20120919

मैं हीरोइन हूं : करीना कपूर





बचपन से ही उनका सपना था कि वह हीरोइन बने. अपनी अभिनेत्री मां और बहन को देख-देख कर ही उन्हें अभिनय से प्यार हो गया.  20 साल की उम्र में वह सपना पूरा हुआ फिल्म रिफ्यूजी से. लेकिन बतौर किरदार उन्हें किसी फिल्म में पहली बार हीरोइन का किरदार निभाने का मौका मिला मधुर भंडारकर की फिल्म हीरोइन से. 21 सितंबर को अपने जीवन का 32वां कदम रखने जा रही हैं. इस जन्मदिन पर उन्हें अपने जन्मदिन व फिल्म हीरोइन की रिलीज की दोहरी खुशी मिल रही है. करीना वर्तमान में बॉलीवुड की शीर्ष अभिनेत्रियों में से एक हैं. कपूर खानदान की लाड़ली करीना उर्फ बेबो अपनी फिल्म हीरोइन को लेकर बेहद उत्साहित हैं.

 फिल्मसिटी के स्टूडियो नंबर 13 में करीना कपूर उर्फ बेबो से मिलने का समय निर्धारित हुआ. शाम के पांच बजे. वक्त पर पहुंचने पर जानकारी मिली कि अभी बेबो को 1 डेढ़ घंटे लग जायेंगे. इस जानकारी के साथ ही हमें यह एहसास हो जाता है कि आखिर हम हीरोइन की हीरोइन से मिलने आये हैं. और निर्धारित समय से देर होना सेलिब्रिटिज की रुटीन का ही हिस्सा है. बहरहाल, थोड़े इंतजार के बाद बेबो सेट पर पहुंचती हैं. सबसे पहले वह टीवी के इंटरव्यूज  निपटाती  हैं. टीवी के इंटरव्यूज खत्म होते ही बेबो सबसे पहले हाइ हिल्स सैंडल को हटाती हैं और सिंपल स्लिपर पहन कर हमसे बातचीत शुरू करती हुई कहती हैं कि उन्हें स्लिपर ज्यादा आरामदायक लगते हैं. फिल्म हीरोइन को लेकर बेबो किस तरह उत्साहित हैं इसकी साफ झलक उनके चेहरे की चमक दर्शा रही थी. वे पूरी ताजगी से भरपूर होकर फिल्म के प्रमोशन में हिस्सा ले रही थीं. बेबो खुद कहती हैं कि यह फिल्म मेरे लिए स्पेशल है और यही वजह है कि पहली बार मैं मीडिया के सामने इतनी खुल कर सामने आयी हूं. वरना, मैं कम बातें करती हूं. बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ता है.


हीरोइन काफी बोल्ड फिल्म मानी जा रही है. आपकी नजर में ये किस तरह से बोल्ड है?
जी हां, यह बिल्कुल सच है कि हीरोइन की कहानी काफी बोल्ड है. लेकिन बोल्ड केवल स्कीन शो की वजह से नहीं. जैसा कि हम प्रोमो से ही लगातार दिखाते आ रहे हैं कि मेरा जो किरदार है वो काफी अग्रेसिव है. मू्डी है. इमोशनल है. करीना कपूर की जिंदगी से बिल्कुल अलग किरदार है फिल्म का. फिल्म इस लिहाज से बोल्ड है कि मधुर ने फिल्म इंडस्ट्री के अंदर के पॉलिटिक्स की कहानी सही सही दिखाई है. तो सच कहना बोल्ड स्टेप तो होता ही है. मैंने पहली बार इतना अलग सा परफॉर्म किया है. मेरे गाने में ही आप देख रहे हैं कि हलकट जवानी कितना अलग सा है. इससे पहले मैंने जो भी गाने मैंने छम्मक छल्लो किया है. जब वी मेट के गाने किये हैं. वे सारे के सारे क्लासी गाने हैं. लेकिन हलकट जवानी बोल्ड गाना है और किरदार से मेल खाता हुआ भी. तो इस लिहाज से हां, यह बोल्ड फिल्म है.

मधुर ने अपनी बातचीत में बताया कि जब उन्होंने फिल्म की कहानी की स्क्रिप्ट आपको दी तो आपने स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद उनसे कहा कि उन्होंने लगभग 80 प्रतिशत हकीकत दिखाई है. तो वैसे कौन कौन से पहलू थे कहानी के, जिन्हें पढ़ कर आपको लगा हां, यह तो सच ही दिखा रहे हैं?
मधुर जैसा की सभी जानते हैं. काफी रियलिस्टिक फिल्में बनाते हैं. वह काफी सेंशिबल हैं. लेकिन रियलिज्म को भी एंटरटेनिंग अंदाज में दर्शाते हैं तो जब उन्होंने मुङो स्क्रिप्ट दी और मैंने फिल्म में सारे लेयरड देखे. मतलब वे सारी परतें जो वाकई एक हीरोइन की जिंदगी से मेल खाती है. मधुर ने कहानी में फिल्म इंडस्ट्री की पॉलिटिक्स, यहां होनेवाले मैनिपुलेशन को दिखाया है. सच दिखाया है. यही कहूंगी तो मुङो लगा कि हां फिल्म हकीकत से बिल्कुल करीब है. बाकी 20 प्रतिशत तो फिल्म है तो कुछ ड्रामा के पुट तो होते ही हैं.
हिंदी सिनेमा की हर इंडस्ट्री को संघर्ष से गुजरना पड़ता है. लेकिन आप लकी रही हैं. आपके साथ कपूर खानदान का नाम जुड़ा है. लेकिन इस फिल्म में जिस तरह अभिनेत्री संघर्ष करती हैं. तो एक इंडस्ट्री में किसी अभिनेत्री का संघर्ष किस तरह का होता है.
वास्तविक जिंदगी में भी क्या आप महसूस करती हैं कि वैसे संघर्ष से गुजरना पड़ता है सबको.
मैं एक बात स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगी कि लोगों को ऐसा लग रहा है कि हम इस फिल्म में हीरोइन के स्ट्रगल को दिखायेंगे. स्मॉल टाउन गर्ल की स्टोरी होगी. फैशन जैसी स्टोरी होगी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं है इस फिल्म में. हम तो पहले शॉट्स से ही फिल्म में हीरोइन को सुपरस्टार दिखा रहे हैं. हम दिखा रहे हैं कि सुपरस्टार के साथ क्या हो सकता है क्या नहीं. टॉप पर पहुंचने पर और फिर वापस किसी सुपरस्टार के धरातल पर आने के बाद क्या  होता है. इसी के इर्द गिर्द घूमती है पूरी कहानी इस फिल्म की. जहां तक बात संघर्ष की है तो इंडस्ट्री में हर किसी को स्ट्रगल करना पड़ता है. स्ट्रगल का मतलब सिर्फ काम की तलाश नहीं है. खुद की जगह बनानी पड़ती है और खुद का पोजिशन बना कर उसे बरकरार रखना भी एक स्ट्रगल ही है. मैंने भी मेहनत की है और वह स्थान हासिल किया है तो कोई यह नहीं कह सकता कि मैंने स्ट्रगल नहीं किया है. दूसरी बात यह भी है कि एक अभिनेत्री को अधिक स्ट्रगल करना पड़ता है. चूंकि उसे कई बातों से जूझते हुए अपने पोजिशन पर पहुंचना पड़ता है.
करीना और फिल्म हीरोइन की माही अरोड़ा एक दूसरे से कितनी मिलती हैं
करीना कपूर और माही में बहुत अंतर है. करीना बिल्कुल माही की तरह की हीरोइन नहीं है, क्योंकि करीना सोच समझ कर निर्णय लेती हैं. बैलेंस्ड  है. लेकिन माही बहुत अग्रेसिव है और अगर माही ने सोच कर कर कुछ भी किया होता तो जो उनके साथ होता है वह नहीं होता. हालांकि मैं यही कहूंगी कि कई हीरोइनों की जिंदगी मिलती है माही से.
फिल्म के किरदार के लिए कोई खास रेफरेंस लिये ?
नहीं, यह फिल्म किसी एक व्यक्ति विशेष की कहानी नहीं है. मधुर व लेखक ने फिल्म में हॉलीवुड व बॉलीवुड दोनों जगहों की इंडस्ट्री की हीरोइनों के संदर्भ लिये हैं. और इन्हीं सभी से मिल कर माही अरोड़ा बनी है. और फिर जहां तक मुङो अपने किरदार की तैयारियों के लिए संदर्भ के बारे में सोचना था तो मैं यही कहूंगी कि मैं, मेरी मां बबीता, दीदी करिश्मा सभी इस इंडस्ट्री की हीरोइन हैं तो मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है. उन्होंने बताया है मुङो उस वक्त क्या होता था. अब क्या होता है. सो, मैंने उसी आधार पर तैयारी की. हीरोइन की जिंदगी से जुड़े कई पहलू लोग जानना चाहते हैं कि हीरोइन कैसे रहती हैं. क्यों नखरें दिखाती हैं. सबकुछ का जवाब आपको इस फिल्म में मिलेगा.
तो मां और दीदी की बातों से क्या लगता है हीरोइनों की स्थिति वर्तमान बॉलीवुड में कितनी बदली है.
मुङो लगता है अच्छे बदलाव हुए हैं. लोगों का नजरिया बदला है. अब छूट ज्यादा है. अलग तरह की फिल्में बनने लगी हैं अभिनेत्रियों को लेकर. लेकिन पॉलिटिक्स तो अभी भी है और किस तरह की होती है पॉलिटिक्स ये तो आपको फिल्म में देख कर ही पता चलेगा.
हीरोइन फिल्म पहले आपको, फिर ऐश्वर्य को फिर आपके पास आयी. एक फिल्मी कहानी की तरह रहा यह सब.
हां, बिल्कुल हीरोइन फिल्म फिल्म से पहले ही फिल्म बन गयी थी. दरअसल, मैं मधुर की फैन रही हूं. मधुर मेरे साथ पेज 3 करना चाहते थे. फैशन भी करना चाहते थे. उस वक्त डेट्स के प्रॉब्लम थे. हीरोइन पहले आयी थी तब भी डेट्स के प्रॉब्लम थे. लेकिन जब दोबारा आये तो मैंने हां कह दी. कहानी इतनी अच्छी थी. मेरी किस्मत में ही थी यह फिल्म.
करीना कपूर की लगातार हर नये चेहरे हर नयी अभिनेत्री से तूलना की जाती है. करीना बनाम दूसरी अभिनेत्री. इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है.
ये हीरोइन की जिंदगी का पार्ट है. खुशी मुङो इस बात की है कि मेरी तूलना होती है. अच्छी बुरी. लेकिन मैंने अपना स्थान बना लिया है. इसलिए करीना बनाम दूसरा नाम आता है. मतलब मैं स्थापित हो गयी हूं. मुङो बस लोग एक्टर के रूप में देखें और चाहें. एक्टिंग का शौक है, वही करने आयी हूं. फिर तूलना होना तो लाजिमी ही है.
एक हीरोइन के लिए खूबसूरत होना कितना अहम है. क्या खूबसूरती ही उनकी सफलता का पहला पहलू है?
नहीं. सिर्फ खूबसूरती नहीं. मेरा ख्याल है. अभिनय भी. आपका परसेप्शन भी. लेकिन हां, ये जरूर कहूंगी कि एक अभिनेत्री को खुद में खूबसूरत दिखना पसंद होता है. हर लड़की चाहती है कि वह सुंदर दिखे. मेरी भी कोशिश होती है मैं खूबसूरत दिखूं.फिट रहूं. लोग मेरे काम की तारीफ करें. मैगजीन के कवर पेज पर आना अच्छा लगता है. लेकिन हां मैं मैगजीन के कवर पर आने के लिए कुछ भी नहीं कर सकती आखिर मैं कपूर खानदान की हीरोइन हूं.
और अगर अफवाहों और गॉसिप की बात हो तो. हीरोइन की जिंदगी से गॉसिप की क्या अहमियत है?
हां, यह सच है कि हीरोइन की जिंदगी में गॉसिप रहते ही हैं. हीरोइन क् या हर सेलिब्रिटी की जिंदगी में होता है. लेकिन मैं कपूर खानदान की हूं. मैं रियेक्ट करना हर बात पर सही नहीं समझती. मुङो पता है कि मेरे परिवार का नाम जुड़ा है मेरे साथ. सो मेरे हर कदम पर नजर होगी लोगों को. मैं अफवाहों पर ध्यान नहीं देती. सभी अपना काम कर रहे हैं. मीडिया का भी यह काम का हिस्सा ही है. तो कहें उन्हें जो कहना है.
फिल्म हीरोइन में अगर आपको मौका मिलता तो आप किस अभिनेत्री के साथ स्क्रीन शेयर करना पसंद करतीं.
अपनी बहन करिश्मा के साथ क्योंकि मैं अपनी मां और बहन को ही अपना आदर्श मानती हूं और कभी मौका मिला तो इन्हीं दो हीरोइनों के साथ फिल्में करना चाहूंगी.

जन्मदिन पर विशेष
मैं अपने जन्मदिन पर सभी प्रशंसकों और प्रभात खबर के पाठकों का शुक्रिया अदा करना चाहती हूंं कि सभी ने मुङो इतना प्यार दिया और मैं अपने करियर में इतनी जल्दी सफल हुई. और जन्मदिन के अवसर पर हीरोइन जैसी फिल्म रिलीज हो रही है. मेरे लिए यह फिल्म इसलिए भी खास है. क्योंकि यह फिल्म मेरे जन्मदिन के अवसर पर रिलीज हो रही है. ऐसा लग रहा है मैंने ड्रीम रोल निभा लिया है. यह किरदार अब तक का बेस्ट किरदार है. आप इस फिल्म में जिस करीना को देखेंगे. अब तक आपने नहीं देखा होगा. जब वी मेट से भी खास है यह फिल्म मेरे लिए. इसका किरदार. मैंने फिल्म में 200 प्रतिशत मेहनत की है. छोटे बजट की फिल्म है, अगर दर्शकों को फिल्म पसंद आ जाती है  और 100 करोड़ क्लब में नहीं भी पहुंचती है तो मैं कहूंगी कि मेरा मकसद पूरा हुआ. तो मेरी जन्मदिन का यह अहम तोहफा दर्शक मुङो जरूर देंगे. उम्मीद है. आप इस कपूर बेटी को यूं ही प्यार देते रहें.
आप सबको प्यार
आपकी प्यारी बेबो


बहन करिश्मा की तरफ से  करीना को बधाई
बेबो मेरा पहला बच्चा है. मैं उससे बेहद प्यार करती हूं. मुङो बहुत गुस्सा आता है. जब मुझसे कोई कहता है कि मुङो बेबो से जलन नहीं होती. कोई अपने बच्चे से जलता है भला. मैं तो उसी वक्त मां बन गयी थी. जब बेबो का जन्म हुआ था. मेरी शुभकामना हमेशा उसके साथ है. वह खूब तरक्की करें. लॉट्स ऑफ लव बेबो..

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