1 अक्तूबर को आशा पारेख ने अपनी जिंदगी के 70वें बसंत का जश्न मनाया. अपने 70 वें जन्मदिन पर आशा ने खास कार्यक्रम का आयोजन किया था. जिसमें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के गोल्डन दौर के लगभग वे सभी सितारें मौजूद थे, जो आज भी जीवित हैं और जिन्होंने आशा के साथ काम किया है. अमिताभ बच्चन-जया बच्चन, अरुणा ईरानी, हेलेन, शायरा बानो, शम्मी जी, मंसूर खान, यश चोपड़ा, आश भोंसले, आमिर खान का पूरा परिवार वहां मौजूद था. चूंकि आमिर के वालिद नासिर खान ने ही फिल्म दिल देके देखो से वर्ष 1959 में आशा पारेख को पहला ब्रेक दिया था. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अभी लंबे अरसे के बाद किसी पार्टी में सभी पुराने दौर के लोग मिले. दरअसल, यह दर्शाता है कि इतने लंबे अरसे में भी आशा सबकी पसंदीदा व्यक्तित्व में से एक रही हैं. आशा को उस दौर में भी सुपरसितारा अभिनेत्री की उपाधि भले न मिली हो. लेकिन उन्होंने अपने दौर में लगभग उस दौर के हर सुपरसितारा कलाकार के साथ काम किया. शायद आज के दौर में जिस तरह खान्स की हीरोइन बनने की वजह से करीना कपूर व कट्रीना कैफ की गिनती सुपरसितारा अभिनेत्री में होती है. उस दौर में उस आधार पर आशा भी सुपरसितारा हैसियत रखतीं. लेकिन हकीकत यह है कि उस दौर में अभिनेत्रियों ने कभी पुरुषों के कंधे पर रखी कामयाबी को तवज्जो नहीं दी. नरगिस, नूतन, मधुबाला, मीना कुमारी, हेमा मालिनी, रेखा जैसी सभी अभिनेत्रियां सुपरसितारा बनीं. कुछ इसी तरह उस दौर में फिल्म तीसरी मंजिल, दिल देके देखो, कटी पतंग जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में आशा ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया था. आशा के फेशियल एक्सप्रेशन हमेशा उनकी सबसे बड़ी खूूबी रहे. लेकिन इसके बावजूद कि उन्हें बेहद लाइमलाइट नहीं मिलती. वे अपने जीवन से संतुष्ट हंै, अपनी नाम की तरह ही वे आशावादी रहीं.
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20121006
आशा के जीवन के 70वीं आशा
1 अक्तूबर को आशा पारेख ने अपनी जिंदगी के 70वें बसंत का जश्न मनाया. अपने 70 वें जन्मदिन पर आशा ने खास कार्यक्रम का आयोजन किया था. जिसमें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के गोल्डन दौर के लगभग वे सभी सितारें मौजूद थे, जो आज भी जीवित हैं और जिन्होंने आशा के साथ काम किया है. अमिताभ बच्चन-जया बच्चन, अरुणा ईरानी, हेलेन, शायरा बानो, शम्मी जी, मंसूर खान, यश चोपड़ा, आश भोंसले, आमिर खान का पूरा परिवार वहां मौजूद था. चूंकि आमिर के वालिद नासिर खान ने ही फिल्म दिल देके देखो से वर्ष 1959 में आशा पारेख को पहला ब्रेक दिया था. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अभी लंबे अरसे के बाद किसी पार्टी में सभी पुराने दौर के लोग मिले. दरअसल, यह दर्शाता है कि इतने लंबे अरसे में भी आशा सबकी पसंदीदा व्यक्तित्व में से एक रही हैं. आशा को उस दौर में भी सुपरसितारा अभिनेत्री की उपाधि भले न मिली हो. लेकिन उन्होंने अपने दौर में लगभग उस दौर के हर सुपरसितारा कलाकार के साथ काम किया. शायद आज के दौर में जिस तरह खान्स की हीरोइन बनने की वजह से करीना कपूर व कट्रीना कैफ की गिनती सुपरसितारा अभिनेत्री में होती है. उस दौर में उस आधार पर आशा भी सुपरसितारा हैसियत रखतीं. लेकिन हकीकत यह है कि उस दौर में अभिनेत्रियों ने कभी पुरुषों के कंधे पर रखी कामयाबी को तवज्जो नहीं दी. नरगिस, नूतन, मधुबाला, मीना कुमारी, हेमा मालिनी, रेखा जैसी सभी अभिनेत्रियां सुपरसितारा बनीं. कुछ इसी तरह उस दौर में फिल्म तीसरी मंजिल, दिल देके देखो, कटी पतंग जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में आशा ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया था. आशा के फेशियल एक्सप्रेशन हमेशा उनकी सबसे बड़ी खूूबी रहे. लेकिन इसके बावजूद कि उन्हें बेहद लाइमलाइट नहीं मिलती. वे अपने जीवन से संतुष्ट हंै, अपनी नाम की तरह ही वे आशावादी रहीं.
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