20120908

ज्ञान से बदल सकते हैं भाग्य



मैं अकसर देखता हूं कि ज्ञान के मतलब को लोग सिर्फ शिक्षा से जोड़ देते हैं, जबकि ऐसा नहीं है. ज्ञान का मतलब महज शिक्षा नहीं है. ज्ञान आपको समृद्ध बनाता है. अमिताभ बच्चन टेलीविजन शो ‘केबीसी’ के माध्यम से लोगों को ज्ञान का महत्व बतानेवाले हैं.
कौन बनेगा करोड़पति’ में इस वर्ष ‘पंचकोटि महाज्ञान कुटुंबकम’ थीम रखी गयी है. इस बार भी अमिताभ बच्चन शो के होस्ट हैं और अनोखे तरीके से वे इस शो की प्रस्तुति कर रहे हैं. अमिताभ बच्चन ‘केबीसी’ को टीम वर्क मानते हैं. इसका प्रमाण उन्होंने शो के लांच के दौरान भी दिया. उन्होंने उन लोगों से भी रूबरू कराया, जिन्होंने शो के प्रोमोज और शो के पूरे ढांचे की परिकल्पना की है.
ज्ञानी होने का मतलब पढ़ाकू नहीं
मैं अकसर देखता हूं कि ज्ञान के मतलब को लोग सिर्फ शिक्षा से जोड़ देते हैं, जबकि ऐसा नहीं है. ज्ञान का मतलब महज शिक्षा नहीं है. ज्ञान आपको समृद्ध बनाता है. आपको अनुशासित और शालीन बनाता है. मैं इसे ही ज्ञान मानता हूं और मेरे जीवन में ज्ञान का महत्व हमेशा यही रहेगा. मेरे बाबूजी ने भी मुझे हमेशा इस बात के लिए प्रेरित किया कि चाहे जो गतिविधियां हैं या होती रहे, लेकिन आप पढ़ना न छोड़ें. ज्ञान का मतलब देश दुनिया की जानकारी रखना भी है.
कर्म से ज्ञान
मैं मानता हूं कि ऐसे कई व्यक्ति हैं जो बहुत बेहतरीन कर सकते हैं, लेकिन उन्हें अपनी काबीलियत दिखाने का मौका नहीं मिल पाता. ऐसे में लोग कहने लगते हैं कि उनका भाग्य ठीक नहीं था. यह सच्चाई भी है, लेकिन मैं मानता हूं कि अगर आपने कर्म से ज्ञान हासिल कर लिया तो आप अपने भाग्य को भी बदल सकते हैं. भाग्य को दोष देने की बजाय हमें अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए.
पसंद आये प्रोमोज
मैं बताना चाहूंगा कि अमित नामक युवा ने इस शो के सारे प्रोमोज निर्देशित किये हैं. मुझे प्रोमोज की थीम बहुत पसंद आयीं, क्योंकि हम इसमें सामाजिक मुद्दों के साथ व्यक्तिगत रूप से आने वाली परेशानियों को भी उजागर कर रहे हैं. मैं खुश हूं कि इसमें महिलाओं के लिए विशेष बातें कही गयी हैं, क्योंकि मैं महिलाओं की बहुत इज्जत करता हूं और मानता हूं कि उनका विकास बेहद जरूरी है.

अगर हम इस ओर छोटा प्रयास भी कर रहे हैं, तो यह अच्छी बात है. इस शो की खासियत है कि शो की टीम ने इस बेहतरी से काम किया है कि मुझे कभी ज्यादा परेशानी नहीं होती. मैं जरूरत पड़ने पर अपने इनपुट्स देता हूं. लेकिन ‘केबीसी’ की टीम ने इस कदर रिसर्च पुख्ता कर रखी होती है कि मुझे कुछ भी कहने की जरूरत नहीं पड़ती

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