20130629

दोस्ती और प्यार की तलाश


 जिया खान को लेकर लगातार आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली पर उंगलियां उठाई जा रही हैं. वे लगातार शक के घेरे में है. चूंकि जिया के वे करीबी दोस्तों में से एक थे और जिया के मोबाइल में सूरज का नाम ही आखिरी डायल नंबरों में से एक था. इस बारे में शोभा डे ने भी अपने कॉलम में लिख डाला है कि आदित्य पंचोली के बेटे ने अपने पिता की तरह की ही हरकतें की है. दरअसल, आदित्य पंचोली की छवि हमेशा साफ सुथरी नहीं रही है. वे भी कई तरह के अफेयर व कई खबरों से जुड़े रहे हैं. सो, शोभा ने जैसा बाप वैसा बेटा वाले तर्क पर दोनों को लथाड़ा है. दरअसल, यह हकीकत भी है कि कई बार अपने माता पिता की परवरिश का सीधा असर उनके बच्चों पर भी होता है. हालांकि सुनील दत्त साहब की छवि बेहद साफ थी और वे हमेशा फक्र से जीने वाले इंसान रहे. लेकिन संजू शुरुआती दौर से ही बुरी संगत में रहने के कारण बिगड़ गये. लेकिन जहां तक बात है सूरज पंचोली की तो वे उन रयिश माता पिता की बिगड़ी औलाद में से हैं, जिनके लिए रिश्तों की खास अहमियत नहीं होती. हालांकि उन्होंने कहा है कि जिया की मौत के जिम्मेदार वे नहीं, वे दोनों सिर्फ अच्छे दोस्त थे. लेकिन जिया जिस दौर से गुजर रही थी, उसमें अगर सूरज का साथ उन्हें मिला था तो वे उसे ही खास दोस्ती समझ बैठी होंगी. यह अलग बात है कि मुंबई में हर दिन रिश्तों का इक्वेशन बदलता रहता है. जिया की मौत का कारण उनकी तन्हाई भी थी. अगर उन्हें अच्छे दोस्त का साथ मिला होता तो शायद वे मौत का रास्ता नहीं चुनती. दरअसल, यह इंडस्ट्री दोस्ती के नहीं आर्थिक स्थिति के आधार पर रिश्तें तय करती है.आज सूरज खुद को इस बात से अलग कर रहे हैं. लेकिन वक्त रहते अगर उन्होंने दोस्ती निभाई होती तो शायद 25 साल की जिया आज जिंदा रह सकती थीं. 

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