शनिवार की शाम मुंबई के हिंदी सिनेमा के चाहनेवालों के लिए खास रही. खास इस लिहाज से कि उनके प्रिय सितारें उस दिन सड़क पर थे. टोलियों में. लेकिन ये सितारें खुद नहीं, बल्कि उनके स्ट्रीट पर बने पोस्टर्स सड़क पर थे और हिंदी सिनेमा के प्रेमी टोलियों में बांद्रा इलाके में घूम रहे थे. हिंदी सिनेमा के 100 साल पूरे होने के अवसर पर बॉलीवुड आर्ट प्रोजेक्ट द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें चित्रकारों की एक टोली जिन्होंने घूम घूम कर मुंबई की दीवारों पर हिंदी सिनेमा की बेहतरीन फिल्मों व हिंदी सिनेमा के बेहतरीन किरदारों की पेंटिंग बनाई है. सभी इस मार्च का हिस्सा थे. हिंदी सिनेमा के इन कलाकारों की पेंटिंग बनाने के लिए इस प्रोजेक्ट के तहत बिल्कुल आम स्थानों की तलाश की गयी थी. बांद्रा इलाके में जहां एक तरफ मोगेंबो की तसवीर थी तो दूसरी तरफ दीवार के अमिताभ बच्चन की. और जिस तरह चित्रकार रंजीत दाहिया और टोनी पीटर ने ये सारी रचनाएं बनाई है. वह लाजवाब हैं. ये सभी तसवीरें बोलती नजर आती हैं. हिंदी सिनेमा के 100 साल पूरे होने पर जश्न मनाने का यह भी अनोखा तरीका था और जिसे मीडिया से भी जरूर सहयोग मिलना चाहिए थे. पिछले 1 साल से लगातार चित्रकार इन पेंट्ंिग्स को पूरा करने में जुटे हुए थे. अपनी लगन से उन्होंने इसे पूरा भी किया. और अब मार्च के माध्यम से वे लोगों के बीच भी पहुंचे. इस प्रोजेक्ट की सबसे पहले शुरुआत फिल्म अनारकली की पेंटिंग से शुरू की गयी थी.यह पहली बार था. जब दीवार पर दीवार नजर आयी,चूंकि इससे पहले तक दीवारों पर फिल्मों के सिर्फ पोस्टर लगाये जाते थे. लेकिन रंजीत व टोनी ने इसे अपनी कल्पनाशीलता से एक अलग ही रूप दिया जो कि काबिलेतारीफ है. हिंदी सिनेमा को समर्पित यह अंदाज भी वाकई बेहद निराला है.
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20130513
दीवार पर बॉलीवुड
शनिवार की शाम मुंबई के हिंदी सिनेमा के चाहनेवालों के लिए खास रही. खास इस लिहाज से कि उनके प्रिय सितारें उस दिन सड़क पर थे. टोलियों में. लेकिन ये सितारें खुद नहीं, बल्कि उनके स्ट्रीट पर बने पोस्टर्स सड़क पर थे और हिंदी सिनेमा के प्रेमी टोलियों में बांद्रा इलाके में घूम रहे थे. हिंदी सिनेमा के 100 साल पूरे होने के अवसर पर बॉलीवुड आर्ट प्रोजेक्ट द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें चित्रकारों की एक टोली जिन्होंने घूम घूम कर मुंबई की दीवारों पर हिंदी सिनेमा की बेहतरीन फिल्मों व हिंदी सिनेमा के बेहतरीन किरदारों की पेंटिंग बनाई है. सभी इस मार्च का हिस्सा थे. हिंदी सिनेमा के इन कलाकारों की पेंटिंग बनाने के लिए इस प्रोजेक्ट के तहत बिल्कुल आम स्थानों की तलाश की गयी थी. बांद्रा इलाके में जहां एक तरफ मोगेंबो की तसवीर थी तो दूसरी तरफ दीवार के अमिताभ बच्चन की. और जिस तरह चित्रकार रंजीत दाहिया और टोनी पीटर ने ये सारी रचनाएं बनाई है. वह लाजवाब हैं. ये सभी तसवीरें बोलती नजर आती हैं. हिंदी सिनेमा के 100 साल पूरे होने पर जश्न मनाने का यह भी अनोखा तरीका था और जिसे मीडिया से भी जरूर सहयोग मिलना चाहिए थे. पिछले 1 साल से लगातार चित्रकार इन पेंट्ंिग्स को पूरा करने में जुटे हुए थे. अपनी लगन से उन्होंने इसे पूरा भी किया. और अब मार्च के माध्यम से वे लोगों के बीच भी पहुंचे. इस प्रोजेक्ट की सबसे पहले शुरुआत फिल्म अनारकली की पेंटिंग से शुरू की गयी थी.यह पहली बार था. जब दीवार पर दीवार नजर आयी,चूंकि इससे पहले तक दीवारों पर फिल्मों के सिर्फ पोस्टर लगाये जाते थे. लेकिन रंजीत व टोनी ने इसे अपनी कल्पनाशीलता से एक अलग ही रूप दिया जो कि काबिलेतारीफ है. हिंदी सिनेमा को समर्पित यह अंदाज भी वाकई बेहद निराला है.
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