एक सांसद को अखिलेश यादव की पार्टी से सिर्फ इसलिए बेदखल कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने भाजपा सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी पर कुछ कमेंट कर दिया था. उन्होंने हेमा मालिनी के गालों की तूलना सड़कों से कर दी थी. अखिलेश यादव ने महसूस किया कि यह बहुत औंछा कमेंट है और किसी भी सांसद को यह शोभा नहीं देता कि वह दूसरे सांसद पर इस तरह का कमेंट करें. अभी कुछ दिनों पहले जया बच्चन ने भी राज्यसभा के अध्यक्ष से इस बात की शिकायत की थी, चूंकि सभा के दौरान किसी सांसद ने अपने कैमरे से उतनी तसवीरें निकालने की कोशिश की थी. साथ ही वे लगातार जया बच्चन को निहारते जा रहे थे. हेमा मालिनी ने इस संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इतना ही कहा कि किसी दौर में लालू प्रसाद यादव ने भी हेमा मालिनी के गालों और बिहार के सड़कों की तूलना एक साथ की थी. हेमा मालिनी को इस बात का अफसोस है कि आखिर क्यों हर मुद्दे को चुटीला और दिलचस्प बनाने के लिए लोग बॉलीवुड का ही इस्तेमाल करते हैं. दरअसल, हकीकत यही है कि हिंदी सिनेमा आम जीवन पर इस कदर हावी है कि उसकी छवि हमें हर जगह देखने को मिलती है. फिर चाहे वह एक पान की दुकान हो या फिर बड़े बड़े मॉल. यह हिंदी फिल्म हस्तियों का ही प्रभाव है कि साहित्यिक कार्यक्रमों में किसी साहित्य जगत से जुड़े व्यक्ति नहीं, बल्कि फिल्मी हस्तियों को ही बुलाया जाता है. एक पान दुकान की ब्रांडिंग से लेकर बड़े बड़े प्रोडक्ट की एंडॉरसमेंट करने के लिए फिल्मी हस्तियों का ही बोलबाला है. आम जिंदगी में भी हमारी कोशिश होती है कि हम उस अभिनेत्री की तरह खूबसूरत नजर आयें, उस एक्टर की तरह हमारी बॉडी हो. दरअसल, यही सच्चाई है कि राजनीति भी इससे अछूती नहीं. बॉलीवुड की हस्तियों का चार्म हमेशा बरकरार रहेगा.
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20130513
आम जीवन पर हावी बॉलीवुड
एक सांसद को अखिलेश यादव की पार्टी से सिर्फ इसलिए बेदखल कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने भाजपा सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी पर कुछ कमेंट कर दिया था. उन्होंने हेमा मालिनी के गालों की तूलना सड़कों से कर दी थी. अखिलेश यादव ने महसूस किया कि यह बहुत औंछा कमेंट है और किसी भी सांसद को यह शोभा नहीं देता कि वह दूसरे सांसद पर इस तरह का कमेंट करें. अभी कुछ दिनों पहले जया बच्चन ने भी राज्यसभा के अध्यक्ष से इस बात की शिकायत की थी, चूंकि सभा के दौरान किसी सांसद ने अपने कैमरे से उतनी तसवीरें निकालने की कोशिश की थी. साथ ही वे लगातार जया बच्चन को निहारते जा रहे थे. हेमा मालिनी ने इस संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इतना ही कहा कि किसी दौर में लालू प्रसाद यादव ने भी हेमा मालिनी के गालों और बिहार के सड़कों की तूलना एक साथ की थी. हेमा मालिनी को इस बात का अफसोस है कि आखिर क्यों हर मुद्दे को चुटीला और दिलचस्प बनाने के लिए लोग बॉलीवुड का ही इस्तेमाल करते हैं. दरअसल, हकीकत यही है कि हिंदी सिनेमा आम जीवन पर इस कदर हावी है कि उसकी छवि हमें हर जगह देखने को मिलती है. फिर चाहे वह एक पान की दुकान हो या फिर बड़े बड़े मॉल. यह हिंदी फिल्म हस्तियों का ही प्रभाव है कि साहित्यिक कार्यक्रमों में किसी साहित्य जगत से जुड़े व्यक्ति नहीं, बल्कि फिल्मी हस्तियों को ही बुलाया जाता है. एक पान दुकान की ब्रांडिंग से लेकर बड़े बड़े प्रोडक्ट की एंडॉरसमेंट करने के लिए फिल्मी हस्तियों का ही बोलबाला है. आम जिंदगी में भी हमारी कोशिश होती है कि हम उस अभिनेत्री की तरह खूबसूरत नजर आयें, उस एक्टर की तरह हमारी बॉडी हो. दरअसल, यही सच्चाई है कि राजनीति भी इससे अछूती नहीं. बॉलीवुड की हस्तियों का चार्म हमेशा बरकरार रहेगा.
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