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प्रयोगात्मक निर्देशकों का दौर


Orginally published in prabhat khabar date 8jan2012
यशराज फिल्म्स ने हाल ही में दिबाकर बनर्जी से हाथ मिलाया है. तीन फिल्मों के इस अनुबंध में तय किया गया है कि  दिबाकर बनर्जी यशराज की तीन फिल्में निर्देशित करेंगे. दिबाकर बनर्जी अपनी तरह की फिल्मों के लिए जाने जाते रहे हैं. उन्होंने लव सेक्स धोखा, खोसला का घोसला और हाल ही में प्रदर्शित हुई फिल्म शांघाई का निर्देशन किया है. इनमें से कोई भी फिल्म यशराज बैनर की फिल्मों के स्वभाव से मेल नहीं खाती. लेकिन इसके बावजूद यशराज ने दिबाकर को अपनी टीम में शामिल किया है. इससे स्पष्ट है कि अब यशराज भी अपनी बनी बनाई छवि को तोड़ना चाहता है. यशराज की भी इच्छा है कि वह प्रयोगात्मक फिल्में करें. यही नहीं यशराज ने शेखर कपूर के साथ भी पानी फिल्म बनाने के लिए हामी भरी है. हिंदी सिनेमा जगत में यह उम्मीद की नयी किरण है कि घोर मसाला व डांस गाने वाली फील गुड फिल्में बनानेवाला प्रोडक् शन हाउस अचानक प्रयोगात्मक फिल्मों की तरफ रुख कर रहा है. यशराज ने पिता यश चोपड़ा की मृत्यु के बाद आदित्य चोपड़ा ने एक साथ कई फिल्मों की घोषणा की है. दरअसल, यशराज भी इस नये बयार को अच्छी तरह समझ रहा है कि वर्तमान में लीक से हटकर की गयी चीजें ही दर्शकों तक पहुंच सकती हैं. कर्मशियल सक्सेस की यह नयी कूंजी है. जिसे अपनाने में अब यशराज परहेज नहीं कर रहा. किसी दौर में अनुराग कश्यप की एक फिल्म से जुड़ने से मना कर दिया था यशराज ने. लेकिन अब वह उनके सरीके निर्देशकों को प्रोत्साहित कर रहा है. सिर्फ यशराज ही नहीं करन जौहर जैसे निर्माता भी अनुराग कश्यप के साथ फिल्म निर्माण करना चाहते हैं. स्पष्ट है कि निर्देशकों का दौर फिर से लौट रहा है, यही वक्त है जब प्रतिभाएं अपना कमाल दिखा दें. नयी सोच और हिम्मत वाली सोच का दौर लौट रहा है. सकारात्मक संकेत हैं

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