आज यश चोपड़ा अपना 80 वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं. इस बार उनके प्रिय अभिनेता शाहरुख खान उन्हें जन्मदिन पर खास तोहफा देना चाहते हैं. शाहरुख ने यश चोपड़ा से दो घंटे का वक्त मांगा है. इन दो घंटों में वे यश को अपनी तरफ से जन्मदिन का खास तोहफा देना चाहते हैं. शाहरुख खान भले ही खोज थे हेमा मालिनी के. लेकिन उन्हें मांझा यश चोपड़ा ने ही. फिल्म डर, दिल तो पागल है, वीर जारा औरजल्द ही रिलीज हो रही फिल्म जब तक हैं जां में यश चोपड़ा के निर्देशन में निखरने का मौका मिला तो वही यशराज बैनर तले बनी फिल्में दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे और मोहब्बते से रोमांटिक हीरो के रूप में स्थापित होने का मौका मिलेगा. निस्संदेह यश चोपड़ा को शाहरुख को गुरु-सा सम्मान देना ही चाहिए. चूंकि उनकी फिल्मों ने ही शाहरुख खान की रुमानियत को दर्शकों के सामने इस कदर दर्शाया कि आज भी हिंदी सिनेमा में शाहरुख द्वारा निभाये गया किरदार सबसे रुमानी किरदार माना जाता है. दरअसल, यश ने हिंदी सिनेमा में एक रुमानियत लायी. उनकी फिल्मों की वजह से ही फिल्मों का शायराना अंदाज कायम रहा. आनंद बख्शी जैसे गीतकार की मदद से यश चोपड़ा ने एक से एक नगमें लिखें. यश चोपड़ा की फिल्मों की खासियत रही कि न केवल फिल्मों के गाने. बल्कि फिल्मों के पेस में भी लयबद्ध नजर आयी. उनकी आगामी फिल्म जब तक हैं जान में भी लंबे अरसे के बाद शाहरुख खान शायराना अंदाज में मोहब्बत बयां करते आयेंगे. पिछले कई सालों से हिंदी फिल्मों से शायरी लुत्फ हो चुकी थी. जब से गुलजार ने लिखना कम किया. लेकिन गुलजार को एक बार फिर से गुलजार करने का मौका भी यश दे रहे हैं. कभी कभी का गीत मैं पल दो पल का शायर हूं की तर्ज पर यश चोपड़ा पिछले कई सालों से लगातार एक कामयाब शायर निर्देशक की भूमिका निभा रहे हैं
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20120927
पल दो पल से ताउम्र शायर
आज यश चोपड़ा अपना 80 वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं. इस बार उनके प्रिय अभिनेता शाहरुख खान उन्हें जन्मदिन पर खास तोहफा देना चाहते हैं. शाहरुख ने यश चोपड़ा से दो घंटे का वक्त मांगा है. इन दो घंटों में वे यश को अपनी तरफ से जन्मदिन का खास तोहफा देना चाहते हैं. शाहरुख खान भले ही खोज थे हेमा मालिनी के. लेकिन उन्हें मांझा यश चोपड़ा ने ही. फिल्म डर, दिल तो पागल है, वीर जारा औरजल्द ही रिलीज हो रही फिल्म जब तक हैं जां में यश चोपड़ा के निर्देशन में निखरने का मौका मिला तो वही यशराज बैनर तले बनी फिल्में दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे और मोहब्बते से रोमांटिक हीरो के रूप में स्थापित होने का मौका मिलेगा. निस्संदेह यश चोपड़ा को शाहरुख को गुरु-सा सम्मान देना ही चाहिए. चूंकि उनकी फिल्मों ने ही शाहरुख खान की रुमानियत को दर्शकों के सामने इस कदर दर्शाया कि आज भी हिंदी सिनेमा में शाहरुख द्वारा निभाये गया किरदार सबसे रुमानी किरदार माना जाता है. दरअसल, यश ने हिंदी सिनेमा में एक रुमानियत लायी. उनकी फिल्मों की वजह से ही फिल्मों का शायराना अंदाज कायम रहा. आनंद बख्शी जैसे गीतकार की मदद से यश चोपड़ा ने एक से एक नगमें लिखें. यश चोपड़ा की फिल्मों की खासियत रही कि न केवल फिल्मों के गाने. बल्कि फिल्मों के पेस में भी लयबद्ध नजर आयी. उनकी आगामी फिल्म जब तक हैं जान में भी लंबे अरसे के बाद शाहरुख खान शायराना अंदाज में मोहब्बत बयां करते आयेंगे. पिछले कई सालों से हिंदी फिल्मों से शायरी लुत्फ हो चुकी थी. जब से गुलजार ने लिखना कम किया. लेकिन गुलजार को एक बार फिर से गुलजार करने का मौका भी यश दे रहे हैं. कभी कभी का गीत मैं पल दो पल का शायर हूं की तर्ज पर यश चोपड़ा पिछले कई सालों से लगातार एक कामयाब शायर निर्देशक की भूमिका निभा रहे हैं
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