फिल्म गैंग्स आॅफ वासेपुर का फैजल खान यानी नवाजुद्दीन सिद्दकी इन दिनों हर तरफ नजर आ रहे हैं. फिल्मी समारोह में. अवार्ड फंक् शन में, उन्हें बकायदा विशेष अतिथि के रूप में बुलाया जा रहा है और वह शिरकत भी कर रहे हैं. आगामी 12 अक्तूबर को रिलीज हो रही फिल्म चित्तागांग में भी वे महत्वपूर्ण भूमिका में हैं. तलाश, मिस लवली, देख इंडिया का सर्कस में भी वे मुख्य भूमिकाओं में हैं. अमिताभ से लेकर गुजरे जमाने के लोकप्रिय कलाकार नवाजुद्दीन की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. स्पष्ट है कि बॉलीवुड के भविष्य में नवाजुद्दीन का नाम दर्ज हो चुका है. लोग नवाजुद्दीन की यह कामयाबी देख कर शायद यह अनुमान लगाते होंगे कि इन दिनों हर तरफ उनकी कितनी धूम है. वे कितने लोकप्रिय हैं. मुजफ्फरनगर जिले के बुढ़ाना गांव की लाल मिट्टी वाली कच्ची सड़क से मुंबई की मायानगरी के रेड कार्पेट तक पहुंचने में नवाजुुद्दीन ने कई उतार चढ़ाव को देखा है. हिंदी सिनेमा में वर्तमान में उन्हें आनेवाले समय का स्थापित और सबसे वर्सेटाइल अभिनेताओं में से एक माना जा रहा है. सामान्य सी कद काठीवाले नवाजुद्दीन ने फिर से साबित कर दिया है कि आज कॉमर्शियल सिनेमा के दौर में भी उनके जैसे अभिनेता आकर अपना जादू बिखेर सकते हैं. किसी गांव की गलियों से आकर बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करना एक बड़ी उपलब्धि है. जिस गांव से वे हैं. वहां बिजली कई सालों बाद आयी. आज भी वहां बिजली की सुव्यवस्था नहीं है. लेकिन इन तमाम बातों के बावजूद लड़ते संघर्ष करते नवाजुद्दीन ने अपनी जगह बनायी. हिंदी सिनेमा जगत में ऐसी कम ही हस्तियां हैं, जिन्होंने गांव से आकर अभिनय के क्षेत्र में अपने बलबुते एक मुकाम हासिल किया है. विद्या बालन की तरह नवाजुद्दीन आज भी इस कदर लोकप्रिय होने के बावजूद धरातल पर हैं. वे सौम्य व्यवहार के हैं और लोगों से बेहद विनम्रता से मिलते हैं. शायद उनकी यही कला उन्हें फिल्मों की बाहरी दुनिया में भी लोकप्रिय बना कर रखेगी. साथ ही उनकी मेहनत व लगन उनकी फिल्मों के किरदारों में नजर आयेगी. दरअसल, हिंदी सिनेमा में अगर हम रणबीर कपूर की अदाकारी और उनके अभिनय में आये निखार की चर्चा करते हैं तो हमें नवाजुद्दीन सिद्दकी जैसे कलाकारों की मेहनत को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. ऐसे कलाकारों के बारे में भी बार बार लिखा जाना चाहिए. ताकि इनका भी मनोबल बढ़े. चूंकि इन्होंने भी कठिन रास्ते इख्तियार कर यह मंंजिल हासिल की है.
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20121015
लाल मिट्टी से रेड कार्पेट तक नवाजुद्दीन
फिल्म गैंग्स आॅफ वासेपुर का फैजल खान यानी नवाजुद्दीन सिद्दकी इन दिनों हर तरफ नजर आ रहे हैं. फिल्मी समारोह में. अवार्ड फंक् शन में, उन्हें बकायदा विशेष अतिथि के रूप में बुलाया जा रहा है और वह शिरकत भी कर रहे हैं. आगामी 12 अक्तूबर को रिलीज हो रही फिल्म चित्तागांग में भी वे महत्वपूर्ण भूमिका में हैं. तलाश, मिस लवली, देख इंडिया का सर्कस में भी वे मुख्य भूमिकाओं में हैं. अमिताभ से लेकर गुजरे जमाने के लोकप्रिय कलाकार नवाजुद्दीन की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. स्पष्ट है कि बॉलीवुड के भविष्य में नवाजुद्दीन का नाम दर्ज हो चुका है. लोग नवाजुद्दीन की यह कामयाबी देख कर शायद यह अनुमान लगाते होंगे कि इन दिनों हर तरफ उनकी कितनी धूम है. वे कितने लोकप्रिय हैं. मुजफ्फरनगर जिले के बुढ़ाना गांव की लाल मिट्टी वाली कच्ची सड़क से मुंबई की मायानगरी के रेड कार्पेट तक पहुंचने में नवाजुुद्दीन ने कई उतार चढ़ाव को देखा है. हिंदी सिनेमा में वर्तमान में उन्हें आनेवाले समय का स्थापित और सबसे वर्सेटाइल अभिनेताओं में से एक माना जा रहा है. सामान्य सी कद काठीवाले नवाजुद्दीन ने फिर से साबित कर दिया है कि आज कॉमर्शियल सिनेमा के दौर में भी उनके जैसे अभिनेता आकर अपना जादू बिखेर सकते हैं. किसी गांव की गलियों से आकर बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करना एक बड़ी उपलब्धि है. जिस गांव से वे हैं. वहां बिजली कई सालों बाद आयी. आज भी वहां बिजली की सुव्यवस्था नहीं है. लेकिन इन तमाम बातों के बावजूद लड़ते संघर्ष करते नवाजुद्दीन ने अपनी जगह बनायी. हिंदी सिनेमा जगत में ऐसी कम ही हस्तियां हैं, जिन्होंने गांव से आकर अभिनय के क्षेत्र में अपने बलबुते एक मुकाम हासिल किया है. विद्या बालन की तरह नवाजुद्दीन आज भी इस कदर लोकप्रिय होने के बावजूद धरातल पर हैं. वे सौम्य व्यवहार के हैं और लोगों से बेहद विनम्रता से मिलते हैं. शायद उनकी यही कला उन्हें फिल्मों की बाहरी दुनिया में भी लोकप्रिय बना कर रखेगी. साथ ही उनकी मेहनत व लगन उनकी फिल्मों के किरदारों में नजर आयेगी. दरअसल, हिंदी सिनेमा में अगर हम रणबीर कपूर की अदाकारी और उनके अभिनय में आये निखार की चर्चा करते हैं तो हमें नवाजुद्दीन सिद्दकी जैसे कलाकारों की मेहनत को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. ऐसे कलाकारों के बारे में भी बार बार लिखा जाना चाहिए. ताकि इनका भी मनोबल बढ़े. चूंकि इन्होंने भी कठिन रास्ते इख्तियार कर यह मंंजिल हासिल की है.
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