शाहरुख खान दिल्ली में अपने कॉलेज हंसराज लौटे. कई सालों के बाद. उन्होंने कॉलेज से अपनी डिग्री के सर्टिफिकेट भी लिये, जो वे कई सालों से नहीं ले पाये थे. वहां उन्होंने अपनी आनेवाली फिल्म फैन का गाना रिलीज किया.इस गाने में वे फैन के रूप में नजर आ रहे हैं, जो दिल्ली का ही रहनेवाला है. निर्देशक मनीष शर्मा ने शायद गौरव के किरदार को दिल्ली शहर का इसलिए दर्शाया होगा, चूंकि शाहरुख भी दिल्ली से हैं और यह हकीकत है कि हमें अपने शहर की शख्सियत को आदर्श बनाना पसंद है. हम उस हर शख्स में अपना आदर्श ही देखते हैं, अगर वह हमारे अपने शहर से हो तो. चूंकि उन्हें देख कर हमारे रोंगटे खड़े होते हैं और अंर्तरात्मा से यह आवाज आती है कि अगर यह कर सकते तो हम क्यों नहीं. शाहरुख ने किसी न किसी रूप में ंिंनश्चित रूप से दिल्ली के कई लोगों को प्रभावित किया होगा. उनकी फिल्मी एंथम के शब्दों में कहें तो शाहरुख ने कई लोगों के दिल में टंटा किया होगा. फिर कुछ लोग इसे स्वीकारते हैं, कुछ नहीं. कंगना को खुशी मिलती है,जब कोई उनके शहर की लड़की आकर उन्हें कहती है कि उन्होंने उसे हिम्मत करने की हिम्मत दी है. सिर्फ कलाकार ही नहीं, निर्देशक भी लोगों को प्रभावित करते हैं. आज भी फिल्मी आइकॉन में इम्तियाज अली से बड़ा आइकन झारखंड में कोई दूसरा नहीं. चूंकि इम्तियाज ने अपनी एक अलग पहचान खुद स्थापित की. पूरा इलाहाबाद आज भी अपनी बातों में इस बात का जिक्र करना नहीं भूलता, कि अमिताभ उनके शहर से हैं. कोई राबता न होते हुए भी इन शख्सियतों को हम ऐसे झटके से अपना मान बैठते हैं, जितने प्यार से हम उस शहर के खान-पान का दावा करते हैं. जैसे इंदौर ने जलेबी को अपना लिया है और आगरा पेठे पर अपनी राजसी ठाठ समझता. उम्मीदन इन पहलुओं को भी छूने की कोशिश होगी फैन में.
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20160217
फैन और शहर
शाहरुख खान दिल्ली में अपने कॉलेज हंसराज लौटे. कई सालों के बाद. उन्होंने कॉलेज से अपनी डिग्री के सर्टिफिकेट भी लिये, जो वे कई सालों से नहीं ले पाये थे. वहां उन्होंने अपनी आनेवाली फिल्म फैन का गाना रिलीज किया.इस गाने में वे फैन के रूप में नजर आ रहे हैं, जो दिल्ली का ही रहनेवाला है. निर्देशक मनीष शर्मा ने शायद गौरव के किरदार को दिल्ली शहर का इसलिए दर्शाया होगा, चूंकि शाहरुख भी दिल्ली से हैं और यह हकीकत है कि हमें अपने शहर की शख्सियत को आदर्श बनाना पसंद है. हम उस हर शख्स में अपना आदर्श ही देखते हैं, अगर वह हमारे अपने शहर से हो तो. चूंकि उन्हें देख कर हमारे रोंगटे खड़े होते हैं और अंर्तरात्मा से यह आवाज आती है कि अगर यह कर सकते तो हम क्यों नहीं. शाहरुख ने किसी न किसी रूप में ंिंनश्चित रूप से दिल्ली के कई लोगों को प्रभावित किया होगा. उनकी फिल्मी एंथम के शब्दों में कहें तो शाहरुख ने कई लोगों के दिल में टंटा किया होगा. फिर कुछ लोग इसे स्वीकारते हैं, कुछ नहीं. कंगना को खुशी मिलती है,जब कोई उनके शहर की लड़की आकर उन्हें कहती है कि उन्होंने उसे हिम्मत करने की हिम्मत दी है. सिर्फ कलाकार ही नहीं, निर्देशक भी लोगों को प्रभावित करते हैं. आज भी फिल्मी आइकॉन में इम्तियाज अली से बड़ा आइकन झारखंड में कोई दूसरा नहीं. चूंकि इम्तियाज ने अपनी एक अलग पहचान खुद स्थापित की. पूरा इलाहाबाद आज भी अपनी बातों में इस बात का जिक्र करना नहीं भूलता, कि अमिताभ उनके शहर से हैं. कोई राबता न होते हुए भी इन शख्सियतों को हम ऐसे झटके से अपना मान बैठते हैं, जितने प्यार से हम उस शहर के खान-पान का दावा करते हैं. जैसे इंदौर ने जलेबी को अपना लिया है और आगरा पेठे पर अपनी राजसी ठाठ समझता. उम्मीदन इन पहलुओं को भी छूने की कोशिश होगी फैन में.
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