूसरी दुनिया में या अपने दूसरे घर वैनिटी वैन में चले जाते हैं. जबकि पहले सेट पर किस्से इसलिए होते थे. चूंकि स्टार्स शूटिंग के बाद भी आपस में बातें करते थे. अब भी टीवी की दुनिया में बहुत हद तक यह माहौल कायम है, जैसे धारावाहिक वीरा में भाई बहन का किरदार निभा रहे दोनों कलाकार वास्तविक जिंदगी में भी एक दूसरे के भाई बहन बन गये हैं. किसी दौर में राजकपूर साहब के प्रेम व स्रेह का ही यह प्रमाण था कि उन्होंने नवाब बानो को निम्मी नाम दे दिया और सिने जगत ने निम्मी को उसी रूप में स्वीकारा बिना किसी शक और शिकायत के साथ. यह रिश्ते के अटूट होने का ही प्रमाण है. दरअसल, रिश्तों को पनपने के लिए सिर्फ अपनत्व की जरूरत है. उसे किसी मुहर की जरूरत नहीं पड़ती.
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