20130108

चोली के पीछे से पल्लू के नीचे तक



इन दिनों पॉप सिंगर हनी सिंह को लेकर विवाद है. लोगों का मानना है कि वे अपने गानों में अश्लील शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं और लोगों में उत्तेजना फैला रहे हैं. सो, उन्हें गाने से रोकना चाहिए. हाल ही में हनी सिंह का जो गीत काफी लोकप्रिय हुआ है. उनमें वाकई कई अश्लील शब्द हैं. लेकिन हनी सिंह वह पहले शख्स नहीं, जिन्होंने अपने गीतों में द्विअर्थी शब्दों व अश्लील शब्दों का इस्तेमाल किया है. भारतीय सिनेमा में पिछले कई सालों से यह प्रचलन चला आ रहा है. लेकिन लोकप्रिय हो रहे ये सारे गाने लोगों को अत्यंत प्रिय और कर्णप्रिय लगते हैं. फिर ऐसे में केवल हनी सिंह पर तोहमत लगाना या उंगली उठाना कहां तक उचित है.गौर करें तो पिछले कई सालों से लगातार हिंदी फिल्मों के आयटम सांग में ऐसे उत्तेजक शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा. अश्लील शब्दों का लगातार इस्तेमाल किया जा रहा है. फिर चाहे वह हाल ही में रिलीज हुई फिल्म दबंग के आयटम सांग हों या पल्लू के नीचे छुपा कर रखा है हो. फिल्म खलनायक के गीत चोली के पीछे से अब यह दौर पल्लू के नीचे तक आ पहुंचा है. लेकिन लोग उसे न केवल पूरे परिवार के साथ सुन रहे हैं. बल्कि उनकी तरफ लोगों का ध्यान भी नहीं गया है. शायद यह आज की तकनीक का कमाल है कि संगीत इतना लाउड होता है कि हम शब्दों को समझ ही नहीं पाते कि वे क्या शब्द हैं. फास्ट फूड के दौर में शायद हनी सिंह भी बच जाते. अगर फिलवक्त गैंगरेप का मामला इतना गर्म न होता. वरना, आज किसे इतनी फिक्र है, जो इस पर गौर करें. केवल हिंदी फिल्में ही नहीं. भोजपुरी गानों में आधे दर्जन गाने अश्लील ही होते हैं. लेकिन न तो इस पर कोई उंगली उठाई जा रही है और न ही लोगों का इस तरह पर ध्यान जा रहा है. भोजपुरी सिनेमा अश्लीलता के साथ भलिभांति फल फूल रहा है. ऐसे में केवल किसी व्यक्ति विशेष पर आरोप लगाना उचित नहीं

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