इन दिनों नये गायक गायिकाओं को फिल्मों में काफी मौके मिल रहे हैं. किसी दौर में एक फिल्म के सारे गाने किसी एक ही गायक या गायिका गाया करती थीं. लेकिन जैसे जैसे हिंदी फिल्मों ने अपना रूप और कलेवर बदला है. हिंदी सिनेमा जगत में गायिकी के क्षेत्र में भी काफी बदलाव आ गये हैं. अब हर फिल्म में नये नाम सामने आ रहे हैं. यह एक सकारात्मक बदलाव है. चूंकि इससे कई नये लोगों को पहचान मिल रही है. फिल्म आशिकी 2 के लगभग सभी गाने काफी लोकप्रिय हुए हैं और इन गानों को आवाज दी है अरजित सिंह ने. अरजित सिंह फेम गुरुकूल की खोज हैं. अरजित सिंह इन दिनों ये जवानी है दीवानी के गानों से भी लोकप्रिय हो रहे हैं. भले ही इस गाने के पीछे की आवाज को लोग न जानते हों, लेकिन उनकी आवाज से दर्शक और श्रोता वाकिफ हो रहे हैं. कुछ ऐसी ही गायिका हैं कविता शेठ . कविता ने हाल ही में बांबे टॉकीज के एक गीत में अपनी आवाज दी. कॉकटेल फिल्म का गाना तुम ही हो बंधूं... भी काफी लोकप्रिय रहा. इस साल प्लेबैक का फिल्मफेयर अवार्ड शलमाली कोलगड़े को फिल्म इशकजादे के लिए दिया गया. जब तक हैं जान जैसी फिल्म में भी हरशदीप कौर द्वारा गाया गीत हीर काफी लोकप्रिय रहा. दरअसल, हकीकत यही है कि इन दिनों नये टैलेंट्स को काफी मौके मिल रहे हैं. हालांकि इससे पुराने दौर के म्यूजिक निर्देशक सही नहीं मानते. लेकिन मेरा मानना है कि किसी भी फिल्म में अगर 10 गाने हंैं और 10 गाने अलग अलग सिंगर द्वारा गाया जा रहा है तो इससे नयी प्रतिभाओं को मौका मिलता है और किसी एक सिंगर का एकाधिकार नहीं होता. जैसा पहले कभी होता था. किसी दौर में कई सिंगर ने अपनी मोनोपली चलायी. लेकिन अब दौर बदला है. बस एक इतनी ही रह गयी है कि अगर सिंगर का नाम भी फिल्म के क्रेडिट में शामिल कर लिया जाये तो उन्हें पूरा अधिकार मिलेगा.
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20130629
नये लोग नयी आवाज
इन दिनों नये गायक गायिकाओं को फिल्मों में काफी मौके मिल रहे हैं. किसी दौर में एक फिल्म के सारे गाने किसी एक ही गायक या गायिका गाया करती थीं. लेकिन जैसे जैसे हिंदी फिल्मों ने अपना रूप और कलेवर बदला है. हिंदी सिनेमा जगत में गायिकी के क्षेत्र में भी काफी बदलाव आ गये हैं. अब हर फिल्म में नये नाम सामने आ रहे हैं. यह एक सकारात्मक बदलाव है. चूंकि इससे कई नये लोगों को पहचान मिल रही है. फिल्म आशिकी 2 के लगभग सभी गाने काफी लोकप्रिय हुए हैं और इन गानों को आवाज दी है अरजित सिंह ने. अरजित सिंह फेम गुरुकूल की खोज हैं. अरजित सिंह इन दिनों ये जवानी है दीवानी के गानों से भी लोकप्रिय हो रहे हैं. भले ही इस गाने के पीछे की आवाज को लोग न जानते हों, लेकिन उनकी आवाज से दर्शक और श्रोता वाकिफ हो रहे हैं. कुछ ऐसी ही गायिका हैं कविता शेठ . कविता ने हाल ही में बांबे टॉकीज के एक गीत में अपनी आवाज दी. कॉकटेल फिल्म का गाना तुम ही हो बंधूं... भी काफी लोकप्रिय रहा. इस साल प्लेबैक का फिल्मफेयर अवार्ड शलमाली कोलगड़े को फिल्म इशकजादे के लिए दिया गया. जब तक हैं जान जैसी फिल्म में भी हरशदीप कौर द्वारा गाया गीत हीर काफी लोकप्रिय रहा. दरअसल, हकीकत यही है कि इन दिनों नये टैलेंट्स को काफी मौके मिल रहे हैं. हालांकि इससे पुराने दौर के म्यूजिक निर्देशक सही नहीं मानते. लेकिन मेरा मानना है कि किसी भी फिल्म में अगर 10 गाने हंैं और 10 गाने अलग अलग सिंगर द्वारा गाया जा रहा है तो इससे नयी प्रतिभाओं को मौका मिलता है और किसी एक सिंगर का एकाधिकार नहीं होता. जैसा पहले कभी होता था. किसी दौर में कई सिंगर ने अपनी मोनोपली चलायी. लेकिन अब दौर बदला है. बस एक इतनी ही रह गयी है कि अगर सिंगर का नाम भी फिल्म के क्रेडिट में शामिल कर लिया जाये तो उन्हें पूरा अधिकार मिलेगा.
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