20120903

अमिताभ का ज्ञान कुटुंब



7 सितंबर से अमिताभ बच्चन कौन बनेगा करोड़पति के छठे संस्करण के साथ वापसी कर रहे हैं. इस बार शो ने अपना थीम ज्ञान रखा है.पंचलाइन  है वह ज्ञान ही है जो आपको आपका हक दिलाता है.  अमिताभ बच्चन ने खुद स्वीकारते हैं जीवन में ज्ञान होना इसलिए आवश्यक है. चूंकि कोई भी व्यक्ति कर्म से ज्ञान बढ़ा सकता है और ज्ञान और कर्म से ही वह भाग्य को बदल सकता है. दरअसल, यह हकीकत भी है कि अमिताभ बच्चन ने अपने जीवन में संघर्ष के कई उतार चढ़ाव के मोड़ देखे. लेकिन परिवार से मिली समृद्ध परवरिश. साहित्य की समृद्धि से ही हमेशा उनका ज्ञान बढ़ता रहा.यह बात जगजाहिर है कि अमिताभ हमेशा से अपने पिता हरिवंशराय बच्चन के नजदीक रहे. वे आज भी कहीं भी जाते हैं तो अपने पिता की कोई न कोई रचना अपने साथ ही रखते हैं. यही वजह है कि फिल्मों में दिलचस्पी होने के बावजूद चूंकि उनके पिताजी की यह इच्छा थी. उन्होंने शिक्षा को अहमियत दी. यह उनकी ज्ञनवर्धक सोच का ही नतीजा है कि आज हिंदी सिनेमा जगत में वे उन बुद्धिजीवियों में से माने जाते हैं, जिन्हें वाकई भाषा, संस्कृति का ज्ञान है. वे अंगरेजी भाषा का जितना ज्ञान रखते हैं. हिंदी भाषा में भी उनकी उतनी ही अच्छी पकड़ है. वे उन चुनिंदा कलाकारों में से हैं जो देवनागरी में ही स्क्रिप्ट पढ़ते हैं. सोनी टीवी शो के लांच के दौरान भी वे लगातार हिंदी बोलते ही नजर आ रहे थे और बाकी लोगों को बढ़ावा भी दे रहे हैं. केबीसी को अमिताभ की बदौलत ही वह लोकप्रियता मिली है और अमिताभ ने इसी माध्यम से शुद्ध हिंदी भाषा को बहुत प्रमोट भी किया हो. जो कि फिलवक्त हिंदी सिनेमा में लुत्फ ंहोता नजर आता है. लेकिन केबीसी की वजह से लोगों ने द्वितीय, तृतीय बोलना शुरू कर दिया. एक अभिनेता के रूप में अपने कर्म से भाषा के क्षेत्र में उनका यह योगदान उल्लेखनीय रहेगा.

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