20130513

काली जहरीली रात की डायन



अनुप्रिया अनंत
फिल्म : एक थी डायन
कलाकार : कोंकणा सेन शर्मा, इमरान हाशमी, हुमा कुरैशी, कल्की कोचलिन
निर्देशक : कानन अय्यर
रेटिंग : 3 स्टार
अगर आप यह फिल्म देखने जा रहे हैं. विशेष कर महिला दर्शकों से अपील हैं कि अपने बालों में चोटियां बना कर न जायें. चूंकि फिल्म के नायक इमरान हाशमी उर्फ बोबो को लड़कियों की चोटियां पसंद नहीं. और वे जहां भी इन्हें देखते हैं. काटने के लिए दौड़ पड़ते हैं. बोबो ऐसा जानबूझ कर नहीं करता और न ही बोबो पागल है. बोबो ऐसा इसलिए करता है, क्योंकि एक किताब में लिखा है कि चुड़ैल की ताकत उसकी चोटी में गुंथी होती है.बोबो अभी बच्चा है. जब उसके हाथ एक ऐसी किताब लग जाती है, िजससे उसे जानकारी मिलती है कि डायन होती है और वे अपने काले जादू से सबको नाश कर देती है. विशेष कर उसे बच्चे से बेहद प्यार होता है. ये बात बोबो के जेहन में घर कर जाती है. यह किताब बोबो की जिंदगी किस कदर उलट फेर कर देता है. एक थी डायन की यही कहानी है.  कानन अय्यर की फिल्म एक थी डायन हाल के समय की बेहतरीन हॉरर फिल्म है. एक थी डायन में निर्देशक ने एक बात स्पष्ट करने की कोशिश की है कि काला जादू व शैतानी ताकत करनेवाली सिर्फ महिलाएं नहीं होतीं, पुरुष भी होते हैं. जो पिशाच कहलाते हैं. इस कदम से निर्देशक ने खुद को पूरी तरह सुरक्षित रखने की कोशिश की है, ताकि उन पर महिलाओं को डायन  कहने के आरोप न लगें. बहरहाल, बात फिल्म की कहानी की...फिल्म की कहानी के बारे में दर्शक न जाने तो बेहतर. चूंकि इस फिल्म के कुछ राज ही फिल्म की यूएसपी हैं. फिल्म की कहानी बोबो के बचपन की दुनिया और बोबो की युवा दुनिया पर आधारित है. बोबो की इस दुनिया में तीन औरतें हैं. लेकिन कौन है सच्चा कौन है झूठा. इसका पता लगा पाना बोबो के हाथ में नहीं है. बोबो जादूगर है. लेकिन वह काला जादू नहीं करता. वह आम दुनिया का आदमी नहीं. लेकिन वह आम लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता.
बॉलीवुड में लंबे समय के बाद किसी हॉरर फिल्म ने आकर्षित किया है. कानन अय्यर की फिल्म एक थी डायन हर लिहाज से आमतौर पर हिंदी में बननेवाली हॉरर फिल्मों से जुदा है. इस फिल्म में न तो किसी हवेली की कहानी और न ही किसी हांटेड की कहानी दिखाई गयी है. फिल्म सीधे तौर पर काले जादू और शैतानी ताकत को हासिल करने की चाहत रखनेवाले पिशाच की कहानी के इर्द गिर्द घूमती है. इस फिल्म को आप पूरी तरह तभी एंजॉय कर पायेंगे. अगर आप इस फिल्म की कहानी न ही जानें और ही फिल्म  पर िलखे गये किसी भी रिव्यू को पढ़ कर फिल्म के राज जाने. वरना, आपका मजा किरकिरा हो सकता है. हालांकि निर्देशक कानन अय्यर ने इस बात का पूरा ख्याल रखा है कि किस तरह दर्शकों को वह बांधे रख सकें. अपनी कहानी और काला जादू व शैतानी शक्तियों की ताकत दिखाने के लिए उन्होंने जो रास्ता चुना है. वह आपको सीधे जह्नुम तक ले जाता है. निर्देशक आपको लंबे समय तक इस असमंझ में छोड़ देता है कि वाकई यह कोई काला जादू है या फिर इंसानी दिमाग की फितरत. इस फिल्म की खासियत है कि फिल्म के सभी कलाकारों का चुनाव उनकी पर्सनैलिटी के आधार पर किया गया है. चूंकि इन सभी कलाकारों की वास्तविक पर्सनैलिटी फिल्म के किरदारों की पर्सनैलिटी से मेल खाती है. अगर आप इमरान हाशमी के फैन हैं तो आपको इस फिल्म में उनकी बेहतरीन एक्टिंग देखने को मिलेगी. साथ ही कोंकणा सेन अपने अदभुत अभिनय से सबको चकित करती हंै. हुमा कुरैशी ने बेहतरीन काम किया है. कल्की को और स्पेस दिया जाना चाहिए था. इस फिल्म के संगीत ने फिल्म की कहानी को पूरी तरह सपोर्ट किया है और लंबे अरसे के बाद किसी हॉरर फिल्म के गाने आपको इतने पसंद आयेंगे. गीतकार गुलजार ने बेहतरीन गीत लिखे हैं. फिल्म का यारम गाना लंबे समय तक याद रहनेवाले गानों में से एक होगा.  हो सकता है कि क्लाइमेक्स आपको थोड़ा निराश करें. लेकिन यह सच है कि फिल्म के किरदार आपको डराने में कामयाब रहेंगे. फिल्म में जबरन बिल्डिंग को हिलाने या काले कपड़े में घूमनेवाली किसी औरत जैसी घिसी पीटी चीजें नहीं दिखाई गयी हैं. विशाल भारद्वाज और एकता कपूर के संयुक्त प्रयास से बॉलीवुड में एक अच्छी हॉरर फिल्म बनी.

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