urmila kori
1990 में आयी महेश भट्ट निर्देशित रोमांटिक फिल्म ‘आशिकी’ अपने समय की सफल फिल्मों में से एक है. लगभग 23 साल बाद भट्ट कैंप एक बार फिर प्यार के उसी जज्बात को नये अंदाज में ‘आशिकी टू’ से परदे पर परिभाषित करने जा रहा है. आदित्य रॉय कपूर और र्शद्धा कपूर इस फिल्म में मुख्य भूमिका में हैं. इन सितारों का कहना है कि ‘आशिकी टू’ पुरानी ‘आशिकी’ से काफी अलग है. जैसे पीढ.ी में बदलाव आया है वैसे ही फिल्म की कहानी में भी कई परिवर्तन आये हैं. दोनों में कोई समानता है तो वह है खास प्रेम कहानी. आदित्य रॉय कपूर और र्शद्धा कपूर से इस फिल्म और उनके कैरियर पर हुई बातचीत के प्रमुख अंश
राहुल रॉय और अनु अग्रवाल अभिनीत फिल्म ‘आशिकी’ को उसके गीत-संगीत की वजह से खास पहचान मिली थी. ‘आशिकी टू-’ का संगीत भी सभी को लुभा रहा है. कुणाल बताते हैं कि ‘आशिकी टू’ पुरानी ‘आशिकी’ की न तो रीमेक है, न ही सीक्वल. फिर भी दोनों में एक समानता है. इनका संगीत और अलग तरह की प्रेम कहानी. इसी समानता के कारण इस फिल्म का नाम ‘आशिकी टू’ है.
यह फिल्म आपको कैसे मिली? आदित्य रॉय कपूर : भट्ट कैंप से ऑडिशन के लिए फोन आया. मैंने ऑडिशन दिया और मुझे यह फिल्म मिल गयी. मैं बहुत खुश हूं कि अपने कैरियर की सोलो लीड में मैं एक रोमांटिक फिल्म का हिस्सा हूं. र्शद्धा कपूर : मुझे यह फिल्म मोहित सूरी ने ऑफर की थी. हम पहले भी किसी और फिल्म के लिएमिल चुके थे, लेकिन वह फिल्म किसी कारणवश नहीं बन पायी. मोहित ने मुझे बताया था कि उन्होंने मुझे इस फिल्म में इस वजह से लिया, क्योंकि जब वह मेरे घर मुझसे मिलने आये थे, तब मैंने कोई मेकअप नहीं किया था. बालों का जूड.ा बनाया हुआ था. चश्मा पहना हुआ था. ‘आशिकी टू’ की लड.की का किरदार भी एक सिंपल-सी लड.की का ही है. मेरी सिंपलिसिटी उन्हें भा गयी और उन्होंने मुझे यह फिल्म ऑफर कर दी. क्या आपने पहले वाली ‘आशिकी’ देखी है और क्या उससे कोई रिफरेंस प्वाइंट भी लिया है? आदित्य रॉय कपूर : मैने जब वह फिल्म देखी थी तब मैं 6-7 साल का था, लेकिन यह फिल्म साइन करने के बाद मैंने वह फिल्म नहीं देखी, क्योंकि मैं ‘आशिकी’ से प्रभावित होकर यह फिल्म नहीं करना चाहता था. र्शद्धा कपूर : मैं जब 2 साल की थी तब मैंने वह फिल्म देखी थी, लेकिन यह फिल्म ‘आशिकी’ का रीमेक नहीं है, न ही सीक्वल है. यह बात मोहित ने मुझे पहले ही क्लीयर कर दी थी. इसलिए मुझे दोबारा ‘आशिकी’ देखने की जरूरत महसूस नहीं हुई. फिल्म के प्रोमो से यह अमिताभ बच्चन और जया बान की फिल्म ‘अभिमान’ की कहानी नजर आ रही है. जहां दो सिंगर्स कपल के बीच उनका इगो आ जाता है. आदित्य रॉय कपूर : यह फिल्म ‘अभिमान’ की तरह है या नहीं, मैं नहीं जानता क्योंकि मैंने वह फिल्म देखी ही नहीं है. मैंने पुरानी फिल्में ज्यादा नहीं देखी है इसलिए आपको नहीं बता पाऊंगा. र्शद्धा कपूर : नहीं, इस फिल्म की कहानी उस तरह की नहीं है. वह अलग तरह की फिल्म है. यह बहुत ही सिचुएशनल फिल्म है. अपने किरदार के लिएआपको किस तरह की तैयारी करनी पड.ी? आदित्य रॉय कपूर : अब तक मैंने ‘गुजारिश’,‘लंदन ड्रीम्स’ और ‘एक्शन रीप्ले’ जैसी फिल्में की हैं, जहां मैं सपोर्टिंग एक्टर था लेकिन इस बार मैं सेंटर ऑफ अट्रैक्शन सेट पर था. इसलिए शुरुआत में थोड.ा मुश्किल लगता था लेकिन मोहित ने सब मैनेज कर लिया. उसने मुझे कठपुतली नहीं बनाया. वैसे, मैंने अपनी आवाज, बॉडी लैग्वेज सब पर काम किया. बाल भी कटवाने पडे.. मुझे गिटार बजाना आता है इसलिए इसकी मुझे खास तैयारी नहीं करनी पड.ी. र्शद्धा कपूर : इस फिल्म में मैं महाराष्ट्रियन लड.की के किरदार में हूं. अपनी मां की तरफ से मैं महाराष्ट्रियन ही हूं, इसलिए मुझे किरदार के लिए अपनी बॉडी लैग्वेज या बोलचाल पर ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड.ी. क्या आप हमेशा से अभिनय को ही कैरियर बनाना चाहते थे? आदित्य रॉय कपूर : जब मैं वीजे था, तब मैंने कैरियर के बारे में सोचा ही नहीं था. मैं मजे के लिए वह काम करता था. फिर मुझे यह सब अच्छा लगने लगा तो मैंने महसूस किया कि मैं यह करूंगा. र्शद्धा कपूर : जैसा की सभी जानते हैं कि मेरे पिता शक्ति कपूर फिल्मों के चरित्र अनिभेता हैं. बचपन में मां के साथ मैं उनकी फिल्मों के सेट पर जाने लगी थी. फिल्मों की शूटिंग के दौरान जब हीरो पापा को मारता था, तो मैं रोने लगती थी. एक दिन मम्मी ने मुझे समझाया कि पापा एक्टर हैं और वह जो कुछ भी कर रहे हैं, वो एक्टिंग हैं. उसी दिन मैंने इस शब्द से खुद को जोड. लिया. आपके लिए प्यार की परिभाषा क्या है ? आदित्य रॉय कपूर : मुझे अब तक यह हुआ नहीं है. जब मैं सातवीं क्लास में था, तब प्यार हुआ था. मैं उससे शादी भी करना चाहता था. मुझे लगता है कि प्यार एक जुनून है, एक पागलपन है. रिलेशनशिप के मायने हर दिन बदलते जा रहे हैं. जब प्यार में पड.ूंगा तो शायद इसे समझ सकूंगा. तभी आपको बता पाऊंगा. र्शद्धा कपूर : लव मेरे लिए पागलपन का दूसरा नाम है. प्यार में आपको एक दूसरे के लिए पागल होना चाहिए. तभी मेरे लिएआप प्यार में हैं, वरना नहीं हैं. अपने पार्टनर में आप क्या खूबी चाहते हैं? आदित्य रॉय कपूर : उसके बाल घुंघराले हों, दांत चमकीले हों. शायद लुक पर मैं नहीं बोल पाऊंगा. हां नेचर में यह जरूर चाहूंगा कि उसमें एक साई हो और वह खुद पर विश्वास करती हो. हमेशा अपने दिल की सुनती हो. र्शद्धा कपूर : मेरे पार्टनर को एंडवेचर्स होना ही होगा. जैसे उसे खाना पसंद हो, घूमना पसंद हो, फिल्में देखना पसंद हो. ट्रैकिंग पर जाना अच्छा लगता हो. आलसी लड.के मुझे पसंद नहीं हैं. को-एक्टर के तौर पर आप एक दूसरे को कैसा पाते हैं? आदित्य रॉय कपूर : र्शद्धा बहुत ही प्रतिभाशाली लड.की है. घमंड बिल्कुल भी नहीं है. वह टीमवर्क को जानती है. उसे पता है कि एक्टिंग भी टीम वर्क का ही नतीजा है. र्शद्धा कपूर : आदित्य वंडरफुल कोस्टार है, जो आपको शूटिंग के दौरान एकदम सहज कर देता है. आपको पूरा स्पेस देता है. इस फिल्म में बोल्ड सीन करते हुए आप दोनों कितने सहज थे? क्या आप मानते हैं कि ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री के लिए ऑफ स्क्रीन केमिस्ट्री भी जरूरी होती है? आदित्य रॉय कपूर : फिल्म में उतने बोल्ड सीन नहीं हैं, जितना आप सोच रहे हैं. यह एक साफ सुथरी फिल्म है. हां, ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री के लिएऑफ स्क्रीन दोस्ती होनी जरूरी है. वरना आप सेट पर पहले दिन गये और हाय मैं आदित्य हूं बोलकर किसिंग सीन सहजता से नहीं कर पायेंगे. फिल्म की शूटिंग से पहले हमने वर्कशॉप किया था, जहां हम अच्छे दोस्त बन गये थे. र्शद्धा कपूर : ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री के लिए कलाकारों के बीच में सहजता का होना जरूरी है. वह दोस्ती से ही हो सकती है. आदित्य बहुत अच्छे और सहज इंसान हैं. आपसे जल्द ही उनकी दोस्ती हो जायेगी.राहुल रॉय और अनु अग्रवाल अभिनीत फिल्म ‘आशिकी’ को उसके गीत-संगीत की वजह से खास पहचान मिली थी. ‘आशिकी टू-’ का संगीत भी सभी को लुभा रहा है. कुणाल बताते हैं कि ‘आशिकी टू’ पुरानी ‘आशिकी’ की न तो रीमेक है, न ही सीक्वल. फिर भी दोनों में एक समानता है. इनका संगीत और अलग तरह की प्रेम कहानी. इसी समानता के कारण इस फिल्म का नाम ‘आशिकी टू’ है. यह फिल्म आपको कैसे मिली? आदित्य रॉय कपूर : भट्ट कैंप से ऑडिशन के लिए फोन आया. मैंने ऑडिशन दिया और मुझे यह फिल्म मिल गयी. मैं बहुत खुश हूं कि अपने कैरियर की सोलो लीड में मैं एक रोमांटिक फिल्म का हिस्सा हूं. र्शद्धा कपूर : मुझे यह फिल्म मोहित सूरी ने ऑफर की थी. हम पहले भी किसी और फिल्म के लिएमिल चुके थे, लेकिन वह फिल्म किसी कारणवश नहीं बन पायी. मोहित ने मुझे बताया था कि उन्होंने मुझे इस फिल्म में इस वजह से लिया, क्योंकि जब वह मेरे घर मुझसे मिलने आये थे, तब मैंने कोई मेकअप नहीं किया था. बालों का जूड.ा बनाया हुआ था. चश्मा पहना हुआ था. ‘आशिकी टू’ की लड.की का किरदार भी एक सिंपल-सी लड.की का ही है. मेरी सिंपलिसिटी उन्हें भा गयी और उन्होंने मुझे यह फिल्म ऑफर कर दी. क्या आपने पहले वाली ‘आशिकी’ देखी है और क्या उससे कोई रिफरेंस प्वाइंट भी लिया है? आदित्य रॉय कपूर : मैने जब वह फिल्म देखी थी तब मैं 6-7 साल का था, लेकिन यह फिल्म साइन करने के बाद मैंने वह फिल्म नहीं देखी, क्योंकि मैं ‘आशिकी’ से प्रभावित होकर यह फिल्म नहीं करना चाहता था. र्शद्धा कपूर : मैं जब 2 साल की थी तब मैंने वह फिल्म देखी थी, लेकिन यह फिल्म ‘आशिकी’ का रीमेक नहीं है, न ही सीक्वल है. यह बात मोहित ने मुझे पहले ही क्लीयर कर दी थी. इसलिए मुझे दोबारा ‘आशिकी’ देखने की जरूरत महसूस नहीं हुई. फिल्म के प्रोमो से यह अमिताभ बच्चन और जया बान की फिल्म ‘अभिमान’ की कहानी नजर आ रही है. जहां दो सिंगर्स कपल के बीच उनका इगो आ जाता है. आदित्य रॉय कपूर : यह फिल्म ‘अभिमान’ की तरह है या नहीं, मैं नहीं जानता क्योंकि मैंने वह फिल्म देखी ही नहीं है. मैंने पुरानी फिल्में ज्यादा नहीं देखी है इसलिए आपको नहीं बता पाऊंगा. र्शद्धा कपूर : नहीं, इस फिल्म की कहानी उस तरह की नहीं है. वह अलग तरह की फिल्म है. यह बहुत ही सिचुएशनल फिल्म है. अपने किरदार के लिएआपको किस तरह की तैयारी करनी पड.ी? आदित्य रॉय कपूर : अब तक मैंने ‘गुजारिश’,‘लंदन ड्रीम्स’ और ‘एक्शन रीप्ले’ जैसी फिल्में की हैं, जहां मैं सपोर्टिंग एक्टर था लेकिन इस बार मैं सेंटर ऑफ अट्रैक्शन सेट पर था. इसलिए शुरुआत में थोड.ा मुश्किल लगता था लेकिन मोहित ने सब मैनेज कर लिया. उसने मुझे कठपुतली नहीं बनाया. वैसे, मैंने अपनी आवाज, बॉडी लैग्वेज सब पर काम किया. बाल भी कटवाने पडे.. मुझे गिटार बजाना आता है इसलिए इसकी मुझे खास तैयारी नहीं करनी पड.ी. र्शद्धा कपूर : इस फिल्म में मैं महाराष्ट्रियन लड.की के किरदार में हूं. अपनी मां की तरफ से मैं महाराष्ट्रियन ही हूं, इसलिए मुझे किरदार के लिए अपनी बॉडी लैग्वेज या बोलचाल पर ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड.ी. क्या आप हमेशा से अभिनय को ही कैरियर बनाना चाहते थे? आदित्य रॉय कपूर : जब मैं वीजे था, तब मैंने कैरियर के बारे में सोचा ही नहीं था. मैं मजे के लिए वह काम करता था. फिर मुझे यह सब अच्छा लगने लगा तो मैंने महसूस किया कि मैं यह करूंगा. र्शद्धा कपूर : जैसा की सभी जानते हैं कि मेरे पिता शक्ति कपूर फिल्मों के चरित्र अनिभेता हैं. बचपन में मां के साथ मैं उनकी फिल्मों के सेट पर जाने लगी थी. फिल्मों की शूटिंग के दौरान जब हीरो पापा को मारता था, तो मैं रोने लगती थी. एक दिन मम्मी ने मुझे समझाया कि पापा एक्टर हैं और वह जो कुछ भी कर रहे हैं, वो एक्टिंग हैं. उसी दिन मैंने इस शब्द से खुद को जोड. लिया. आपके लिए प्यार की परिभाषा क्या है ? आदित्य रॉय कपूर : मुझे अब तक यह हुआ नहीं है. जब मैं सातवीं क्लास में था, तब प्यार हुआ था. मैं उससे शादी भी करना चाहता था. मुझे लगता है कि प्यार एक जुनून है, एक पागलपन है. रिलेशनशिप के मायने हर दिन बदलते जा रहे हैं. जब प्यार में पड.ूंगा तो शायद इसे समझ सकूंगा. तभी आपको बता पाऊंगा. र्शद्धा कपूर : लव मेरे लिए पागलपन का दूसरा नाम है. प्यार में आपको एक दूसरे के लिए पागल होना चाहिए. तभी मेरे लिएआप प्यार में हैं, वरना नहीं हैं. अपने पार्टनर में आप क्या खूबी चाहते हैं? आदित्य रॉय कपूर : उसके बाल घुंघराले हों, दांत चमकीले हों. शायद लुक पर मैं नहीं बोल पाऊंगा. हां नेचर में यह जरूर चाहूंगा कि उसमें एक साई हो और वह खुद पर विश्वास करती हो. हमेशा अपने दिल की सुनती हो. र्शद्धा कपूर : मेरे पार्टनर को एंडवेचर्स होना ही होगा. जैसे उसे खाना पसंद हो, घूमना पसंद हो, फिल्में देखना पसंद हो. ट्रैकिंग पर जाना अच्छा लगता हो. आलसी लड.के मुझे पसंद नहीं हैं. को-एक्टर के तौर पर आप एक दूसरे को कैसा पाते हैं? आदित्य रॉय कपूर : र्शद्धा बहुत ही प्रतिभाशाली लड.की है. घमंड बिल्कुल भी नहीं है. वह टीमवर्क को जानती है. उसे पता है कि एक्टिंग भी टीम वर्क का ही नतीजा है. र्शद्धा कपूर : आदित्य वंडरफुल कोस्टार है, जो आपको शूटिंग के दौरान एकदम सहज कर देता है. आपको पूरा स्पेस देता है. इस फिल्म में बोल्ड सीन करते हुए आप दोनों कितने सहज थे? क्या आप मानते हैं कि ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री के लिए ऑफ स्क्रीन केमिस्ट्री भी जरूरी होती है? आदित्य रॉय कपूर : फिल्म में उतने बोल्ड सीन नहीं हैं, जितना आप सोच रहे हैं. यह एक साफ सुथरी फिल्म है. हां, ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री के लिएऑफ स्क्रीन दोस्ती होनी जरूरी है. वरना आप सेट पर पहले दिन गये और हाय मैं आदित्य हूं बोलकर किसिंग सीन सहजता से नहीं कर पायेंगे. फिल्म की शूटिंग से पहले हमने वर्कशॉप किया था, जहां हम अच्छे दोस्त बन गये थे. र्शद्धा कपूर : ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री के लिए कलाकारों के बीच में सहजता का होना जरूरी है. वह दोस्ती से ही हो सकती है. आदित्य बहुत अच्छे और सहज इंसान हैं. आपसे जल्द ही उनकी दोस्ती हो जायेगी. |
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