किकू शारदा कॉमेडी नाइट्स विद कपिल में पलक की भूमिका निभा रहे हैं और डांस रियलिटी शो में भी वह किकू शारदा बन कर नहीं बल्कि पलक बन कर इस शो का हिस्सा बने हैं. निस्संदेह किकू को लोकप्रियता पलक के किरदार से ही मिली है. लेकिन वे इस तरह इस किरदार की गिरफ्त में आ चुके हैं कि वे बाकी शोज में भी पलक के लाउड किरदार में ंही नजर आते हैं. फिर चाहे वह अकबर बीरबल हो या फिर एफआइआर. स्पष्ट है कि किकू इस बात से पूरी तरह वाकिफ हैं कि यही सही वक्त है और वे अपनी पलक वाली इमेज को हर तरीके से भुना सकते हैं. हर कलाकार के पास ये मौके उनकी करियर के किसी न किसी मोड़ पर जरूर आते हैं. जब उन्हें ढेर सारे मौके मिलते रहते हैं. शायद यही वजह है कि किकू इस बात से कोई परेशानी नहीं कि झलक में जबकि बाकी सारे प्रतिभागी अपनी वास्तविक छवि में दर्शकों के सामने परफॉर्म करते हैं. वे तब भी पलक बन कर ही रहते हैं. ग्लैमर इंडस्ट्री के ये नुकसान भी हैं, वे कई बार इस कदर किसी किरदार या नाम को लोकप्रिय बना देता है कि चाह कर भी वह कलाकार उससे बाहर नहीं निकल पाते. कुछ साल पहले रमेश सिप्पी से मेरी मुलाकात हुई थी. वह पहली मुलाकात थी. मेरे जेहन में उनकी शोले की ही इमेज थी. सो, मैंने शोले से संबंधित प्रश्न पूछने प्रारंभ किये.उन्होंने बहुत खिझते हुए कहा कि मैं शोले के बारे में बात करके थक चुका हूं. अब उससे बाहर निकलना चाहता हूं. आज भी अमिताभ बच्चन के गिने चुने वही संवाद बार बार दोहराये जाते हैं. लेकिन किसी कलाकार के लिए यह घातक ही साबित होता है. गब्बर सिंह उर्फ अमजेद खान कभी गब्बर की इमेज से बाहर नहीं आ पाये. अमरीश पुरी ने अपनी इमेज तोड़ी और आज वर्तमान में कोई एक इमेज में बंध कर रहना नहीं चाहता, क्योंकि इससे दर्शक ऊब जाते हैं.
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