20130629

लता के साथ गाने का है सपना


श्रेया घोषाल वर्तमान में हिंदी फिल्मों की लोकप्रिय गायिकाओं में से एक हैं. वे खुद एक रियलिटी शो के माध्यम से आयी थीं और यही कारण है कि अपनी तमाम व्यस्तताओं के बावजूद श्रेया रियलिटी शो का हाथ हमेशा थामी रहती हैं. वे इन दिनों सोनी टीवी पर जूनियर इंडियन आइडल में जज की भूमिका में नजर आ रहंी हैं. पेश है उनके गानों और इंडियन आयडल से जुड़ी बातचीत पर मुख्य अंश

त्रश्रेया, आप पहले हमेशा मीडिया से बातें करती रहती थीं. लेकिन जैसे जैसे आपकी लोकप्रियता बढ़ी है आप मीडिया से कटती जा रही हैं?
नहीं ऐसी बात नहीं है. हां, आज कल इंटरव्यूज कम हो पाते हैं. चूंकि वक्त नहीं मिलता. इन दिनों सुबह से शाम स्टूडियोज के ही चक्कर लगते रहते हैं और यही वजह है कि मुझे बाकी काम के लिए फुर्सत नहीं मिल पाती. मैं तो परिवार के साथ भी बहुत वक्त नहीं गुजार पाती. लेकिन शुक्र है बिजी हूं. वह जरूरी है. दूसरी बात यह है कि मैं हमेशा अपनी फिल्मों के बारे में दर्शकों को कितना बताऊं. मुझे लगता है कि सही समय पर बातें हो तो अच्छा है.

त्रइतने बिजी शेडयूल के बीच भी रियलिटी शो की जज की भूमिका. कैसे मैनेज करेंगी?
रियलिटी शो मेरे जीवन का खास हिस्सा है, क्योंकि इसी शो की वजह से मुझे पहचान मिली. मैंने अपनी शुुरुआत रियलिटी शो के माध्यम से ही की थी. इंडियन आयडल का प्लैटफॉर्म हमेशा एक बड़ा प्लैटफॉर्म रहा है. चूंकि इससे नये लोगों को मौके मिले हैं. जूनियर आयडल एक नया कांसेप्ट है तो मैं कैसे इसे न कह सकती थी.

त्रजूनियर आयडल में क्या खास होगा?
आपने अपना टैगलाइन तो देखा ही होगा कि गाने का वही अंदाज अब बच्चों की आवाज में. मैं आपसे यह बात शेयर करना चाहूंगी कि पूरे भारत में हमें इतने शानदार होनहार बच्चे मिले हैं, जिनकी आवाज सुन कर मेरे रोंगटे खड़े हो जाते थे कि आखिर ये लोग कहां से आये हैं. मां सरस्वती साक्षात उनकी आवाज में हैं. ऐसे बच्चों को अगर कोई बड़ा प्लैटफॉर्म मिलता है तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है. हमने इस बार आयडल में एक ख्याल रखा है कि वैसे कोई भी गाने जिसमें डबल मीनिंग शब्द हैं, वैसे गानों को हमने प्रतिबंध कर रखा है. हम चाहते हैं कि इस प्लैटफॉर्म के माध्यम से एक नयी फनकार मिले इस इंडस्ट्री को.

त्रहर साल कई रियलिटी शोज होते हैं. ेलकिन कुछ दिनों की लोकप्रियता के बाद न तो वे चेहरे और न ही वे नाम याद रह जाते हैं. फिर ऐसे रियलिटी शोज का क्या फायदा?
यह सवाल लगभग हर साल किया जाता रहा है. लेकिन मैं यह नहीं मानती. आप यह देखें न कि जो बच्चे सेलेक्ट होते हैं. उन पर कितनी मेहनत की जाती है. उन्हें उन हफ्तों में कितने बेहतरीन गुरु मिलते हैं, नयी दुनिया मिलती है. खुद को परफॉर्म करने का अंदाज मिलता है. ऐसे कितने बच्चे हैं जिनके मां बाप उन्हें मौके नहीं िदला पाते, क्योंकि उनके पास पैसे नहीं होते. ऐसे में अगर बच्चों को रियलिटी शोज का मंच मिलता है तो इसके बाद रास्ते आसान हो जाते हैं. ऐसा मैं मानती हूं.

त्रश्रेया आप बचपन में किस तरह की सिंगर थी. गाने आपको जल्दी याद हो जाते थे या नहीं?
मैं बहुत भूल कर टाइप की लड़की हूं. मैं पढ़ाई में बहुत ज्यादा चीजों को याद नहीं रख पाती थी. लेकिन न जाने गाने के बोल कैसे याद रह जाते थे. मैं गानों को जल्दी याद कर लेती थी. और शायद इसलिए मैं आज सिंगर हूं. आज भी मैं अपना रियाज जारी रखती हूं. चूंकि मुझे लगता है कि जो मैंने सीखा है वह भूल न जाऊं. मेमोरी शार्प नहीं है. इसलिए. सो मैं अपना रियाज जारी रखती हूं.

त्रइन दिनों लगभग हर फिल्मों में आपके गाने उपस्थित होते ही हैं. तो लगता है कि हां, अब नाम स्थापित कर लिया. सपना पूरा कर लिया?
हां, खुशी होती है कि जितनी मेहनत करती हूं. लोगों तक वह सब पहुंच पा रहा है. लेकिन कभी कभी दुख भी होता है. इन दिनों कुछ म्यूजिक निर्देशक हैं, जो आपके गानों के साथ सही तरीके से न्याय नहीं कर पाते. तब लगता है कि जो मेहनत की थी वह बर्बाद हो गयी. लेकिन इसके बावजूद मुझे खुशी है कि अब गाने मुझे ध्यान में रख कर लिखे जाने लगे हैं.जहां तक सपने की बात है तो मेरा सपना तभी पूरा होगा, जब कभी लताजी के साथ गाने का मौका मिलेगा. वह मेरी आदर्श हैं और हमेशा रहेंगी. जब वह तारीफ करती हैं तो लगता है कि मुझे सबकुछ मिल गया.

त्रकरियर के इस मुकाम पर आकर अब क्या आप गानों को न भी कह पाती हैं. या यूं कहें तो क्या कुछ तय कर रखा है कि ऐसे गाने नहीं गाने हैं?
 हां, बिल्कुल मुझे लगता है कि अब जो मेरी छवि बन चुकी है. मुझे बुजुर्ग भी  पसंद करते हैं. कोई गाना गाओ और बाद में लोगों को पता चलता है कि श्रेया ने गाया है और जब वह कहते हैं कि छी श्रेया ने कैसा गाया है तो लगता है मेहनत पानी में मिल गयी. सो, मैं अब गानों को लेकर चूजी हो गयी हूं. 

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