अभिनव कश्यप की बहुचर्चित फिल्म बेशरम का फर्स्ट लुक जारी कर दिया गया है. जारी किये गये पोस्टर में इस बात की भी सूचना थी कि फिल्म की शूटिंग जारी किये गये पोस्टर वाले दिन से शुरू हो रही है. यशराज फिल्म्स की रणवीर सिंह व अर्जुन कपूर अभिनीत फिल्म गुंडे के फर्स्ट लुक पोस्टर में इस बात की जानकारी दी गयी कि शूटिंग शुरू हो चुकी है. कुछ दिनों पहले साजिद खान ने अपनी फिल्म हिम्मतवाला का भी पोस्टर जिस दिन लांच किया. उस दिन इस बात की घोषणा की कि अभी फिल्म की शूटिंग शुरू होने में वक्त है. दरअसल, हिंदी सिनेमा में इन दिनों फिल्मों की मार्केटिंग इस कदर फिल्म मेकिंग पर हावी है कि फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले. या यूं कहें कि फिल्म के विषय फिल्मकार के जेहन में आने से पहले सार्वजनिक रूप से उसका शोर शराबा शुरू हो जाता है. पहले जहां निर्देशकों और निर्माताओं की कोशिश होती थी कि वे फिल्म के पोस्टर, उनके नाम को गुप्त रखें. अब निर्माता या प्रोडक् शन कंपनी इस कदर तेज रफ्तार में है कि वे शूटिंग से पहले पोस्टर रिलीज कर दे रहे हैं. जबकि दादा साहेब फाल्के ने लिखा है कि किसी भी फिल्म का पोस्टर पूरी फिल्म का चेहरा होता है और वह चेहरा तभी तैयार होता है. जब पूरी फिल्म बन कर तैयार हो जाये. पुराने दौर में निर्देशक पोस्टर बनाने की तैयारी सबसे अंत में करते थे. राजकपूर मानते थे कि पोस्टर सिनेमा के विषय के मूड के अनुसार ही होना चाहिए. लेकिन आज दौर या तो रफ्तार में है या फिर उल्टे समीकरण पर चल रहा है.यहां फिल्म की शूटिंग से पहले फिल्म का पोस्टर जारी कर दिया जा रहा है. यह दर्शाता है कि वर्तमान में फिल्मकार भी अपने विषय से अधिक दिखावे में विश्वास करते हैं और धीरे धीरे यह ट्रेंड और बढ़ेगा. प्रतियोगिता की होड़ में फिल्म का दिल कहीं खो सा गया है.
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20130108
बेपरदा होते पोस्टर्स
अभिनव कश्यप की बहुचर्चित फिल्म बेशरम का फर्स्ट लुक जारी कर दिया गया है. जारी किये गये पोस्टर में इस बात की भी सूचना थी कि फिल्म की शूटिंग जारी किये गये पोस्टर वाले दिन से शुरू हो रही है. यशराज फिल्म्स की रणवीर सिंह व अर्जुन कपूर अभिनीत फिल्म गुंडे के फर्स्ट लुक पोस्टर में इस बात की जानकारी दी गयी कि शूटिंग शुरू हो चुकी है. कुछ दिनों पहले साजिद खान ने अपनी फिल्म हिम्मतवाला का भी पोस्टर जिस दिन लांच किया. उस दिन इस बात की घोषणा की कि अभी फिल्म की शूटिंग शुरू होने में वक्त है. दरअसल, हिंदी सिनेमा में इन दिनों फिल्मों की मार्केटिंग इस कदर फिल्म मेकिंग पर हावी है कि फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले. या यूं कहें कि फिल्म के विषय फिल्मकार के जेहन में आने से पहले सार्वजनिक रूप से उसका शोर शराबा शुरू हो जाता है. पहले जहां निर्देशकों और निर्माताओं की कोशिश होती थी कि वे फिल्म के पोस्टर, उनके नाम को गुप्त रखें. अब निर्माता या प्रोडक् शन कंपनी इस कदर तेज रफ्तार में है कि वे शूटिंग से पहले पोस्टर रिलीज कर दे रहे हैं. जबकि दादा साहेब फाल्के ने लिखा है कि किसी भी फिल्म का पोस्टर पूरी फिल्म का चेहरा होता है और वह चेहरा तभी तैयार होता है. जब पूरी फिल्म बन कर तैयार हो जाये. पुराने दौर में निर्देशक पोस्टर बनाने की तैयारी सबसे अंत में करते थे. राजकपूर मानते थे कि पोस्टर सिनेमा के विषय के मूड के अनुसार ही होना चाहिए. लेकिन आज दौर या तो रफ्तार में है या फिर उल्टे समीकरण पर चल रहा है.यहां फिल्म की शूटिंग से पहले फिल्म का पोस्टर जारी कर दिया जा रहा है. यह दर्शाता है कि वर्तमान में फिल्मकार भी अपने विषय से अधिक दिखावे में विश्वास करते हैं और धीरे धीरे यह ट्रेंड और बढ़ेगा. प्रतियोगिता की होड़ में फिल्म का दिल कहीं खो सा गया है.
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