स्टार प्लस पर प्रसारित हो रहे रियलिटी शो मास्टर शेफ में इस बार थीम शाकाहारी भोजन का रखा गया है. मसलन प्रतिभागियों को अपना हुनर शाकाहरी व्यंजनों में दर्शाना होगा. फिलवक्त आॅडिशन के एपिसोड टेलीकास्ट हो रहे हैं. मगर मास्टर शेफ भी अन्य रियलिटी शोज की तरह ही अपने शो के कांसेप्ट पर कम, और प्रतिभागियों की भावनाओं पर अधिक ध्यान दे रहा. यह भारत वर्ष में ही हो सकता कि जहां कई महिलाएं पूरा पूरा दिन चुल्हा चौका करते हुए बीता देती हैं. लेकिन बदले में उनके तारीफों के दो शब्द सुनने को नहीं मिलते. वहां उनकी भावनाओं को कोई तवज्जो नहीं मिलती. लेकिन दूसरी तरफ वही महिलाएं जब नेशनल चैनल पर आकर अपनी भावनाओं को दर्शा रहीं तो शेफ उनके डिश से ज्यादा उनकी भावनाओं को अहमियत दे रहे. एक लिहाज से यह उन तमाम पुरुष वादी सोच के मुंह पर तमाचा है, जो यह सोचते हैं कि भोजन पकाना महिलाओं का कर्तव्य है और वे उनकी भावनाओं को इज्जत न देते हुए उनके खाने में नुक् श निकालने से बाज नहीं आते. ऐसी औछी सोच को तो मास्टर शेफ निस्संदेह एक करारा जवाब दे रहा. लेकिन चूंकि मास्टर शेफ विदेशी रियलिटी शो के ही तर्ज पर तैयार किया है. सो, उसे उस मापदंड पर भी खरा उतरना ही होगा. हां,यह हकीकत है कि भारत में भावनाएं ही बिकती हैं, और रियलिटी शो में सबसे अधिक यह नजर आता. लेकिन वाकई यहां जंग व्यंजन की है. और लोगों को उसी आधार पर अपना हुनर दर्शाना चाहिए. चूंकि अच्छा और स्वादिष्ट भोजन बनाना हर किसी के वश की बात नहीं. मास्टर शेफ में ही एक महिला प्रतिभागी ने दाल का दुल्हा नामक एक सामान्य बिहारी डिश को जिस अंदाज में शेफ को परोसा और शेफ को नाम के साथ स्वाद भी पसंद आया. ऐसी छुपी प्रतिभाओं को सामने लाने का जरिया बने तो अच्छा है.
My Blog List
20150318
मास्टर शेफ और भावनाएं
स्टार प्लस पर प्रसारित हो रहे रियलिटी शो मास्टर शेफ में इस बार थीम शाकाहारी भोजन का रखा गया है. मसलन प्रतिभागियों को अपना हुनर शाकाहरी व्यंजनों में दर्शाना होगा. फिलवक्त आॅडिशन के एपिसोड टेलीकास्ट हो रहे हैं. मगर मास्टर शेफ भी अन्य रियलिटी शोज की तरह ही अपने शो के कांसेप्ट पर कम, और प्रतिभागियों की भावनाओं पर अधिक ध्यान दे रहा. यह भारत वर्ष में ही हो सकता कि जहां कई महिलाएं पूरा पूरा दिन चुल्हा चौका करते हुए बीता देती हैं. लेकिन बदले में उनके तारीफों के दो शब्द सुनने को नहीं मिलते. वहां उनकी भावनाओं को कोई तवज्जो नहीं मिलती. लेकिन दूसरी तरफ वही महिलाएं जब नेशनल चैनल पर आकर अपनी भावनाओं को दर्शा रहीं तो शेफ उनके डिश से ज्यादा उनकी भावनाओं को अहमियत दे रहे. एक लिहाज से यह उन तमाम पुरुष वादी सोच के मुंह पर तमाचा है, जो यह सोचते हैं कि भोजन पकाना महिलाओं का कर्तव्य है और वे उनकी भावनाओं को इज्जत न देते हुए उनके खाने में नुक् श निकालने से बाज नहीं आते. ऐसी औछी सोच को तो मास्टर शेफ निस्संदेह एक करारा जवाब दे रहा. लेकिन चूंकि मास्टर शेफ विदेशी रियलिटी शो के ही तर्ज पर तैयार किया है. सो, उसे उस मापदंड पर भी खरा उतरना ही होगा. हां,यह हकीकत है कि भारत में भावनाएं ही बिकती हैं, और रियलिटी शो में सबसे अधिक यह नजर आता. लेकिन वाकई यहां जंग व्यंजन की है. और लोगों को उसी आधार पर अपना हुनर दर्शाना चाहिए. चूंकि अच्छा और स्वादिष्ट भोजन बनाना हर किसी के वश की बात नहीं. मास्टर शेफ में ही एक महिला प्रतिभागी ने दाल का दुल्हा नामक एक सामान्य बिहारी डिश को जिस अंदाज में शेफ को परोसा और शेफ को नाम के साथ स्वाद भी पसंद आया. ऐसी छुपी प्रतिभाओं को सामने लाने का जरिया बने तो अच्छा है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment