कृष्णा अभिषेक कलर्स चैनल पर नये शो के साथ आये हैं. रंग रूप वही है. बस होस्ट बदल गये हैं. अपने पहले एपिसोड में जहां उनकी कोशिश होनी चाहिए थी, कि वे अपनी पहचान स्थापित करें. उन्होंने पूरा का पूरा एपिसोड ही कपिल शर्मा की खिल्ली उड़ाने में निकाल दी. जाहिर है चैनल ने भी लेखक को पूरी स्वतंत्रता दी होगी कि व ेपुराने होस्ट की जम कर खिल्ली उड़ायें. इसी चैनल पर एक शो और भी प्रसारित होता है, जहां सेलिब्रिटीज को बुला कर उनका मजाक उड़ाया जाता है. एआइबी रोस्ट का यह देसी वर्जन भी नहीं, बल्कि बी ग्रेड वर्जन कहा जा सकता है. लेकिन फिर भी इसे लोकप्रियता मिल रही है और इसी लोकप्रियता के आधार पर कॉमेडी नाइट्स में भी वे धमाल मचा लेंगे. हकीकत यह भी है कि अगर वाकई शो का पूरा कांसेप्ट ही बदल दिया जाता और नये सिरे से नये शो की परिकल्पना की जाती तो संभव था कि इस शो को भी दर्शकों का प्यार मिलता है. दरअसल, यह सिर्फ इस शो तक सीमित नहीं, यह एक बड़ी हकीकत है कि इन दिनों हम खुद को निखारने की बजाय दूसरों की टांग खींचने की अधिक कोशिश करते हैं. राजकुमार हिरानी ने फिल्म 3 इडियट्स में इसे बखूबी दर्शाया है कि अपने अंक कम आये फर्क नहीं पड़ता. लेकिन दोस्त को ज्यादा अंक आ जाने पर बहुत दुख होता है. यह एक बड़ी सच्चाई है. ऐसा नहीं है कि कपिल के शो में कमियां नहीं थीं. या वही श्रेष्ठ थे. लेकिन कपिल ने अपनी पहचान, अपने शो के किरदारों की पहचान अलग तरीके से बनायी. शेष कलाकार उन्हें कॉपी करने की बजाय, या उन्हें फॉलो करने की बजाय अपनी मौलिकता से कुछ गढ़ें. तो नये प्रयोग भी होंगे और शायद दर्शकों को वे रास भी आयें.वरना, उन्हें नकल की कीमत चुकानी होगी.
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20160217
नकल की कीमत
कृष्णा अभिषेक कलर्स चैनल पर नये शो के साथ आये हैं. रंग रूप वही है. बस होस्ट बदल गये हैं. अपने पहले एपिसोड में जहां उनकी कोशिश होनी चाहिए थी, कि वे अपनी पहचान स्थापित करें. उन्होंने पूरा का पूरा एपिसोड ही कपिल शर्मा की खिल्ली उड़ाने में निकाल दी. जाहिर है चैनल ने भी लेखक को पूरी स्वतंत्रता दी होगी कि व ेपुराने होस्ट की जम कर खिल्ली उड़ायें. इसी चैनल पर एक शो और भी प्रसारित होता है, जहां सेलिब्रिटीज को बुला कर उनका मजाक उड़ाया जाता है. एआइबी रोस्ट का यह देसी वर्जन भी नहीं, बल्कि बी ग्रेड वर्जन कहा जा सकता है. लेकिन फिर भी इसे लोकप्रियता मिल रही है और इसी लोकप्रियता के आधार पर कॉमेडी नाइट्स में भी वे धमाल मचा लेंगे. हकीकत यह भी है कि अगर वाकई शो का पूरा कांसेप्ट ही बदल दिया जाता और नये सिरे से नये शो की परिकल्पना की जाती तो संभव था कि इस शो को भी दर्शकों का प्यार मिलता है. दरअसल, यह सिर्फ इस शो तक सीमित नहीं, यह एक बड़ी हकीकत है कि इन दिनों हम खुद को निखारने की बजाय दूसरों की टांग खींचने की अधिक कोशिश करते हैं. राजकुमार हिरानी ने फिल्म 3 इडियट्स में इसे बखूबी दर्शाया है कि अपने अंक कम आये फर्क नहीं पड़ता. लेकिन दोस्त को ज्यादा अंक आ जाने पर बहुत दुख होता है. यह एक बड़ी सच्चाई है. ऐसा नहीं है कि कपिल के शो में कमियां नहीं थीं. या वही श्रेष्ठ थे. लेकिन कपिल ने अपनी पहचान, अपने शो के किरदारों की पहचान अलग तरीके से बनायी. शेष कलाकार उन्हें कॉपी करने की बजाय, या उन्हें फॉलो करने की बजाय अपनी मौलिकता से कुछ गढ़ें. तो नये प्रयोग भी होंगे और शायद दर्शकों को वे रास भी आयें.वरना, उन्हें नकल की कीमत चुकानी होगी.
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